नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क | पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी द्वारा दायर मानहानि मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले के वेतन का कुछ हिस्सा कुर्क करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के एक दिन बाद, गोखले ने शुक्रवार, 25 अप्रैल को कहा कि वह ‘‘और मजबूती से लड़ेंगे।’’ गोखले ने मीडिया में जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता - मैं और भी मजबूती से लड़ता रहूंगा।
वेतन का 75 प्रतिशत हिस्सा कुर्क
मैं (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस का सिपाही हूं।’’ तृणमूल सांसद के करीबी सूत्रों ने कहा कि वह आदेश के खिलाफ अपील दायर करेंगे। उन्होंने आदेश के समय को लेकर भी सवाल उठाया है। सूत्र ने कहा कि गोखले के वेतन का 75 प्रतिशत हिस्सा कुर्क कर लिया गया है, जबकि यह वेतन ही उनकी आय का एकमात्र स्रोत है।
50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व राजनयिक एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी द्वारा दायर मानहानि मामले में गोखले का वेतन कुर्क करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा था कि गोखले को संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव पुरी से माफी मांगने और उन्हें 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया गया था लेकिन उन्होंने न तो जुर्माने की राशि जमा की और न ही कोई उचित स्पष्टीकरण दिया।
अदालत ने कहा था, ‘‘वेतन तब तक कुर्क रहेगा जब तक कि 50 लाख रुपये अदालत में जमा नहीं कर दिए जाते।’’ पुरी ने 2021 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि गोखले ने जिनेवा में उनके स्वामित्व वाले एक अपार्टमेंट के संबंध में उनके वित्तीय मामलों को लेकर झूठे आरोप लगाए तथा उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।