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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट में लाने की सिफारिश की गई है। कालेजियम ने सरकार के पास उनका नाम भेजा है। अगर सरकार ने सिफारिश को माना तो जस्टिस पंचोली चीफ जस्टिस आफ इंडिया बन जाएंगे। वो जस्टिस जोयमाला बागची के बाद सीजेआई बन सकते हैं। सरकार मानी तो जस्टिस पंचोली 1.5 साल के लिए सीजेआई बनेंगे।
अक्टूबर 2031 में बन सकते हैं सीजेआई
जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सरकार सुप्रीम कोर्ट लाने का फैसला करती है तो उनके पास टाप कोर्ट में तकरीबन 8 साल का वक्त होगा। वो अक्टूबर 2031 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बन सकते हैं। गुजरात से फिलहाल दो जस्टिस सुप्रीम कोर्ट में हैं। जस्टिस एनवी अंजारिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी गुजरात हाईकोर्ट से हैं। जस्टिस पारदीवाला सुप्रीम कोर्ट के रोस्टर के हिसाब से मई 2028 से लेकर अगस्त 2030 तक सीजेआई बन सकते हैं। कुत्तों का फैसला उन्होंने ही दिया था।
गुजरात में थे वकील, 2014 में बने एडिशनल जज
जस्टिस पंचोली का जन्म 28 मई 1968 में हुआ था। उन्होंने 1991 में बार जाइन की और गुजरात हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी। 1 अक्टूबर 2014 को उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया। 10 जून 2016 को उन्हें परमानेंट जज बनाया गया। जुलाई 2023 में उनका तबादला पटना हाईकोर्ट कर दिया गया जहां वो चीफ जस्टिस बने।
20 मई 2033 तक सुप्रीम कोर्ट में रहेंगे जस्टिस पंचोली
अगर उनके नाम पर बीजेपी सरकार मुहर लगाती है तो वो 27 मई 2033 तक सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के कालेजियम ने बाम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे का नाम भी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के लिए रिकमंड किया है। कालेजियम में सीजेआई बीआर गवई के अलावा जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, जेके महेश्वरी और बीवी नागरथ्ना शामिल हैं। कालेजियम अपनी सारी सिफारिशें सरकार को भेजता है। सरकार अपनी मर्जी से उन पर आदेश जारी करती है। कई मर्तबा देखा गया है कि कालेजियम की सिफारिशें सरकार नहीं मानती है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां सिफारिशों को दरकिनार किया गया।
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