लखनऊ, आईएएनएस: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने कहा था कि "जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिला दिया।
इमरान मसूद ने कहा, “हमें तो पीओके की उम्मीद थी, लेकिन सीजफायर का ऐलान हो गया।
उन्होंने कहा कि हमारी सेना पीओके में घुस गई थी। हमें सिर्फ बटन दबाना था, लेकिन सरकार ने सीजफायर का बटन दबा दिया। अगर ऐसा नहीं होता तो आज पीओके भारत का हिस्सा होता। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सीजफायर क्यों किया गया, “क्या हम ट्रंप के गुलाम हैं? अगर नहीं हैं तो फिर यह कदम क्यों उठाया गया?
पीएम के बयान पर समर्थन और सवाल
इमरान मसूद ने पीएम मोदी के बीकानेर वाले बयान का आंशिक समर्थन करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री के पास जो भी इनपुट होगा, उसी के आधार पर उन्होंने यह बात जनता के सामने रखी। लेकिन उन्हें यह भी बताना चाहिए कि हमने आतंकियों को कैसे मारा, और कितनों को मारा। उन्होंने कहा कि पीओके पर नियंत्रण करने की स्थिति बन गई थी, लेकिन फैसला सरकार ने सीजफायर का किया। “हमारे सैनिक वहां तक पहुंच चुके थे, हमें तो सिर्फ आदेश का इंतजार था,” उन्होंने जोड़ा।
विदेश नीति और नक्सलवाद पर भी बोले मसूद
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के विदेश दौरों पर मसूद ने कहा, “देश के भीतर हमारे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब विदेश जाएंगे तो हम एकता के साथ बोलेंगे। हम केवल भारत के हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के बयान का समर्थन करते हुए कहा, “देश के लिए हम सब एक हैं। विदेश में एक ही स्वर में बात होगी। छत्तीसगढ़ में नक्सली मुठभेड़ पर भी उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “कोई भी राष्ट्र विरोधी ताकत, चाहे वह कोई भी हो, उसे पूरी तरह कुचल देना चाहिए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार नक्सलवाद के खिलाफ 2026 तक का खात्मा लक्ष्य लेकर अभियान चला रही है, जिसमें अब तक कई सफलताएं भी मिली हैं।