नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। IGI एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक भारतीय एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो श्रीलंकाई महिला को फर्जी दस्तावेजों के जरिए कनाडा भेजने की कोशिश कर रहा था। इस मामले में तीन श्रीलंकाई नागरिक पहले ही पकड़े जा चुके हैं, जबकि साजिश के मास्टरमाइंड श्रीलंका के एक अन्य नागरिक की तलाश की जा रही है।
महिला फर्जी पासपोर्ट से कर रही थी ट्रैवल की कोशिश
IGI की एडिशनल पुलिस कमिश्नर उषा रंगनानी के अनुसार, 7 मई को एयर इंडिया स्टाफ ने सुरेका महेंद्रम नामक श्रीलंकाई महिला को रोका। जांच में पता चला कि महिला ने पहले काठमांडू जाने के लिए इमिग्रेशन क्लीयरेंस लिया था, लेकिन वह फर्जी फ्रांसीसी पासपोर्ट और पहचान पत्र के साथ टोरंटो (कनाडा) जाने की उड़ान में चढ़ने की कोशिश कर रही थी।
फ्रांसीसी महिला का बोर्डिंग पास
महिला के पास से जो बोर्डिंग पास मिला, वह फ्रांसीसी नागरिक साहिला सेल्लप्पाका का था, जो वास्तव में उस उड़ान से कनाडा जाने वाली थी। दोनों महिलाओं ने इमिग्रेशन एरिया में पास की अदला-बदली की थी।
पुलिस ने तीनों श्रीलंकाई यात्रियों को गिरफ्तार किया
पूछताछ में सुब्रमण्यम मरिमुथु नाम के एक और व्यक्ति का खुलासा हुआ, जिसने फर्जी इमिग्रेशन स्टांप का इस्तेमाल किया और बाद में उड़ान छोड़ दी। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
भारतीय एजेंट ‘रामर’ की भूमिका उजागर
पूछताछ में सामने आया कि दिल्ली के पहाड़गंज निवासी एजेंट रामर ने इस साजिश में अहम भूमिका निभाई। वह श्रीलंकाई एजेंट ‘थारन’ के साथ मिलकर योजना बना रहा था। रामर ने यात्रियों को भारतीय सिम कार्ड मुहैया कराया, दिल्ली में ठहरने की व्यवस्था की और एयरपोर्ट तक पहुंचाया। तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस ने रविवार को रामर को पहाड़गंज से गिरफ्तार किया। अब पुलिस श्रीलंका में बैठे मास्टरमाइंड थारन की तलाश में जुटी है।