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पूर्व IAS अजय सेठ बने IRDAI प्रमुख : बीमा सेक्टर में बड़े बदलावों की जगी उम्मीद! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज गुरूवार 24 जुलाई 2025 को भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) को नया अध्यक्ष मिल गया है। पूर्व आईएएस अधिकारी अजय सेठ को तीन साल के लिए IRDAI का नया चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति से भारतीय बीमा क्षेत्र में कई अहम बदलावों की उम्मीद है। यह कदम देश के तेजी से बढ़ते बीमा बाजार के लिए एक नई दिशा तय कर सकता है, खासकर नियामक प्रक्रियाओं और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा को लेकर।
आपको बता दें कि अजय सेठ एक अनुभवी नौकरशाह हैं, जिन्होंने वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के सचिव के रूप में कार्य किया है। उनके पास शासन और वित्तीय नीतियों का गहरा अनुभव है, जो IRDAI जैसे महत्वपूर्ण नियामक संस्था के लिए बेहद मूल्यवान साबित होगा। उन्होंने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों में अहम भूमिका निभाई है, जिससे उनका ट्रैक रिकॉर्ड काफी मजबूत दिखता है।
IRDAI का प्रमुख पद बीमा सेक्टर में नीतियों को आकार देने, स्थिरता सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण होता है। सेठ का अनुभव निश्चित रूप से इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। उनकी पिछली भूमिकाओं में मिली सफलता से यह उम्मीद की जा रही है कि वे बीमा नियामक के रूप में भी उत्कृष्टता हासिल करेंगे।
Former IAS officer Ajay Seth appointed as Chairperson, Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) for three years.
— ANI (@ANI) July 24, 2025
IRDAI और बीमा क्षेत्र पर क्या होगा असर?
अजय सेठ की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारतीय बीमा बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। डिजिटलीकरण, नए बीमा उत्पादों की बढ़ती मांग और बढ़ती हुई बीमा जागरूकता ने इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण मोड़ पर ला खड़ा किया है। ऐसे में अजय सेठ के नेतृत्व में IRDAI से कई नई पहल की उम्मीद की जा रही है।
नियामक सुधार: उम्मीद है कि वे बीमा नियमों को और अधिक सरल बनाएंगे, जिससे कंपनियों के लिए व्यापार करना आसान होगा और उपभोक्ताओं के लिए बीमा उत्पाद अधिक सुलभ होंगे।
उपभोक्ता संरक्षण: अजय सेठ के कार्यकाल में उपभोक्ता हितों की सुरक्षा को प्राथमिकता मिल सकती है। इसमें शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना और बीमा उत्पादों की पारदर्शिता बढ़ाना शामिल है।
डिजिटलीकरण पर जोर: बीमा क्षेत्र में तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए, अजय सेठ डिजिटलीकरण को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे बीमा खरीदने और क्लेम करने की प्रक्रिया और अधिक कुशल बन सकेगी।
बाजार का विस्तार: ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए नए रणनीतिक कदम उठाए जा सकते हैं, जिससे बीमा कवरेज का विस्तार होगा।
अजय सेठ के सामने चुनौतियां भी कम नहीं होंगी, जैसे कि बीमा धोखाधड़ी पर लगाम लगाना और बीमा कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा का एक स्वस्थ माहौल बनाए रखना।
क्या भारत बनेगा बीमा का गढ़?
भारतीय बीमा बाजार में अपार संभावनाएं हैं। कम बीमा पहुंच और बढ़ती डिस्पोजेबल आय के साथ, इस क्षेत्र में विकास की बहुत गुंजाइश है। अजय सेठ की नियुक्ति से इस विकास को एक नई गति मिल सकती है। उनका अनुभव और दूरदर्शिता भारतीय बीमा नियामक के रूप में उन्हें सफल बना सकती है।
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