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चीन के साथ सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी चुनौती : CDS जनरल अनिल चौहान का बड़ा बयान

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत के सामने दो बड़ी चुनौती है, जिसमें चीन और पाकिस्तान सीमा विवाद शामिल है। पाकिस्तान का मकसद हमेशा से भारत को हजार जख्म देकर लहूलुहान करने का रहा है।

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Mukesh Pandit
CDS ANIL CHAUHAN

सीडीएस जनरल अनिल चौहान। File photo

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। ‘भारत के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां’ विषयक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान ने कहा कि युद्ध में सफलता हासिल करने के लिए सरप्राइज एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है। उरी सर्जिकल स्ट्राइक में भारत ने जमीन के रास्ते जाकर आतंकी ठिकानों को बर्बाद किया, बालाकोट में एयर स्ट्राइक का सहारा लिया गया। जबकि पहलगाम हमले के बाद लो एयर स्पेस, ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। भारतीय सेनाओं ने हर बार दुश्मन को सरप्राइज कर अपना टारगेट पूरा किया।  

देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने उप्र के शहर गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि चीन के साथ भारत का सीमा विवाद देश के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। वहीं, भारत के खिलाफ पाकिस्तान का लगातार हमला अगला बड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान का मकसद हमेशा से भारत को हजार जख्म देकर भारत को नुकसान पहुंचाने का है। 

चीन से विवाद बड़ी चुनौती

उन्होंने कहा कि देश के सामने चुनौतियां थोड़े समय के लिए नहीं रहतीं, वो कई तरह से मौजूद हैं। मेरा मानना है कि चीन के साथ भारत का विवाद सबसे बड़ी चुनौती है, जो आगे भी रहेगी. एक चुनौती यह भी है कि युद्ध के नियम बदल चुके हैं, अब साइबर और अंतरिक्ष भी इसमें शामिल है।

राष्ट्र की सुरक्षा के लिए चार तथ्य 

उन्होंने बताया कि आचार्य चाणक्य ने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए चार तथ्य बताए हैं:, राष्ट्र के आंतरिक खतरे, बाह्य खतरे, बाहरी सहयोग से आंतरिक खतरे और आंतरिक सहयोग से बाहरी खतरे। सीडीएस ने कहा कि समग्र रूप से राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तीन घटक महत्वपूर्ण होते हैं। भूमि की सुरक्षा, विचारधारा की सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए इन तीनों की सुरक्षा अनिवार्य है। इस संदर्भ में उन्होंने तीन घेरों सैन्य सुरक्षा, राष्ट्र की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा की विस्तार से चर्चा की।

दोनों प्रतिद्वंद्वी देश परमाणु शक्ति संपन्न 

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सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि हमारे दोनों प्रतिद्वंद्वी देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं और यह तय करना हमेशा कठिन होता है कि उनके खिलाफ किस तरह का अभियान चलाया जाए। ऑपरेशन सिंदूर की बात करते हुए उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया था।

कार्रवाई के दौरान सशस्त्र बलों को पूरी तरह आजादी

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के दौरान सशस्त्र बलों को पूरी तरह आजादी थी, जिसमें योजना बनाना और टारगेट का चयन करना शामिल था। हमारा उद्देश्य आतंकवादियों से बदला लेना नहीं, बल्कि एक ही उद्देश्य था, 'धैर्य की सीमा रेखा खींचना'। सीडीएस जनरल चौहान गोरखरपुर में पहुंचे थे, जहां गोरखा युद्ध स्मारक का जीर्णोद्धार और गोरखा संग्रहालय का शिलान्यास किया गया. यहां अनिल चौहान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पहुंचे थे। : India China border dispute | CDS Anil Chauhan 

India China border dispute CDS Anil Chauhan
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