Advertisment

'जीत ऐसी ही दिखती है', Rawalpindi से लेकर जैकोबाबाद तक भारत ने ग्यारह एयरबेस '90 मिनट' में किए तबाह

भारतीय सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेस को महज 90 मिनट में निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया। इस संयुक्त सैन्य अभियान ने रावलपिंडी से लेकर जैकोबाबाद तक पाकिस्तान की वायुसेना की क्षमता को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया।

author-image
Ranjana Sharma
Indian Army (1)
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली,आईएएनएस: 'ऑपरेशन सिंदूर' को सफलता के नए सोपान तक पहुंचाने का काम भारतीय सेना के संयुक्त प्रयास से संभव हुआ। एक दो नहीं बल्कि पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद 11 एयरबेस को महज 90 मिनट में तबाह-ओ-बर्बाद कर दिया गया। ये सब कुछ बेहद सोची समझी रणनीति का हिस्सा था। भारत की दहाड़ दुनिया ने सुनी। बड़ी सहजता, बुद्धिमता और चपलता से सेना ने जो किया उसे भाजपा ने सैल्यूट किया है। भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने 90 मिनट में पाकिस्तानी एयरफोर्स की कमर तोड़ कर रख दी। एक्स पोस्ट पर भारतीय सेना को सलाम करते हुए मालवीय ने सिलसिलेवार तरीके से एयरबेस तबाही की कहानी बयां की है।

Advertisment

प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस पर 90 मिनट में मिटाए

पोस्ट में लिखा है- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस पर 90 मिनट तक टारगेट अटैक किया। इन हमलों ने पाकिस्तान की श्रेष्ठता के दावे को मटियामेट कर दिया। इन सटीक हमलों ने पाकिस्तान की हवाई श्रेष्ठता बनाए रखने, राष्ट्रीय सुरक्षा का समन्वय करने और किसी भी सटीक जवाबी कार्रवाई को अंजाम देने की क्षमता को नष्ट कर दिया। प्रत्येक बेस ने एक महत्वपूर्ण कार्य किया, और इसके विनाश ने पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक क्षति पहुंचाई।

इन जगहों को पहुंचा नुकसान 

Advertisment

इस हमले में नूर खान/चकलाला एयरबेस (रावलपिंडी), पीएएफ बेस रफीकी (शोरकोट), मुरीद एयरबेस (पंजाब), सुक्कुर एयरबेस (सिंध), सियालकोट एयरबेस (पूर्वी पंजाब), पसरूर एयरस्ट्रिप (पंजाब), चुनियन (रडार/सहायता स्थापना), सरगोधा एयरबेस (मुशफ बेस), स्कार्दू एयरबेस (गिलगित-बाल्टिस्तान), भोलारी एयरबेस (कराची के पास) और जैकोबाबाद एयरबेस (सिंध-बलूचिस्तान) को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया।

इन 11 स्थानों पर पाकिस्तान को भारी नुकसान

पोस्ट में इन 11 स्थानों की अहमियत और पाकिस्तान को पहुंचे बड़े नुकसान का जिक्र है। नूर खान/चकलाला एयरबेस (रावलपिंडी)- नूर खान पर भारत के हमले ने पाकिस्तान के हवाई रसद और उच्च-स्तरीय सैन्य समन्वय के केंद्र को बाधित कर दिया। ये इस्लामाबाद का सबसे नजदीकी बेस था, जिसका उपयोग अक्सर वीआईपी मूवमेंट और सैन्य रसद के लिए किया जाता है, इसके निष्प्रभावी होने से संघर्ष के दौरान पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) और इसकी ऑपरेशनल यूनिट्स के बीच महत्वपूर्ण संबंध टूट गए।

Advertisment

प्रमुख लड़ाकू विमानों का बेस तबाह

पीएएफ बेस रफीकी (शोरकोट)- रफीकी, प्रमुख लड़ाकू विमानों का बेस है, जो फ्रंटलाइन लड़ाकू स्क्वाड्रनों को होस्ट करता था, इसे भी हमारी सेना ने निष्क्रिय कर दिया। इसका असर ये पड़ा कि अपने विमान आश्रयों और रनवे के बुनियादी ढांचे के विनाश ने पाकिस्तान की जवाबी हवाई कार्रवाई शुरू करने की क्षमता को काफी कमजोर कर दिया, खासकर मध्य पंजाब में उसके हमलों को कुंद कर दिया। इस कदम ने प्रभावी रूप से पीएएफ के सबसे तेज आक्रामक उपकरणों में से एक को मिटा दिया।

मुरीद एयरबेस

Advertisment

मुरीद एयरबेस (पंजाब)- मुरीद को निशाना बनाकर, भारत ने एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण और संभावित मिसाइल भंडारण केंद्र को नुकसान पहुंचाया। इस हमले ने पाकिस्तान के वायु सेना की तत्परता को कम कर दिया। इसका नुकसान आने वाले कई साल तक झेलेगा। भारत ने पायलट प्रशिक्षण पाइपलाइन को ही काट दिया। सुक्कुर एयरबेस (सिंध)- सुक्कुर एयरबेस को नष्ट करने से पाकिस्तान का दक्षिणी हवाई गलियारा कट गया। सुक्कुर सिंध और बलूचिस्तान में सेना और उपकरणों की आवाजाही के लिए आवश्यक था। इसके नुकसान ने प्रमुख रसद धमनियों को काट दिया और दक्षिण में पाकिस्तान की परिचालन सीमा को कम कर दिया।

सियालकोट एयरबेस

सियालकोट एयरबेस (पूर्वी पंजाब)- भारतीय सीमा के करीब स्थित सियालकोट को संघर्ष के आरंभ में ही बेअसर कर दिया गया था। यह बेस जम्मू और पंजाब की ओर उड़ान भरने के लिए एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग प्लेटफॉर्म (अग्रिम परिचालन मंच) के रूप में काम करता था। इसके नष्ट होने से पूर्वी सीमा पर एक महत्वपूर्ण ब्लाइंड स्पॉट बन गया, जिससे पाकिस्तानी जमीनी सेना को भारतीय हवाई प्रभुत्व के लिए चुनौती नहीं मिल सकी।

पसरूर एयरस्ट्रिप

पसरूर एयरस्ट्रिप (पंजाब)- ये छोटा ही है लेकिन पसरूर फैसिलिटी आपातकालीन विमान संचालन में अहम भूमिका निभाता है। इसे नष्ट करके, भारत ने पाकिस्तान की सामरिक स्थिति को कमजोर कर दिया और विमानों को अधिक संवेदनशील स्थानों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर किया। चुनियन (रडार/सहायता स्थापना)- चुनियन पर हमलों ने मध्य पंजाब के हवाई क्षेत्र की निगरानी के लिए महत्वपूर्ण रडार कवरेज और संचार बुनियादी ढांचे को बाधित कर दिया। इससे पाकिस्तान की प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों में एक अंतर पैदा हो गया, जिससे भारतीय विमानों को कम जोखिम के साथ प्रवेश करने में मदद मिली।

सरगोधा एयरबेस

सरगोधा एयरबेस (मुशफ बेस)- सरगोधा का विनाश एक रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक था। पाकिस्तान में सबसे महत्वपूर्ण बेस के रूप में - कॉम्बैट कमांडर्स स्कूल, परमाणु वितरण प्लेटफ़ॉर्म और कुलीन स्क्वाड्रनों का घर - इसके विनाश ने पाकिस्तान के कमांड-एंड-कंट्रोल ढांचे को पंगु बना दिया। यह झटका परिचालन और प्रतीकात्मक दोनों था, जिसने एक अजेय 'पीएएफ' के मिथक को चकनाचूर कर दिया।

स्कार्दू एयरबेस 

स्कार्दू एयरबेस (गिलगित-बाल्टिस्तान)- स्कार्दू को बेअसर करने से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की उत्तरी निगरानी और हवाई संचालन में कमी आई। इसने उन रसद लिंक को भी बाधित किया जो चीनी-पाकिस्तानी समन्वय को बढ़ा सकती थीं। अब उत्तरी क्षेत्र में रणनीतिक लाभ पूरी तरह से भारत का है।

भोलारी एयरबेस

भोलारी एयरबेस (कराची के पास)- दोहरी-उपयोग वाली नौसेना और हवाई भूमिकाओं वाले पाकिस्तान के सबसे नए एयरबेस में से एक के रूप में, भोलारी- दक्षिणी बल प्रक्षेपण की महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक था। इसकी बर्बादी ने उन आकांक्षाओं पर प्रहार किया जो तटीय रक्षा समन्वय की कोशिशों पर केंद्रित था और इस तरह कराची को भविष्य के हमलों के लिए असुरक्षित बना दिया।

जैकोबाबाद एयरबेस 

जैकोबाबाद एयरबेस (सिंध-बलूचिस्तान)- जैकोबाबाद के नष्ट होने से पश्चिमी पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया। इसका इस्तेमाल सैन्य तैनाती के लिए किया जाता था। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना ने भी इसका प्रयोग किया। हमने इसे नष्ट कर आंतरिक गतिशीलता, आपूर्ति श्रृंखला और पाकिस्तान की पश्चिमी हवाई निगरानी को ठेस पहुंचा दी।

मालवीय  पोस्ट

मालवीय की ये पोस्ट आखिर में इन एयरबेस को बर्बाद करने से होने वाले भारत के लाभ की बात करती है। स्पष्ट करती है कि भारत के तेज और समन्वित हमलों ने पाकिस्तान की हवाई क्षमताओं को रणनीतिक रूप से खत्म कर दिया। रडार नेटवर्क, कमांड हब और स्ट्राइक प्लेटफॉर्म को नष्ट करने से पीएएफ अंधा, जमीन पर भ्रमित हो गया। युद्ध के मैदान में जीत से कहीं अधिक, ये संरचनात्मक विध्वंस थे - जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की आज लड़ने की क्षमता को अक्षम करना और भविष्य में आक्रमण के बारे में सोचने से रोकना था।

 

indian army Operation Sindoor
Advertisment
Advertisment