/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/10/india-eu-meeting-update-2025-09-10-16-26-39.jpg)
Terrorism के खिलाफ India-EU साथ, इन 5 बड़े तरीके से करेंगे मुकाबला | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत और यूरोपीय संघ ने मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक जंग छेड़ने का फैसला किया है। ब्रसेल्स में हुई 15वीं बैठक में दोनों पक्षों ने आतंकवाद को वैश्विक खतरा मानते हुए उसके हर रूप की कड़ी निंदा की। पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए भारत और ईयू ने फंडिंग, ऑनलाइन कट्टरता और नई तकनीक से पैदा हुए खतरों पर गहन चर्चा की।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक ओर दुनिया भर में आतंकी गतिविधियां बढ़ रही हैं तो वहीं दूसरी ओर भारत और यूरोपीय संघ ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग का बिगुल बजा दिया है। ब्रसेल्स में हुई 15वीं आतंकवाद-निरोधी वार्ता में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया। इस बैठक में आतंकवाद की फंडिंग रोकने, ऑनलाइन कट्टरता पर लगाम कसने और नई तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती बन चुका है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और ईयू की यह साझा प्रतिक्रिया बेहद महत्वपूर्ण है। यूरोपीय संघ ने इस हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। जो यह दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वे भारत के साथ खड़े हैं।
The European Union and India held their 15th Meeting of the Joint Working Group on Counter Terrorism (CT) on 9 September 2025 in Brussels.
— ANI (@ANI) September 10, 2025
Both sides condemned the heinous terrorist attack on 22 April 2025 in Pahalgam and EU reiterated its condolences to India for the killing of… pic.twitter.com/kByEx3qcpl
भारत और ईयू द्वारा आतंकवाद के खात्मे के लिए उठाएंगे यह कदम
भारत और यूरोपीय संघ ने 15वीं आतंकवाद-निरोधी वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदमों पर सहमति जताई। हालांकि विशिष्ट कार्रवाइयों का विवरण सार्वजनिक रूप से सीमित हो सकता है, सामान्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग की उम्मीद है, जो इस वार्ता के फोकस क्षेत्रों पर आधारित हैं।
1- आतंकवाद की फंडिंग पर रोक: भारत और ईयू आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय संसाधनों को ट्रैक करने और रोकने के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान बढ़ाएंगे। इसमें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन की निगरानी और मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी उपायों को मजबूत करना शामिल है।
2- ऑनलाइन कट्टरता का मुकाबला: दोनों पक्ष ऑनलाइन मंचों पर कट्टरपंथी सामग्री को नियंत्रित करने के लिए तकनीकी सहयोग और नीतिगत ढांचे पर काम करेंगे। इसमें सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ सहयोग और कट्टरता को बढ़ावा देने वाली सामग्री को हटाने के लिए कदम उठाना शामिल हो सकता है।
3- नई तकनीकों से उत्पन्न खतरों का समाधान: ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और अन्य उभरती तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने के लिए भारत और ईयू संयुक्त अनुसंधान और तकनीकी नवाचार पर ध्यान देंगे। इसमें साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और आतंकवादी गतिविधियों के लिए तकनीक के उपयोग को ट्रैक करने के लिए रणनीतियाँ विकसित करना शामिल है।
4- क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण: दोनों पक्ष आतंकवाद-निरोधी अभियानों में शामिल सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के लिए संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं। यह आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में मदद करेगा।
5- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग: भारत और ईयू संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर आतंकवाद विरोधी प्रस्तावों, जैसे कि भारत द्वारा प्रस्तावित व्यापक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद सम्मेलन (CCIT), को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे।
ये कदम भारत और यूरोपीय संघ की वैश्विक सुरक्षा को बढ़ावा देने और आतंकवाद के सभी रूपों को समाप्त करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। दोनों पक्षों के बीच नियमित वार्ता और सहयोग आतंकवाद के खिलाफ एक समन्वित और प्रभावी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इसके अलावा आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को नामित करने पर भी निरंतर विचारों का आदान-प्रदान जारी रहेगा।
भारत का बढ़ता कद: आतंक के खिलाफ वैश्विक नेतृत्व
यह बैठक भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय कद का भी सबूत है। आज भारत न सिर्फ अपने देश में, बल्कि दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत आवाज बन चुका है। यूरोपीय संघ जैसे महत्वपूर्ण ब्लॉक के साथ यह साझेदारी दर्शाती है कि भारत आतंक के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
अगली बैठक नई दिल्ली में होगी जो इस सहयोग को और भी गहरा करेगी। इस बैठक से एक बात साफ है कि अब आतंकवाद का अंत नजदीक है। जब दुनिया की दो बड़ी शक्तियां, भारत और यूरोपीय संघ, एकजुट होकर इस खतरे से लड़ने का संकल्प लेती हैं, तो यह आतंकवादियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा।
भारत-ईयू आतंकवाद निरोधी वार्ता | आतंकवाद की फंडिंग रोकथाम | ऑनलाइन कट्टरता नियंत्रण | वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ सहयोग