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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत और फ्रांस के रिश्ते अब केवल कूटनीतिक नहीं, आर्थिक भी मज़बूत हो रहे हैं। यूरोपियन यूनियन और भारत के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की रफ्तार तेज़। 50+ भारतीय कंपनियों का प्रतिनिधिमंडल फ्रांस पहुंचा, दुनिया देख रही है यह साझेदारी। फ्रेंच मंत्री का बड़ा बयान: “हम ट्रेड वॉर नहीं, फ्री ट्रेड पर भरोसा करते हैं।” क्या आने वाले हफ्तों में ऐतिहासिक व्यापार समझौता हो जाएगा?
भारत और फ्रांस के रिश्तों में नया मोड़ आया है। फ्रेंच मंत्री लॉरेंट सेंट-मार्टिन ने कहा है कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) जल्द ही हकीकत बन सकता है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल 50 से ज्यादा कंपनियों के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ पेरिस पहुंचे, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि भारत-फ्रांस रिश्ते अब केवल कूटनीतिक नहीं, आर्थिक साझेदारी में भी तब्दील हो रहे हैं। यह खबर ना सिर्फ भारत के व्यापारिक भविष्य बल्कि वैश्विक मुक्त व्यापार प्रणाली के लिए भी अहम मानी जा रही है।
भारत-फ्रांस के बीच बढ़ती साझेदारी का संकेत
फ्रांस के पेरिस में जब केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 50 से अधिक भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे, तो वहां के मंत्री लॉरेंट सेंट-मार्टिन ने जो बयान दिया, वह बेहद महत्वपूर्ण था। उन्होंने साफ कहा कि “यह वक्त है जब भारत और फ्रांस को अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाना चाहिए।”
#WATCH | Paris, France: French Minister Laurent Saint-Martin says, "Minister Goyal arrived with a strong business delegation- over 50 companies- which is significant. At a time when global trade is facing challenges, we believe it’s crucial for India and France to strengthen… pic.twitter.com/PGod56lcj4
— ANI (@ANI) June 3, 2025
ग्लोबल ट्रेड संकट में भारत-फ्रांस साझेदारी बनी उम्मीद
दुनिया जब ग्लोबल ट्रेड वॉर, सप्लाई चेन में रुकावट और महंगाई जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, तब भारत और फ्रांस ने एक सकारात्मक आर्थिक मॉडल पेश किया है। दोनों देशों के बीच संभावित Free Trade Agreement (FTA) न केवल भारत-यूरोपीय व्यापार को गति देगा, बल्कि दुनिया को यह संदेश देगा कि मुक्त व्यापार आज भी मुमकिन है।
क्या है Free Trade Agreement (FTA)?
FTA एक ऐसा समझौता होता है जिसमें दो देशों के बीच व्यापार पर लगने वाले टैक्स (टैरिफ) या पाबंदियों को हटाया जाता है। इससे दोनों देशों के व्यापारी और कंपनियां बिना ज्यादा सरकारी अड़चनों के एक-दूसरे के बाज़ार तक पहुंच बना पाते हैं। भारत और फ्रांस के बीच FTA लागू होने से भारत के मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी और फार्मा सेक्टर को जबरदस्त फायदा हो सकता है।
यूरोपियन यूनियन से समझौते की दिशा में बड़ा कदम
फ्रेंच मंत्री लॉरेंट का कहना है कि यह समझौता केवल फ्रांस और भारत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारत और पूरी यूरोपियन यूनियन (EU) के बीच मुक्त व्यापार का रास्ता खोलेगा। EU और भारत के बीच FTA की बातचीत सालों से चल रही है, लेकिन अब उसमें वास्तविक गति दिखाई दे रही है।
भारत का मजबूत प्रतिनिधिमंडल – यह सिर्फ एक यात्रा नहीं है
पीयूष गोयल का पेरिस दौरा सामान्य सरकारी दौरा नहीं है। 50 से अधिक टेक्नोलॉजी, फार्मा, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टार्टअप कंपनियों के साथ गए यह प्रतिनिधिमंडल भारत की “मेक इन इंडिया” और “ब्रांड इंडिया” की सोच को यूरोप में मजबूत करने आया है। इससे फ्रांस में निवेश, साझेदारी और तकनीकी आदान-प्रदान के नए रास्ते खुल सकते हैं।
भारत-फ्रांस रिश्तों का भविष्य – व्यापार से आगे की बात
आज जब चीन की व्यापारिक नीतियों को लेकर पूरी दुनिया में संदेह है, भारत एक विश्वसनीय और लोकतांत्रिक व्यापारिक सहयोगी बनकर उभर रहा है। फ्रांस और भारत के बीच रक्षा, पर्यावरण, शिक्षा और स्पेस जैसे क्षेत्रों में भी रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। FTA इस बहुआयामी रिश्ते को और गहरा करेगा।
लोगों को क्या मिलेगा इससे फायदा?
इस समझौते से भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ते और क्वालिटी वाले यूरोपीय उत्पाद मिल सकते हैं, वहीं भारतीय उत्पादों को यूरोप के बड़े बाज़ार में पहुंच मिलेगी। इससे नौकरियों में बढ़ोतरी, निर्यात में इज़ाफा, और विदेशी निवेश जैसे लाभ होंगे।
यह सिर्फ डील नहीं, एक बड़ा संकेत है
भारत और फ्रांस के बीच संभावित FTA केवल व्यापारिक समझौता नहीं, बल्कि भरोसे और भविष्य की साझेदारी का प्रतीक है। यह दुनिया को बताता है कि जब देश साथ आते हैं, तो व्यापार, विकास और विश्वास एक साथ आगे बढ़ते हैं।
क्या आप इससे सहमत हैं? भारत-फ्रांस साझेदारी पर आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट करें।
India France Agreement