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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करने के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस बीच भारत में सांसदों के ऑल पार्टी फोरम ने दलाई लामा को भारत रत्न पुरस्कार देने का प्रस्ताव रखा है जिस पर 80 सांसदों ने हस्ताक्षर भी किए हैं। फोरम ने तिब्बत के मुद्दे को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का निर्णय लिया है।
दलाई लामा को भारत रत्न देने का प्रस्ताव
नई दिल्ली से डिजिटल डेस्क की रिपोर्ट के अनुसार, धर्मशाला में 90वां जन्मदिन मनाने वाले दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी के संबंध में बड़ा फैसला किया, जिसे चीन ने अपने आंतरिक मामले में मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सांसदों के ऑल पार्टी फोरम ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से दलाई लामा को सम्मानित करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के समक्ष जल्द प्रस्तुत करने की योजना बनाई है।
उत्तराधिकारी पर आप
तिब्बत के मुद्दे पर सक्रिय सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच (All Party Indian Parliamentary Forum on Tibet) के संयोजक भर्तृहरि महताब ने कई बार केंद्रीय तिब्बती प्रशासन से मुलाकात की है। राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार भी इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने चीन की दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन पर टिप्पणी को नकारते हुए कहा कि यह फैसला केवल दलाई लामा और उनके चुने हुए ट्रस्ट का अधिकार है न कि चीन का।
चीन ने आंतरिक मामलों में दखल बताया
फोरम ने तिब्बत के मुद्दे को संसद सहित विभिन्न मंचों पर जोरशोर से उठाने का संकल्प लिया है। 2 जुलाई को दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी के चयन का अधिकार गादेन फोडरंग ट्रस्ट को सौंपा था, जो उन्होंने स्वयं स्थापित किया था। चीन ने इस फैसले को अपने आंतरिक मामलों में दखल बताया है और इसे स्वीकार करने से इनकार किया है। Dalai lama