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Indian Navy का नया 'शेर' भूमध्य सागर में! INS Tamal ने दुनिया को दिखाई ताकत | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । ग्रीस के सुडा बे में भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस तमाल, का चार दिवसीय पड़ाव सामरिक रूप से बेहद अहम रहा। इस दौरान जहाज के कमांडिंग ऑफिसर और क्रू ने ग्रीक नौसेना और नाटो अधिकारियों से मुलाकात की, जिससे भारत की समुद्री ताकत और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को नई दिशा मिली।
भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत, आईएनएस तमाल (INS Tamal), अपनी स्वदेश वापसी के दौरान ग्रीस के सुडा बे (Souda Bay) में रुका, जो भूमध्य सागर में एक महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डा है। 19 से 22 अगस्त 2025 तक चले इस दौरे ने दुनिया को भारतीय नौसेना की बढ़ती पहुंच और क्षमता का संदेश दिया। इस दौरान, भारत ने न केवल अपनी नई पीढ़ी के युद्धपोत की ताकत का प्रदर्शन किया, बल्कि कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के साथ गहरे संबंध भी स्थापित किए।
यह यात्रा सिर्फ एक पोर्ट कॉल नहीं थी, बल्कि यह भारत की समुद्री कूटनीति का एक बड़ा हिस्सा थी। जहाज के कमांडिंग ऑफिसर ने सुडा बे नौसैनिक अड्डे (Souda Bay Naval Base) के बेस कमांडर कमोडोर डायोनिसियोस मानताडाकिस (Commodore Dionysios Mantadakis), नाटो के मैरीटाइम इंटरडिक्शन ऑपरेशन ट्रेनिंग सेंटर (NATO Maritime Interdiction Operation Training Centre - NMIOTC) के प्रमुख कप्तान कौपलाकिस इलियास (Captain Kouplakis Iiias) और अमेरिकी नौसेना के नेवल सपोर्ट एक्टिविटी के कमांडिंग ऑफिसर कप्तान स्टीफन स्टीसी (Captain Stephen Steacy) से मुलाकात की। इन मुलाकातों में समुद्री सहयोग और परिचालन संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई।
आईएनएस तमाल: भारत की समुद्री ताकत का प्रतीक
INS Tamal, the latest stealth frigate of the Indian Navy, on her passage to home base in India, called at Souda Bay, Greece, 19-22 Aug 2025. The ship’s crew engaged with the Hellenic Navy and NATO functionaries during the port call. This included the Commanding Officer's call on… pic.twitter.com/5xXQEm4BcJ
— ANI (@ANI) August 23, 2025
आईएनएस तमाल भारतीय नौसेना के सबसे उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट में से एक है। इसकी बनावट इसे दुश्मन की रडार से छिपाने में सक्षम बनाती है, जिससे यह युद्ध के मैदान में एक घातक हथियार साबित होता है। इस फ्रिगेट की भूमध्य सागर में मौजूदगी भारत की "नीली जल" नौसेना (Blue Water Navy) बनने की महत्वाकांक्षा को दर्शाती है, जो न केवल अपने क्षेत्रीय जल, बल्कि दूर-दराज के महासागरों में भी संचालन कर सकती है।
रणनीतिक महत्व: भूमध्य सागर दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में से एक है। यहां भारतीय युद्धपोत की मौजूदगी भारत की भू-राजनीतिक पहुंच को दर्शाती है।
नाटो के साथ सहयोग: नाटो अधिकारियों से मुलाकात ने भारत के पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते रक्षा संबंधों को मजबूत किया।
ऑपरेशनल अनुभव: इस यात्रा ने जहाज के क्रू को विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों में काम करने का मूल्यवान अनुभव दिया।
इटली के युद्धपोत 'आईटीएस ट्रायस्टे' पर भी गए भारतीय नाविक
सुडा बे में आईएनएस तमाल के क्रू को एक और खास मौका मिला। उन्होंने इतालवी नौसेना के बहु-भूमिका वाले उभयचर हमले वाले जहाज आईटीएस ट्रायस्टे (ITS Trieste) का दौरा किया। यह जहाज एक लैंडिंग हेलीकॉप्टर डॉक (Landing Helicopter Dock - LHD) है, जो एक साथ कई हेलीकॉप्टर और सैनिकों को ले जा सकता है। यह क्रॉस-डेक विजिट दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस तरह के दौरे न केवल तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान करते हैं, बल्कि सैनिकों के बीच भाईचारे को भी बढ़ावा देते हैं।
यह यात्रा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि एक वैश्विक समुद्री खिलाड़ी है, जो दुनिया भर में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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