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रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, भारत को Military Hardware और Space Technology में निवेश बढ़ाने की जरूरत

बदले वैश्विक परिदृश्य में भारत को मिलिट्री हार्डवेयर, स्पेस टेक्नोलॉजी, ड्रोन, एयर डिफेंस सिस्टम, विमान वाहक, स्मार्ट ग्रिड और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।

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Jyoti Yadav
India needs to increase investment in military hardware and space technology: Report
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नई दिल्ली, आईएएनएस। बदले वैश्विक परिदृश्य में भारत को मिलिट्री हार्डवेयर, स्पेस टेक्नोलॉजी, ड्रोन, एयर डिफेंस सिस्टम, विमान वाहक, स्मार्ट ग्रिड और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। 'मेक इन इंडिया' पहल के रणनीतिक महत्व को उजागर करते हुए ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के एडवांस एयर वॉरफेयर, मिसाइल सिस्टम और ड्रोन टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया।

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भू-राजनीतिक जटिलताएं बढ़ रही

पीएल कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, "जैसे-जैसे वैश्विक शक्तियां दक्षिण पूर्व एशिया में अपने पदचिह्न का विस्तार कर रही हैं, वैसे-वैसे भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बढ़ने के आसार हैं।" इसके अलावा, सिंधु जल संधि के सस्पेंशन से इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी), पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट (पीएसपी) और हाइड्रोइलेक्ट्रिक इक्विपमेंट में नए अवसर खुलने की संभावना है। पीएल कैपिटल का मानना है कि भू-राजनीतिक जटिलताएं बढ़ रही हैं और निकट भविष्य में इनके और बढ़ने की संभावना है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के पड़ोसी क्षेत्रों में वैश्विक शक्तियों की बढ़ती भागीदारी से अलग-अलग मोर्चों पर तनाव बढ़ने, संभावित रूप से मौजूदा गठबंधनों को नया रूप देने और आर्थिक अस्थिरता को बढ़ावा देने की संभावना है। इसके अलावा, संघर्ष, आतंकवाद और क्षेत्रीय अस्थिरता के जोखिम बढ़ सकते हैं। भारत के लिए एक वैश्विक सैन्य शक्ति के रूप में उभरने को लेकर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हालिया घटनाक्रम बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। 'इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट' में बताया गया है कि यह भारत के लिए बदलती भू-राजनीतिक गतिशीलता को लेकर अपनी तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास को तेज करने की तत्काल जरूरत को भी दिखाता है।

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रबी फसल पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा

इसके अलावा, भारतीय बाजार, जो हाल के महीनों में एफआईआई की बिक्री के कारण दबाव में थे, ने पिछले छह हफ्तों में निफ्टी पर 10 प्रतिशत रिटर्न देते हुए तेज रिकवरी की है। वित्त वर्ष 2025 के चौथी तिमाही के नतीजे अब तक उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। साथ ही, शहरी खपत में सुधार के शुरुआती संकेत उभर रहे हैं, जिसमें आने वाली तिमाहियों में धीमा लेकिन निरंतर सुधार रहेगा। वित्त वर्ष 2025 में कृषि उत्पादन में खरीफ फसलों में 6.8 प्रतिशत और रबी फसलों में लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त, मई में जलाशय का स्तर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य मानसून से जल स्तर ऊंचा रहने की उम्मीद है, जिसका अगली रबी फसल पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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