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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत ने सोमवार को अमेरिका से LCA तेजस Mark 1A फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए दूसरा GE-404 इंजन प्राप्त कर लिया है। यह इंजन 14 जुलाई, 2025 को डिलीवर किया गया। इससे स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजना को बड़ी मजबूती मिली है। इस प्रोजेक्ट को अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक की दो साल की देरी के बाद 2024 के अंत में फिर से शुरू करने से अब गति मिल रही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कुल 12 GE-404 इंजन मिल जाएंगे, जिन्हें तेजस Mark 1A जेट्स में लगाया जाएगा।
कुल 99 इंजन की आपूर्ति होगी
2021 में भारत और GE के बीच ₹5,375 करोड़ की डील के तहत कुल 99 इंजन की आपूर्ति होनी है। यह डील भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को बढ़ावा देती है। तेजस Mark 1A में 40 से अधिक अपग्रेड किए गए हैं और यह अब 70% स्वदेशी तकनीक से लैस है, जो 2016 में तेजस Mark 1 की 59.7% स्वदेशीता से कहीं अधिक है।
दुनिया का सबसे हल्का फाइटर जेट है तेजस
भारतीय वायुसेना ने पहले ही 83 तेजस Mark 1A फाइटर जेट्स का ऑर्डर दिया है और 97 और विमानों की खरीद प्रक्रिया रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति के बाद उन्नत स्तर पर पहुंच चुकी है। ये नए विमान पुराने MiG-21 लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे। तेजस दुनिया के सबसे हल्के सुपरसोनिक फाइटर जेट्स में से एक है, जो बेहतर फुर्ती और ऑपरेशनल एफिशिएंसी प्रदान करता है।
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