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IndiGoairline Photograph: (ians)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | भारत की अग्रणी विमानन कंपनी इंडिगो के प्रमुख पीटर एल्बर्स ने सोमवार, 2 जून को कहा कि द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों को लेकर भारत सरकार का रुख ‘‘निष्पक्ष और संतुलित’’ है। उन्होंने यह टिप्पणी विभिन्न विदेशी एयरलाइनों द्वारा भारत में अधिक उड़ानों की मांग के संदर्भ में की। एल्बर्स ने कहा, “यह एक द्विपक्षीय समझौता होता है, जिसका मतलब है कि दोनों पक्षों को इस पर सहमत होना होता है कि क्या दोनों के लिए हितकारी है। अगर कोई पक्ष बार-बार दावा करता है या ज्यादा आवाज उठाता है, तो इसका यह मतलब नहीं कि उसका दावा स्वतःसिद्ध हो जाता है।”
प्रतिबंधात्मक प्रथाओं की आलोचना की
एल्बर्स की यह प्रतिक्रिया खाड़ी क्षेत्र की प्रमुख एयरलाइनएमिरेट्स के अध्यक्ष सर टिम क्लार्क की हालिया टिप्पणी के जवाब में आई है। क्लार्क ने रविवार को भारत में विमानन क्षेत्र की अधिक खुली पहुंच की वकालत करते हुए द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों पर लागू प्रतिबंधात्मक प्रथाओं की आलोचना की थी।
इंडिगो प्रमुख ने यह भी बताया कि भारत ने हाल के वर्षों में विभिन्न देशों के साथ कई नए द्विपक्षीय उड़ान समझौते किए हैं, जो भारत के संतुलित रुख को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी एक पक्ष की मांग को मान लेना सिर्फ इसलिए उचित नहीं होगा क्योंकि वह ज्यादा ज़ोर से अपनी बात कह रहा है।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विस्तार
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के महानिदेशक विली वॉल्श ने भी कहा कि जैसे-जैसे भारतीय विमानन कंपनियां अपने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं, वैसे ही विदेशी कंपनियों को भी भारत तक पहुंचने का समान अवसर मिलना चाहिए। भारत वर्तमान में दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ नागर विमानन बाजार है। इंडिगो और एयर इंडिया जैसी कंपनियां बढ़ती मांग को देखते हुए अपने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का आक्रामक विस्तार कर रही हैं। ऐसे में विदेशी एयरलाइनों की भारत में अधिक उड़ानों के लिए मांग और द्विपक्षीय समझौतों पर बहस ने नई दिशा ले ली है।
IndiGo international flights
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