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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आपरेशन सिंदूर रात 1.05 से 1.30 बजे के दरम्यान कुल 25 मिनट तक चलाया गया। सेना ने अपनी ताकत का इस्तेमाल पाकिस्तान के इलाके में किया अलबत्ता इस छोटे से आपरेशन के जरिये भारत ने चीन समेत कई उन देशों को चेतावनी दे दी जो उसकी सरजमीं पर नजरें गढ़ाए रहते हैं। संदेश साफ था, गलती की तो सजा बड़ी मिलेगी।
राफेल के साथ मिलकर SCALP ने फैलाई पाक में दहशत
सैन्य कार्रवाई में वायुसेना, नौसेना और थल सेना तीनों ने साथ मिलकर काम किया। आपरेशन में हवा से ही लान्च होने वाली SCALP क्रूज मिसाइलों, हैमर गाइडेड बम का इस्तेमाल किया गया। इन्हें राफेल विमानों से भारतीय सरजमीं से ही आपरेट किया गया। ऐसा नहीं है कि इन 9 आतंकी ठिकानों को अचानक से निशाना बनाया गया। सेना पहले से होमवर्क करके बैठी थी। हर आतंकी ठिकाना एक लंबे अरसे से भारत की खुफिया एजेंसियों की निगरानी में था। loitering munitions ने काम आसान कर दिया।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों का पता भारत पहले ही लगा चुका था। खुफिया एजेंसियों ने सैटेलाइट से मिली तस्वीरों और जासूसों के जरिये मिली जानकारी के आधार पर अपना प्लान तैयार कर लिया था। सूत्रों का कहना है कि आतंकियों के फोन और इंटरनेट को लंबे समय से निगरानी में रखा गया था। बस सही मौके का इंतजार हो रहा था।
सेना को पता था कि आतंकी संगठन इन ठिकानों का इस्तेमाल ट्रेनिंग के साथ हथियारों के स्टोरेज के तौर पर भी कर रहे हैं। इन जगहों से ही स्लीपर सेल भी तैयार किए जा रहे थे। उसके पैटर्न को जानने और हरकतों की पुष्टि करने के लिए UAV सर्विलांस को काम में लाया गया। कुल मिलाकर एक सटीक रणनीति तैयार हुई।
loitering munitions ने निभाई दोहरी भूमिका
सेना ने अपने हथियारों को करीने से इस्तेमाल किया। 200 किमी से अधिक की रेंज वाली SCALP मिसाइलों से हमले किए गए। हैमर बमों से बड़ी इमारतों को निशाना बनाया गया। वहीं loitering munitions ने दोहरी भूमिका निभाई। यह सर्विलांस कर रहा था। कामिकेज ड्रोन के नाम से विख्यात प्रणाली के निशाने पर बड़े आतंकी थे। सरकार का कहना है कि हमला इंदीग्रेटेड था, यानि 25 मिनट में ही सभी मिसाइलों ने एक साथ अपने निर्धारित लक्ष्यों पर हमला कर दिया था। आतंकियों को बचने का मौका नहीं दिया गया। हमलों को एक साथ अंजाम दिया गया। यूएवी से मिली फुटेज ने बताया कि हमला कितना असरदार रहा। पाकिस्तान को निशाना बनाने की यह रणनीति पहले के हमलों से हटकर थी। पहले हमें उनके इलाके में घुसपैठ करनी पड़ी थी लेकिन इस दफा सीमा को लांघे बगैर ही पाकिस्तान को करारा संदेश दे दिया गया।
सेना बोली- सिंदूर के जरिये दिखाई अपनी ताकत
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने सिलसिलेवार तरीके से साक्ष्यों को सामने रखकर बताया कि ये हमला क्यों जरूरी था। यह एयर स्ट्राइक 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। दोनों अफसरों का कहना था कि खुफिया एजेंसियों को पहलगाम के हमलावरों का कनेक्शन पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा से मिला था। जवाब में भारत ने आपरेशन सिंदूर के जरिये अपनी ताकत दिखाई।
9 टारगेट्स में सबसे दूर था बहावलपुर
आपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया. इनमें मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वारी, भीमबेर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल शामिल हैं। 25 मिनट के दौरान कुल 24 मिसाइल अटैक हुए। जो टारगेट मिसाइलों की जद में आए उनमें सबसे दूर बहावलपुर था। यह सीमा से 100 किलोमीटर दूर स्थिति है। सरजल कैंप सबसे नजदीक था। ये भारतीय सीमा से पाकिस्तान की तरफ लगभग 8 किलोमीटर अंदर स्थित है।
सरकार का कहना है कि हमला इस वजह से किया गया क्योंकि पहलगाम हमले के 15 दिन बाद भी पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया था। सेना ने आतंकवाद के खिलाफ एक सीमित दायरे वाली कार्रवाई की। सरकार का कहना है कि हमारा एक्शन उकसाने वाला नहीं है। हालांकि ये भी कहा गया कि पाक नहीं सुधरा तो आगे और हमले हो सकते हैं। सेना किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए तैयार है।
चीन को भी नसीहत, छोटी गलती की मिलेगी बड़ी सजा
पाकिस्तान पर हुए बीते हमलों से इस बार के अटैक की तुलना की जाए तो समय और हालात के आधार पर भारत ने अपनी ताकत हर मोर्चे पर दिखाई। पाकिस्तान से पहली लड़ाई 1947 में हुई। उस दौरान आमने सामने के हमलों पर ज्यादा जोर था। 1965 की लड़ाई तकनीकी तौर पर कुछ और बेहतर हुई तो 1971 में भारतीय सेना ने कुछ अलग ही रंगत दिखाई। कारगिल की लड़ाई अपने आप में अलग थी, क्योंकि आतंकी ऊंचे पहाड़ पर छिपे बैठे थे। बालाकोट हमले में भारत को पाकिस्तान का एयर स्पेस लांघना पड़ा। जबकि इस बार अपनी सरजमीं से पाकिस्तान को करारा सबक सिखा दिया गया। भारत ने अपनी ताकत चीन समेत दूसरे मुल्कों को भी दिखा दी। उनको नसीहत दी गई कि अब ये पहले वाला भारत नहीं है। छोटी सी हिमाकत की सजा भी बड़ी दी जाएगी।
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