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Indian Navy की बहादुरी : धधकते जहाज से 14 जिंदगियां बचाईं!

भारतीय नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में धधकते टैंकर MT Yi Cheng 6 से 14 भारतीय नाविकों को बचाया। INS तबर ने त्वरित कार्रवाई कर भीषण आग बुझाई और जिंदगियां बचाईं, जो नौसेना के शौर्य का प्रमाण है।

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Ajit Kumar Pandey
Indian Navy की बहादुरी : धधकते जहाज से 14 जिंदगियां बचाईं! | यंग भारत न्यूज

Indian Navy की बहादुरी : धधकते जहाज से 14 जिंदगियां बचाईं! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तरी अरब सागर में मौत के मुंह से 14 भारतीय नाविकों को बचाकर भारतीय नौसेना ने एक बार फिर अपनी अदम्य भावना का परिचय दिया है। पलाव-ध्वजांकित टैंकर एमटी यी चेंग 6 पर लगी भीषण आग में फंसे नाविकों के लिए नौसेना के जांबाज देवदूत बनकर पहुंचे। यह सिर्फ एक बचाव अभियान नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना के शौर्य और तत्परता का जीता-जागता प्रमाण है।

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आपको बता दें कि बीते 29 जून 2025 की सुबह, आईएनएस तबर अपनी मिशन-आधारित तैनाती पर था जब उसे एमटी यी चेंग 6 से "मेडे" संकट कॉल मिली। यह तेल टैंकर फुजैरा, यूएई से लगभग 80 समुद्री मील पूर्व में संचालित हो रहा था और इसके इंजन रूम में एक बड़ी आग लगने की सूचना दी गई थी। जैसे ही यह खबर नौसेना को मिली, आईएनएस तबर ने बिना एक पल गंवाए अधिकतम गति से सहायता के लिए प्रस्थान किया। आग की लपटों में घिरे जहाज पर 14 भारतीय चालक दल के सदस्य थे, जिनकी जान खतरे में थी।

जैसे ही आईएनएस तबर संकटग्रस्त जहाज के पास पहुंचा, उसने तुरंत मास्टर से संपर्क स्थापित किया और अग्निशमन अभियान शुरू कर दिया। कल्पना कीजिए, समुद्र के बीचो-बीच एक विशालकाय जहाज आग की लपटों से घिरा है और उस पर बचाव दल पहुंच रहा है! यह कोई साधारण चुनौती नहीं थी। नौसेना के जांबाजों ने जान की परवाह किए बिना आग पर काबू पाने की कोशिश की। उनके लिए हर पल कीमती था, क्योंकि आग लगातार फैल रही थी और हर बीतता मिनट जिंदगियों को और खतरे में डाल रहा था।

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नौसेना की चुनौतियां और अदम्य साहस

इस तरह के अभियानों में कई चुनौतियां होती हैं। समुद्र में आग बुझाना जमीन पर आग बुझाने से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है। हवा और लहरें आग को और फैला सकती हैं, और जहाज पर मौजूद ज्वलनशील पदार्थ स्थिति को और भी बदतर बना सकते हैं। लेकिन भारतीय नौसेना के कर्मियों ने इन चुनौतियों का डटकर सामना किया। उनकी विशेषज्ञता, प्रशिक्षण और अदम्य साहस ने उन्हें इस खतरनाक स्थिति से निपटने में मदद की। उन्होंने न केवल आग बुझाने का काम किया, बल्कि फंसे हुए चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित निकालने की भी पूरी कोशिश की।

यह अभियान दर्शाता है कि कैसे भारतीय नौसेना सिर्फ युद्धपोत नहीं, बल्कि जीवन रक्षक भी है। जब भी कोई संकट आता है, नौसेना अपनी पूरी क्षमता के साथ मदद के लिए आगे आती है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमारे देश की समुद्री सीमाएं कितनी सुरक्षित हैं और हमारे नाविक कितने सक्षम हैं। आईएनएस तबर की त्वरित प्रतिक्रिया और सफल संचालन ने यह सुनिश्चित किया कि 14 जिंदगियां बच जाएं, जो अपने घरों को सुरक्षित लौट सकेंगी।

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समुद्री सुरक्षा में भारतीय नौसेना की भूमिका

उत्तरी अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र व्यापारिक जहाजों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, और समुद्री डकैती, आतंकवाद और अन्य खतरों से इसे सुरक्षित रखना आवश्यक है। भारतीय नौसेना इन खतरों से निपटने और समुद्री व्यापार की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बचाव अभियान इसी प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है।

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यह कहानी उन गुमनाम नायकों की है जो हमारी रक्षा के लिए हर पल तैयार रहते हैं, चाहे वह युद्ध का मैदान हो या समुद्री संकट। भारतीय नौसेना ने न सिर्फ आग पर काबू पाया, बल्कि एक मानवीय मिशन को भी सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह गर्व का क्षण है और उन सभी के लिए एक सबक है जो हमारे देश की सुरक्षा में लगे हुए हैं।

आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? भारतीय नौसेना के इस साहसिक कार्य पर आपके क्या विचार हैं? नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें! 

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