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India में आएगा नौकरियों का सुनामी! Japan से US तक सबको चाहिए भारतीय वर्कर्स! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।क्या आपने कभी सोचा है कि आने वाले कुछ सालों में भारत पूरी दुनिया का ‘वर्कफोर्स पावरहाउस’ बन सकता है? जी हां, क्रिसिल की ताज़ा रिपोर्ट और वैश्विक ट्रेंड्स यही इशारा कर रहे हैं। अमेरिका, जापान, जर्मनी जैसे विकसित देशों में जनसंख्या बुजुर्ग हो रही है और कामकाजी युवाओं की भारी कमी महसूस की जा रही है।
वहीं भारत में अगले कुछ वर्षों में करोड़ों युवा कामकाजी उम्र में कदम रखेंगे – और वे सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि डिजिटल और तकनीकी कौशल में भी दक्ष होंगे। यही वजह है कि ग्लोबल कंपनियां अब भारत की ओर रुख कर रही हैं। बीपीओ, आईटी, हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक – हर सेक्टर में भारतीय युवाओं की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। यह बदलाव सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति को भी नई ऊंचाई देने वाला है।
दुनियाभर में श्रम बाजार तेजी से बदल रहा है। विकसित देशों में बढ़ती उम्र की आबादी और घटती जन्म दर के कारण काम करने वालों की संख्या कम हो रही है। वहीं, भारत जैसे युवा देशों में बड़ी और कुशल कार्यबल उपलब्ध है। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत में करीब 10 करोड़ नए लोग काम करने योग्य आयु वर्ग में शामिल होंगे। यह आंकड़ा किसी भी अन्य देश से कहीं अधिक है।
यह बदलाव सिर्फ संख्या का नहीं, बल्कि गुणवत्ता का भी है। भारतीय युवा न केवल संख्या में अधिक हैं, बल्कि वे तेजी से डिजिटल और तकनीकी रूप से भी दक्ष हो रहे हैं। यह एक बड़ा कारण है कि क्यों वैश्विक कंपनियां अब भारत की ओर देख रही हैं।
India to become a global employment epicenter amid shift in global labour market: Crisil
— ANI Digital (@ani_digital) July 15, 2025
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भारत को मिलेंगे कौन-कौन से फायदे?
भारत को इस वैश्विक बदलाव का सबसे बड़ा फायदा मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, सेवा क्षेत्र और अनुसंधान एवं विकास (R&D) में मिलेगा।
विनिर्माण (Manufacturing): चीन से दूरी बनाने की वैश्विक रणनीति और 'मेक इन इंडिया' जैसे अभियानों से भारत एक मजबूत विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है। इससे लाखों ब्लू-कॉलर और व्हाइट-कॉलर नौकरियों का सृजन होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और सेवा क्षेत्र: भारत पहले से ही आईटी और सेवा क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर है। अब, जैसे-जैसे दुनिया डिजिटल होती जा रही है, भारतीय पेशेवरों की मांग बढ़ती जाएगी।
अनुसंधान और विकास (R&D): भारत में बढ़ता स्टार्टअप इकोसिस्टम और नवाचार पर जोर R&D क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं पैदा कर रहा है। यहां अत्याधुनिक शोध और विकास कार्य के लिए कुशल वैज्ञानिक और इंजीनियर उपलब्ध हैं।
ग्रीन इकोनॉमी (Green Economy): जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए ग्रीन इकोनॉमी भी रोजगार का एक बड़ा केंद्र बनेगी। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले पेशेवरों की मांग बढ़ेगी।
क्या भारत तैयार है इस चुनौती के लिए?
हालांकि यह एक बड़ा अवसर है, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। भारत को इस मौके को भुनाने के लिए कई कदम उठाने होंगे।
कौशल विकास (Skill Development): हमें अपने कार्यबल को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से प्रशिक्षित करना होगा। इसमें डिजिटल साक्षरता, तकनीकी कौशल और सॉफ्ट स्किल्स पर विशेष ध्यान देना होगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure): बेहतर सड़क, बिजली, इंटरनेट कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा, ताकि विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सके।
नीतिगत सुधार (Policy Reforms): व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business) को और बेहतर बनाना होगा। स्थिर और पारदर्शी नीतियां निवेशकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए सरकार, उद्योग और शिक्षा क्षेत्र को मिलकर काम करना होगा।
यह खबर उन लाखों भारतीय युवाओं के लिए एक आशा की किरण है जो बेहतर रोजगार के अवसरों की तलाश में हैं। भारत के पास युवा शक्ति है, जिसकी दुनिया को जरूरत है। सही दिशा में किए गए प्रयासों से भारत निश्चित रूप से वैश्विक रोजगार केंद्र बनकर उभरेगा। यह न केवल आर्थिक समृद्धि लाएगा, बल्कि भारत को विश्व मंच पर एक मजबूत और प्रभावशाली देश के रूप में स्थापित करेगा।
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