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PM मोदी के ऐलान से कांप उठे दुश्मन देश, जानें क्या है 'मिशन सुदर्शन चक्र'? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत अब अपनी सुरक्षा का चक्र खुद तैयार करेगा। पीएम मोदी ने 'मिशन सुदर्शन चक्र' का ऐलान करते हुए कहा है कि अगले 10 सालों में देश के सभी महत्वपूर्ण ठिकाने पूरी तरह से सुरक्षित होंगे। यह मिशन सिर्फ एक योजना नहीं है बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो दुश्मनों को थर्रा देगा।
भारत की सुरक्षा अब किसी और पर निर्भर नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई और ऐतिहासिक पहल का ऐलान किया है, जिसका नाम है 'सुदर्शन चक्र'। यह कोई पौराणिक हथियार नहीं है बल्कि आधुनिक भारत की सुरक्षा का सबसे बड़ा कवच है। इस मिशन के तहत अगले 10 सालों में देश के सभी संवेदनशील और महत्वपूर्ण ठिकानों को एक ऐसे सुरक्षा तंत्र से लैस किया जाएगा जो पूरी तरह से स्वदेशी होगा। इस ऐलान ने न सिर्फ देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है।
'मिशन सुदर्शन चक्र' आत्मनिर्भरता की नई मिसाल
'सुदर्शन चक्र' मिशन का मूल उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। आज तक हम अपनी सुरक्षा के लिए काफी हद तक विदेशी तकनीकों और हथियारों पर निर्भर रहे हैं। लेकिन अब यह मिशन इस निर्भरता को खत्म कर देगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की कोई कमी नहीं है। हमें सिर्फ उन्हें एक दिशा देनी है। यह मिशन यही काम करेगा जिससे देश का अपना सुरक्षा कवच बनेगा।
यह सिर्फ एक मिशन नहीं है बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है। इसका सीधा मतलब है कि अब देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। हर सरकारी इमारत, हर महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाना, हर हवाई अड्डा और हर बंदरगाह यहां तक कि डेटा सेंटर भी इस स्वदेशी सुरक्षा तंत्र की निगरानी में होंगे।
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क्या होगा 'मिशन सुदर्शन चक्र' में?
इस मिशन के तहत कई नई तकनीकों और प्रणालियों को विकसित किया जाएगा। इनमें शामिल हैं:
एडवांस्ड सर्विलांस सिस्टम: AI-आधारित कैमरे और ड्रोन जो किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पहचान लेंगे।
साइबर सिक्योरिटी: देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को साइबर हमलों से बचाने के लिए एक मजबूत दीवार खड़ी की जाएगी।
एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी: सीमा पार से आने वाले ड्रोन और हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए स्वदेशी तकनीक।
फिजिकल सिक्योरिटी: सभी महत्वपूर्ण ठिकानों पर स्वचालित बैरियर, सेंसर और अलार्म सिस्टम लगाए जाएंगे।
इन सभी तकनीकों को भारत में ही बनाया जाएगा जिससे न सिर्फ लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। यह मिशन देश के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जहां वे अपनी काबिलियत का लोहा मनवा सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा है कि इसके लिए एक 'राष्ट्रीय सुरक्षा कवच परिषद' का गठन किया जाएगा जिसमें रक्षा विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और उद्योग जगत के दिग्गज शामिल होंगे। यह परिषद इस पूरे मिशन की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि यह तय समय सीमा के भीतर पूरा हो।
अंतरराष्ट्रीय हलचल और पड़ोसियों की चिंता
भारत के इस कदम ने पड़ोसियों खासकर पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ा दी है। ये दोनों देश लंबे समय से भारत की रक्षा तैयारियों पर नजर रखते रहे हैं। 'मिशन सुदर्शन चक्र' का ऐलान उनके लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि अब भारत अपनी सुरक्षा के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेगा। इसका मतलब है कि भारत अब किसी भी बाहरी दबाव में नहीं आएगा।
यह मिशन सिर्फ देश की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने का भी काम करेगा। यह साबित करेगा कि भारत सिर्फ एक उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक निर्माता भी है।
आज जब पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है तो यह मिशन एक नया संदेश देगा। यह संदेश है कि भारत न सिर्फ अपनी अर्थव्यवस्था बल्कि अपनी सुरक्षा को लेकर भी पूरी तरह से सक्षम है। यह मिशन सिर्फ 10 साल की योजना नहीं बल्कि अगले 100 सालों के लिए भारत की सुरक्षा का ब्लूप्रिंट है।
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