Advertisment

भारत की Manufacturing Growth फरवरी में थोड़ी धीमी, लेकिन बनी रही मजबूत

भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती फरवरी में भी बनी रही, हालांकि इसकी विकास दर में हल्की गिरावट दर्ज की गई। एचएसबीसी द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2023 के बाद से उत्पादन, रोजगार और बिक्री में विस्तार की गति थोड़ी सुस्त हुई ।

author-image
Ranjana Sharma
Manufacturing Growth
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस। 

भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती फरवरी में भी बनी रही, हालांकि इसकी विकास दर में हल्की गिरावट दर्ज की गई। एचएसबीसी द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2023 के बाद से उत्पादन, रोजगार और बिक्री में विस्तार की गति थोड़ी सुस्त हुई, लेकिन यह अब भी दीर्घकालिक औसत से ऊपर बनी हुई है। एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) सर्वे के अनुसार, मजबूत घरेलू और वैश्विक मांग ने कंपनियों को खरीदारी गतिविधियों और कर्मचारियों की भर्ती बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, बढ़ी हुई मांग के कारण लागत स्थिर रहने के बावजूद उत्पादों की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

एक-तिहाई कंपनियों ने आगामी वर्ष में उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद

एचएसबीसी के भारत के प्रमुख अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "भारत ने फरवरी में 56.3 मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई दर्ज किया, जो जनवरी के 57.7 से थोड़ा कम है, लेकिन अब भी यह मजबूती से विस्तारशील क्षेत्र में बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती देने में मदद कर रही है, जिससे क्रय गतिविधि और रोजगार में वृद्धि देखी गई। उन्होंने आगे कहा कि "व्यावसायिक उम्मीदें भी सकारात्मक बनी हुई हैं, सर्वे में शामिल करीब एक-तिहाई कंपनियों ने आगामी वर्ष में उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है।"

सभी सेक्टर्स में सुधार जारी

रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता, मध्यवर्ती और निवेश वस्तुओं से जुड़े तीनों निगरानी उप-क्षेत्रों में व्यावसायिक स्थितियों में सुधार दर्ज किया गया। फरवरी में उत्पादन वृद्धि के साथ यह सिलसिला लगातार 44वें महीने जारी रहा। हालांकि, कुल मिलाकर विस्तार की दर दिसंबर 2023 के बाद से सबसे कमजोर रही। नए ऑर्डर और निर्यात ऑर्डर में फरवरी में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई। निर्माताओं ने वैश्विक मांग का लाभ उठाते हुए अपने उत्पादों की बिक्री को मजबूत बनाए रखा। हालांकि, जनवरी के 14 साल के उच्चतम स्तर की तुलना में वृद्धि दर थोड़ी धीमी रही।

रोजगार और खरीदारी गतिविधि में बढ़ोतरी

नए ऑर्डर में उछाल के चलते कंपनियों ने फरवरी में अपने कर्मचारियों की संख्या में विस्तार किया, जिससे रोजगार वृद्धि का सिलसिला लगातार 12वें महीने जारी रहा। सर्वे के अनुसार, दस में से एक फर्म ने अधिक भर्ती गतिविधियों की सूचना दी। हालांकि, खरीदारी गतिविधि की वृद्धि दर 14 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। एचएसबीसी सर्वे का निष्कर्ष यह बताता है कि हालांकि भारत की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ की रफ्तार हल्की धीमी हुई है, लेकिन यह अभी भी मजबूत बनी हुई है, जिससे अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूती मिल रही है।

Advertisment
Advertisment
Advertisment