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इंद्रावती जंगलों में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, घंटों चली मुठभेड़ में ढेर हुआ नक्सली

छत्तीसगढ़ के बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में एक खूंखार नक्सली मारा गया। यह सफलता बस्तर में शांति की उम्मीद जगाती है, लेकिन नक्सलवाद की चुनौती अब भी बरकरार है।

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Ajit Kumar Pandey
इंद्रावती जंगलों में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, घंटों चली मुठभेड़ में ढेर हुआ नक्सली | यंग भारत न्यूज

इंद्रावती जंगलों में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, घंटों चली मुठभेड़ में ढेर हुआ नक्सली | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । छत्तीसगढ़ के बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। यह जानकारी आज शनिवार 5 जुलाई 2025 को एक न्यूज एजेंसी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि इस मुठभेड़ में एक खूंखार नक्सली मारा गया, जिससे क्षेत्र में शांति बहाली की उम्मीदें एक बार फिर जगी हैं। दंतेवाड़ा-बीजापुर डीआरजी की संयुक्त कार्रवाई ने नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

घटना इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के उस दुर्गम हिस्से में हुई, जहां घना जंगल और बीहड़ इलाका नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह का काम करता है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गुप्त सूचना के आधार पर दंतेवाड़ा और बीजापुर की जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की संयुक्त टीम ने सघन तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान उन्हें नक्सलियों के एक दल ने घेर लिया, जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई।

गोलीबारी इतनी जबरदस्त थी कि पूरे जंगल में उसकी गूंज सुनाई दे रही थी। सुरक्षाबलों के जवान, जो पूरी तरह प्रशिक्षित और अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे, ने नक्सलियों का डटकर मुकाबला किया। कई घंटों तक चली इस मुठभेड़ में आखिरकार सुरक्षाबलों को कामयाबी मिली और एक नक्सली मारा गया। हालांकि, कुछ अन्य नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे।

नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी

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इस मुठभेड़ को सुरक्षाबलों की एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। मारा गया नक्सली किस संगठन से जुड़ा था और उसकी क्या पहचान है, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन ऐसी घटनाओं से नक्सलियों के हौसले पस्त होते हैं और आम जनता में सुरक्षाबलों के प्रति विश्वास बढ़ता है।

संयुक्त अभियान: दंतेवाड़ा-बीजापुर डीआरजी की संयुक्त कार्रवाई ने समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया।

सटीक सूचना: गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई ने सफलता सुनिश्चित की।

जवाबी हमला: सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया।

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यह घटना दर्शाती है कि सुरक्षाबल लगातार नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और उन्हें खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। क्या यह केवल एक छोटी सफलता है, या छत्तीसगढ़ में शांति की ओर एक बड़ा कदम?

हाल के वर्षों में, सुरक्षाबलों ने कई बड़ी सफलताएं हासिल की हैं, जिससे नक्सली संगठन कमजोर हुए हैं। हालांकि, अभी भी नक्सलियों का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियां और स्थानीय आबादी में उनका प्रभाव, चुनौती बने हुए हैं। 

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