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INS निस्तार नौसेना में शामिल, लेकिन क्या आप जानते हैं यह गहरे समंदर में कैसे करता है चमत्कार?

भारत का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल 'INS निस्तार' भारतीय नौसेना में शामिल, आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम! यह पोत समुद्री बचाव, मरम्मत और गहरे समुद्र अभियानों में गेम चेंजर साबित होगा। रक्षा मंत्री ने इसे 'गर्व का क्षण' बताया।

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Ajit Kumar Pandey
INS निस्तार नौसेना में शामिल, लेकिन क्या आप जानते हैं यह गहरे समंदर में कैसे करता है चमत्कार? | यंग भारत न्यूज

INS निस्तार नौसेना में शामिल, लेकिन क्या आप जानते हैं यह गहरे समंदर में कैसे करता है चमत्कार? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत की समुद्री शक्ति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। देश का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) 'निस्तार' भारतीय नौसेना में शामिल हो गया है। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने इसे 'गर्व का क्षण' बताया, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अत्याधुनिक जहाज न केवल नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि गहरे समुद्र में बचाव और मरम्मत कार्यों में भी मील का पत्थर साबित होगा।

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भारतीय नौसेना के लिए INS निस्तार का कमीशन होना सिर्फ एक जहाज का बेड़े में शामिल होना नहीं है, बल्कि यह मेक इन इंडिया पहल की बड़ी सफलता का प्रतीक है। यह अपनी तरह का पहला पूरी तरह से स्वदेशी पोत है, जिसे भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह दिखाता है कि भारत अब जटिल समुद्री इंजीनियरिंग में भी आत्मनिर्भर बनने की राह पर है।

क्या आप जानते हैं कि यह जहाज कितना महत्वपूर्ण है? यह गहरे समुद्र में गोताखोरी अभियानों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। कल्पना कीजिए, यदि कोई पनडुब्बी या जहाज पानी के भीतर मुश्किल में फंस जाए, तो INS निस्तार बचाव अभियान में एक गेम चेंजर साबित होगा। यह गोताखोरों को सुरक्षित रूप से गहरे पानी में काम करने में सक्षम बनाता है, जिससे नौसेना की परिचालन क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।

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गहरे समंदर का रखवाला: INS निस्तार की खूबियां

INS निस्तार सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि तकनीक और इंजीनियरिंग का एक बेजोड़ संगम है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं इसे अद्वितीय बनाती हैं:

अत्याधुनिक डाइविंग प्रणाली: इसमें गहरे समुद्र में गोताखोरी के लिए उन्नत उपकरण और तकनीकें मौजूद हैं, जो पानी के नीचे जटिल अभियानों को अंजाम देने में मदद करती हैं।

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पुनर्प्राप्ति और बचाव क्षमताएं: जहाज गहरे समुद्र में वस्तुओं या मलबे की पहचान और उन्हें पुनः प्राप्त करने में सक्षम है, जो समुद्री दुर्घटनाओं के बाद महत्वपूर्ण हो सकता है।

मेडिकल और डीकंप्रेशन सुविधाएं: गोताखोरों की सुरक्षा और चिकित्सा देखभाल के लिए जहाज पर पूरी तरह सुसज्जित चिकित्सा सुविधाएं और डीकंप्रेशन चैंबर मौजूद हैं।

स्वदेशी निर्माण: इसे पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

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बहुमुखी उपयोग: यह न केवल बचाव अभियानों में काम आएगा, बल्कि समुद्री अनुसंधान और पानी के भीतर निरीक्षण जैसे कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

'आत्मनिर्भर भारत' का संकल्प: सुरक्षा में नवाचार

रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने INS निस्तार के कमीशनिंग को भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षमताओं का प्रमाण बताया। उन्होंने जोर दिया कि यह पोत न केवल हमारी नौसेना को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर हमारी समुद्री उपस्थिति को भी बढ़ाएगा। भारत अब सिर्फ रक्षा उपकरणों का उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण उत्पादक भी बन रहा है।

यह पोत दर्शाता है कि कैसे भारत अपनी सुरक्षा जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भरता कम कर रहा है। 'निस्तार' जैसे प्रोजेक्ट्स से न केवल हमारी रक्षा क्षमताएं मजबूत होती हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं और तकनीकी विशेषज्ञता बढ़ती है। यह एक ऐसा निवेश है जो देश के भविष्य के लिए दूरगामी परिणाम देगा।

चुनौतियों से मुकाबला: INS निस्तार का महत्व

हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती भू-रणनीतिक चुनौतियों को देखते हुए, INS निस्तार का नौसेना में शामिल होना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यह भारतीय नौसेना को किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक अतिरिक्त धार देगा। यह सिर्फ सैन्य क्षमता ही नहीं, बल्कि मानवतावादी सहायता और आपदा राहत अभियानों में भी हमारी भागीदारी को मजबूत करेगा।

इस जहाज की तैनाती से भारत की ब्लू इकोनॉमी (समुद्री अर्थव्यवस्था) को भी अप्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है। गहरे समुद्र में अन्वेषण, डेटा संग्रह और समुद्री संसाधनों के प्रबंधन में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह जहाज गहरे समुद्र में छिपे किन रहस्यों को उजागर कर सकता है?

भविष्य की ओर एक कदम: स्वदेशीकरण का रास्ता

INS निस्तार का सफल कमीशनिंग भारत के रक्षा स्वदेशीकरण रोडमैप में एक मील का पत्थर है। यह दिखाता है कि सही दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प के साथ, भारत किसी भी जटिल प्रौद्योगिकी को विकसित करने में सक्षम है। यह हमें भविष्य में और भी अधिक उन्नत और विशिष्ट सैन्य प्लेटफार्मों के निर्माण के लिए प्रेरित करेगा।

यह केवल एक जहाज नहीं है; यह उन हजारों इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और श्रमिकों की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रतीक है जिन्होंने इसे संभव बनाया है। यह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है, जो आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार होते देख रहा है। यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेगा और अपनी क्षमताओं को लगातार बढ़ाता रहेगा।

INS निस्तार का भारतीय नौसेना में शामिल होना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह पोत न केवल हमारी समुद्री क्षमताओं को मजबूत करेगा, बल्कि गहरे समुद्र में बचाव और मरम्मत कार्यों में भी मील का पत्थर साबित होगा। यह स्वदेशीकरण की दिशा में भारत की बढ़ती प्रतिबद्धता का प्रतीक है और देश की रक्षा तैयारियों को एक नई ऊंचाई देगा।

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