/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/27/indian-navy-2025-06-27-17-00-31.jpg)
भारतीय नौसेना का अत्याधुनिक स्टेल्थ फ्रिगेट INS तेग सेशेल्स के पोर्ट विक्टोरिया में लंगर डाले हुए। यह दौरा भारत और सेशेल्स के बीच गहरे रक्षा संबंधों का प्रतीक है | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।हिंद महासागर में भारत की समुद्री रणनीति ने एक नई करवट ली है। भारतीय नौसेना का घातक युद्धपोत INS तेग सेशेल्स की राजधानी विक्टोरिया पहुंचा है, जिससे भारत की ‘मिशन SAGAR’ नीति को नई मजबूती मिली है। इस दौरे को सामान्य सैन्य आदान-प्रदान नहीं, बल्कि चीन और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है। जिस तरह भारत धीरे-धीरे हिंद महासागर क्षेत्र में अपने नौसैनिक आधार मजबूत कर रहा है, उससे बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों की बेचैनी बढ़ना तय है। आखिर INS तेग के इस दौरे के पीछे क्या है भारत की असली रणनीति? आइए जानते हैं।
आपको बता दें कि भारतीय नौसेना का अत्याधुनिक स्टेल्थ फ्रिगेट INS तेग 26 जून, 2025 को सेशेल्स के पोर्ट विक्टोरिया पहुंच गया है, जो 30 जून तक चलने वाले एक महत्वपूर्ण पोर्ट कॉल के लिए है। यह यात्रा भारत और सेशेल्स के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है। INS तेग का यह दौरा हिंद महासागर में भारत की बढ़ती सामरिक उपस्थिति और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ गहरे होते रिश्तों का प्रतीक है। इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण गतिविधियां होंगी, जिनमें उच्च-स्तरीय बैठकें और रक्षा उपकरणों का हस्तांतरण शामिल है, जो दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
हिंद महासागर, जहां व्यापार के महत्वपूर्ण रास्ते और भू-राजनीतिक हित एक साथ मिलते हैं, भारत के लिए हमेशा से एक सामरिक प्राथमिकता रहा है। इसी कड़ी में, भारतीय नौसेना का शक्तिशाली INS तेग सेशेल्स के पोर्ट विक्टोरिया पहुंचा है, जो न केवल एक सामान्य पोर्ट कॉल है, बल्कि दोनों देशों के बीच दशकों पुराने मजबूत संबंधों का एक और प्रमाण है।
यह यात्रा केवल जहाजों के बंदरगाह पर लंगर डालने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपसी समझ, सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। क्या आप जानते हैं कि INS तेग का यह मिशन क्यों इतना खास है?
INS Teg, a stealth frigate of the Indian Navy, has entered Port Victoria, Seychelles, for a port call scheduled from 26 to 30 June 2025. The visit aims to bolster maritime security cooperation and enhance bilateral defence relations between India and Seychelles.
— ANI (@ANI) June 27, 2025
Activities… pic.twitter.com/LLgX1rJ2a1
गहरे होते संबंध और समुद्री सुरक्षा
सेशेल्स, हिंद महासागर में भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से रक्षा सहयोग चला आ रहा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाना है। INS तेग की यह यात्रा इसी उद्देश्य को और मजबूत करेगी। जहाज के कमांडिंग ऑफिसर सेशेल्स के वरिष्ठ सरकारी और सैन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, जिनमें चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज और सेशेल्स पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (SPDF) के चीफ ऑफ स्टाफ शामिल हैं। इन बैठकों से दोनों नौसेनाओं के बीच परिचालन सहयोग को और गति मिलेगी।
आप सोच रहे होंगे कि इन मुलाकातों से क्या हासिल होगा? दरअसल, ये बैठकें केवल औपचारिक नहीं होतीं, बल्कि इनमें समुद्री क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए नई रणनीतियों पर विचार-विमर्श होता है।
/filters:format(webp)/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/27/indian-navy-hind-mahasagar-2025-06-27-17-01-08.jpg)
रक्षा उपकरण और आत्मनिर्भर भारत का संदेश
यात्रा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक है भारत से लाए गए रक्षा उपकरणों और पुर्जों का औपचारिक हस्तांतरण। यह कदम न केवल सेशेल्स की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि "आत्मनिर्भर भारत" के तहत भारत की बढ़ती रक्षा निर्माण क्षमताओं को भी दर्शाता है। भारत अपने मित्र देशों को अपनी विशेषज्ञता और संसाधन साझा करने के लिए हमेशा तत्पर रहा है।
क्या यह एक महत्वपूर्ण कदम नहीं है जो भारत को एक विश्वसनीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में स्थापित करता है?
भारत की "सागर" (SAGAR) नीति का विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास" (SAGAR) की नीति के तहत, भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ समुद्री सहयोग को लगातार बढ़ा रहा है। INS तेग का सेशेल्स दौरा इसी नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह समुद्री जागरूकता, क्षमता निर्माण और संयुक्त अभ्यास के माध्यम से क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह सिर्फ एक जहाज की यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक बड़े भू-राजनीतिक विजन का हिस्सा है।
दोनों देशों के लिए फायदे
यह यात्रा न केवल भारत के लिए बल्कि सेशेल्स के लिए भी कई मायनों में फायदेमंद है। सेशेल्स की छोटी नौसेना के लिए भारतीय नौसेना के साथ अनुभव साझा करना और प्रशिक्षण प्राप्त करना अमूल्य है। दूसरी ओर, भारत को हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने और अपने रणनीतिक हितों की रक्षा करने का अवसर मिलता है।
क्या आप जानते हैं कि ऐसे पोर्ट कॉल से दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संबंध भी मजबूत होते हैं?
INS तेग का यह सफल दौरा निश्चित रूप से भारत और सेशेल्स के बीच भविष्य में और अधिक सहयोग के द्वार खोलेगा। इसमें संयुक्त समुद्री गश्त, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान, और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार शामिल हो सकता है। जैसे-जैसे हिंद महासागर का महत्व बढ़ता जा रहा है, भारत और सेशेल्स जैसे देशों के बीच मजबूत साझेदारी क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होगी।
यह यात्रा एक छोटे से कदम की तरह लग सकती है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
संक्षेप में, भारतीय नौसेना के स्टेल्थ फ्रिगेट INS तेग का सेशेल्स दौरा केवल एक नियमित पोर्ट कॉल से कहीं अधिक है। यह भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति, क्षेत्रीय भागीदारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और हिंद महासागर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के उसके प्रयासों का प्रमाण है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को एक नया आयाम देगी, और भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेगी।
चीन और पाकिस्तान की बढ़ सकती है बेचैनी
बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों की बेचैनी बढ़ना तय है, क्योंकि INS तेग का सेशेल्स दौरा सिर्फ एक सैन्य शिष्टाचार नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक पकड़ का विस्तार है। सेशेल्स, हिंद महासागर के उस संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है जहां से चीन की ‘String of Pearls’ नीति को चुनौती दी जा सकती है। भारत की यह मौजूदगी चीन के ग्वादर और हम्बनटोटा जैसे बंदरगाहों की घेरेबंदी मानी जा रही है। वहीं पाकिस्तान के लिए यह खतरे की घंटी है, क्योंकि अब भारत की नौसेना उसकी समुद्री गतिविधियों पर और करीब से नजर रख सकेगी। यही कारण है कि दोनों देशों में हलचल तेज़ है।
आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? नीचे कमेंट करें, हम पढ़ रहे हैं!
indian navy | Indian Navy power |