नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आईपीएस बनना लाखों युवाओं का सपना होता है, लेकिन इस सपने को जीने के बाद अचानक वर्दी छोड़ने का फैसला कोई आम बात नहीं। IPS रचिता जुयाल, उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की अधिकारी, ने हाल ही में अपने इस्तीफे की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया। उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना पद छोड़ने का निर्णय लिया, लेकिन यह फैसला उनके करियर के एक दशक के शानदार सफर के बाद आया है।
रचिता जुयाल ने अपने कार्यकाल में कई अहम पदों पर काम किया और हमेशा कानून व्यवस्था व जनसेवा को प्राथमिकता दी। उनकी सख्त लेकिन संवेदनशील छवि ने उन्हें आम जनता और सहकर्मियों के बीच सम्मान दिलाया। लेकिन अब सवाल यह है कि आखिर क्यों एक ऐसी अधिकारी, जिसने अपना पूरा करियर सेवा में समर्पित कर दिया, अचानक वर्दी उतारने पर मजबूर हुई?
उत्तराखंड की 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। उनकी यह निर्णय समाज सेवा और पारिवारिक जीवन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वर्तमान में उनका इस्तीफा राज्य सरकार के विचाराधीन है, जिसके बाद इसे केंद्र सरकार को अंतिम निर्णय के लिए भेजा जाएगा।
कौन हैं IPS रचिता जुयाल?
रचिता जुयाल ने 2015 बैच में आईपीएस की परीक्षा पास की और उत्तराखंड कैडर में नियुक्त हुईं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत से ही महिला सुरक्षा, अपराध नियंत्रण और सामाजिक न्याय के मामलों में गहरी दिलचस्पी दिखाई। उनकी कार्यशैली ने ना सिर्फ उनके वरिष्ठों का ध्यान खींचा, बल्कि आम जनता के बीच भी उनकी एक विश्वसनीय छवि बनी।
उन्होंने डीएसपी, एसपी और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए कई बड़े मामलों को सुलझाया। उनकी ईमानदारी और निष्ठा के कारण उन्हें अक्सर चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाती थीं, जिन्हें उन्होंने बखूबी निभाया।
क्या है इस्तीफे की वजह?
रचिता जुयाल ने "निजी कारण" बताते हुए इस्तीफा दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
प्रशासनिक दबाव: कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें सिस्टम के भीतर राजनीतिक दबाव और अफसरशाही की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
पारिवारिक जिम्मेदारियां: एक महिला अधिकारी के तौर पर वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना चुनौतीपूर्ण रहा होगा।
नई चुनौतियां चाहिए: हो सकता है कि वह अब सिविल सेवा से इतर किसी और क्षेत्र में काम करना चाहती हों।
हालांकि, उन्होंने खुद किसी विवाद या असंतोष का जिक्र नहीं किया है।
उत्तराखंड पुलिस में छोड़ी गहरी छाप
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रचिता जुयाल ने अपने कार्यकाल में कई ऐसे काम किए जिन्हें लंबे समय तक याद रखा जाएगा:
- महिला सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए।
- युवाओं के लिए मार्गदर्शन कार्यक्रम चलाए।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई।
- IPS रचिता जुयाल ने 10 वर्षों की सेवा के बाद इस्तीफा दिया।
- इस्तीफे के पीछे निजी और पारिवारिक कारण बताए गए हैं।
- उनकी कार्यशैली और समाज सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की गई है।
- उनका इस्तीफा अभी राज्य सरकार के विचाराधीन है।
- उनके सहकर्मी उन्हें एक "दृढ़ निश्चयी और निष्पक्ष अधिकारी" के तौर पर याद करते हैं।
फिल्म निर्देशक यशस्वी जुयाल से की शादी
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रचिता जुयाल की शादी फिल्म निर्देशक यशस्वी जुयाल से हुई है, जो प्रसिद्ध अभिनेता और डांसर राघव जुयाल के भाई हैं। उनकी मुलाकात कोविड-19 महामारी के दौरान समाज सेवा के कार्यों के दौरान हुई थी। दोनों ने मिलकर समाज सेवा में योगदान दिया, जिससे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और अंततः उन्होंने शादी कर ली।
रचिता जुयाल ने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास की थी और 215वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों की एसपी के रूप में सेवा की है और राज्यपाल की एडीसी भी रह चुकी हैं। उनकी कार्यशैली और कर्तव्यनिष्ठा के लिए उन्हें जाना जाता है।
हाल ही में, एसपी विजिलेंस के पद पर रहते हुए, उन्होंने एक दारोगा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था, जिससे उनकी कार्यशैली की सराहना हुई। उनके इस्तीफे के बाद से प्रशासनिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
क्या होगा आगे?
अब सवाल यह है कि क्या रचिता जुयाल सिविल सेवा से बाहर किसी और क्षेत्र में कदम रखेंगी? कुछ सूत्रों का कहना है कि वह सामाजिक कार्य या शिक्षा के क्षेत्र में जाना चाहती हैं, जबकि अन्य का मानना है कि वह फिर से कभी सरकारी सेवा में लौट सकती हैं।
क्या आप रचिता जुयाल के इस निर्णय से सहमत हैं? अपने विचार कमेंट में साझा करें।