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जगन्नाथ रथयात्रा की मंगला आरती ने मोहा मन, भक्त बोले — आज प्रभु ने दर्शन दिए!

अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा से पहले मंगला आरती में भक्तों का सैलाब उमड़ा। यह दिव्य अनुभव अलौकिक शांति और ऊर्जा से भरा था, जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर गया। जानें इस भक्तिमय पल का हर अंश!

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Ajit Kumar Pandey
अहमदाबाद जगन्नाथ मंदिर में मंगला आरती का दिव्य दृश्य, जहां भक्तगण रथयात्रा के शुभ अवसर पर प्रार्थना कर रहे हैं।

अहमदाबाद के श्री जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा से पूर्व मंगला आरती का विहंगम दृश्य, जहां हजारों भक्त प्रभु के दर्शन को उमड़े। | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज शुक्रवार 27 जून 2025 की सुबह अहमदाबाद का श्री जगन्नाथ मंदिर एक दिव्य आभा से जगमगा रहा था, जब लाखों श्रद्धालु रथयात्रा के पावन अवसर पर महाप्रभु की मंगला आरती में शामिल हुए। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा को छू लेने वाला एक ऐसा अनुभव था जिसने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंदिर परिसर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा था, हर कोई महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता था। मंगला आरती का यह अलौकिक दृश्य और वातावरण इतना पवित्र था कि मानो स्वयं देवता धरती पर उतर आए हों। इस अद्वितीय अनुभव ने हर भक्त के हृदय में अटूट श्रद्धा और शांति भर दी।

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आज तड़के अहमदाबाद का श्री जगन्नाथ मंदिर एक अलग ही रंग में रंगा हुआ था। सूरज की पहली किरणें धरती पर पड़ने से पहले ही मंदिर परिसर में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा था। हर चेहरा उत्साह और भक्ति से ओत-प्रोत था। मौका था जगन्नाथ रथयात्रा के शुभ आगमन का, और उससे पहले होने वाली मंगला आरती का, जिसका अनुभव अपने आप में अद्वितीय और अलौकिक होता है।

जैसे ही आरती की ध्वनि पूरे मंदिर परिसर में गूंजी, एक अद्भुत शांति और ऊर्जा का संचार हुआ। घंटियों की आवाज, शंखनाद और भक्तों के 'जय जगन्नाथ' के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा था। ऐसा लग रहा था मानो स्वर्ग से साक्षात देवता उतर आए हों। हजारों हाथों में दीपमालाएं थीं, जो एक साथ जलकर दिव्य प्रकाश फैला रही थीं।

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मंगला आरती में शामिल होना एक अविस्मरणीय अनुभव

महाप्रभु जगन्नाथ की मंगला आरती में शामिल होना सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो जीवनभर याद रहता है। इस पवित्र क्षण में हर भक्त खुद को प्रभु के करीब महसूस करता है। आरती के दौरान पुजारी मंत्रोच्चार कर रहे थे और भक्तगण भाव-विभोर होकर प्रभु की महिमा का गुणगान कर रहे थे। इस दौरान मन में एक अजीब सी शांति और संतोष का भाव उमड़ रहा था। यह दृश्य शब्दों में बयां करना मुश्किल है, इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।

क्या आपने कभी सोचा है कि लाखों लोगों की आस्था एक साथ कैसे एक ऊर्जा में बदल जाती है? जगन्नाथ मंदिर में आज यही देखने को मिला। हर कोई महाप्रभु का आशीर्वाद पाने को आतुर था।

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भक्तों का अटूट विश्वास

अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा और मंगला आरती का महत्व सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के लिए भी है। यह पर्व भक्तों के अटूट विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक है। दूर-दराज से लोग इस अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बनने आते हैं। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए थे ताकि सभी सुगमता से दर्शन कर सकें। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

इस वर्ष की रथयात्रा को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा था। मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए महाप्रसाद का वितरण भी किया गया।

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आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा

मंगला आरती का यह अनुभव न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। जब आप इतनी बड़ी संख्या में भक्तों को एक साथ प्रभु की भक्ति में लीन देखते हैं, तो स्वतः ही आपके मन में भी एक नई ऊर्जा का संचार होता है। यह अनुभव आपको अपनी रोजमर्रा की चिंताओं से दूर ले जाता है और एक गहरी आंतरिक शांति प्रदान करता है।

यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पर्व भी है जो जगन्नाथ मंदिर अहमदाबाद की महिमा को दर्शाता है।

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