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Jaipur Serial Blast: आरोपियों को उम्रकैद की सजा, जानिए उस तबाही की कहानी जिससे कांप उठा था पूरा देश

जयपुर में हुए सीरियल बम धमाकों में लगभग 71 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल हुए थे। ब्लास्ट केस के सभी आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी है।

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Pratiksha Parashar
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जयपुर, वाईबीएन नेटवर्क। 

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Jaipur Serial Blast Case: साल 2008 में हुए जयपुर ब्लास्ट केस को याद करके आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जयपुर में हुए सीरियल बम धमाकों में लगभग 71 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल हुए थे। ये एक आतंकी साजिश का परिणाम था। 17 साल पहले हुए जयपुर ब्लास्ट केस में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। ब्लास्ट केस के सभी आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। अदालत ने  600 पन्नों में फैसला दिया है। 

कौन-कौन है दोषी? 

कोर्ट ने सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सेफ़ुर्रहमान, शाहबाज को दोषी पाया है। शुक्रवार को जयपुर ब्लास्ट मामले में विशेष  अदालत ने चारों आतंकियों को दोषी ठहराया था और और उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता, अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) और विस्फोटक पदार्थ कानून की धाराओं के तहत दोषी ठहराया है। इन धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास का प्रावधान है।

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जयपुर बम ब्लास्ट मामला?

आपको बता दें कि 2008 में राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक के बाद एक कई बम धमाके हुए थे।  13 मई को जयपुर में 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे, वहीं एक बम चांदपोल बाजार इलाके में मिला था, जिसे डिफ्यूज कर दिया गया था। जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर, सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर,  बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, छोटी चौपड़,  त्रिपोलिया बाजार, माणक चौक थाना क्षेत्र और कोतवाली थाना क्षेत्र इलाके में बम धमाका हुआ था, जिसमें 71 लोगों की जान गई थी। 

कैसे दिया था साजिश को अंजाम?

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12 आतंकी दिल्ली से बम लेकर जयपुर आए थे। इसके बाद आरोपियों ने किशनपोल से 9 साइकिलें खरीदीं। साइकिलों में टाइम बम फिट करके उन्हें जयपुर के अलग-अलग इलाकों में खड़ा किया गया। इसके बाद आतंकी ट्रेन में बैठकर दिल्ली फरार हो गए। इसके बाद जयपुर में 8 ब्लास्ट हुए। हमले कि जम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली थी। 

कोर्ट ने क्या कहा?

इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि सबसे बड़ा न्यायालय, हमारा मन होता है। क्या गलत है, क्या सही, यह हमारा मन जानता है। सजा हुई है, मतलब गुनाह भी हुआ है। आपको बता दें कि इस मामले में पहले आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। फांसी को लेकर राज्य सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। 

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