तिरुवनंतपुरम, वाईबीएन नेटवर्क।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) यूनिवर्सिटी के नए फैसले ने दक्षिण भारत के छात्रों के बीच हलचल मचा दी है! विश्वविद्यालय ने तिरुवनंतपुरम को अपने प्रवेश परीक्षा केंद्रों की सूची से हटा दिया है, जिससे दक्षिण भारतीय छात्रों को दिल्ली या अन्य उत्तर और मध्य भारतीय शहरों में परीक्षा देने के लिए जाना पड़ेगा।
550 से अधिक छात्रों पर असर
तिरुवनंतपुरम दक्षिण भारत का एकमात्र परीक्षा केंद्र था, जहां पिछले साल 550 से अधिक छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। अब इस केंद्र को हटाए जाने से छात्रों को अतिरिक्त यात्रा का खर्च और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
शशि थरूर ने जताई कड़ी आपत्ति
केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जामिया के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तय कर लिया है कि वह दक्षिण भारतीय छात्रों को नहीं चाहता?"
उत्तर और मध्य भारत में बढ़े परीक्षा केंद्र, दक्षिण में एक भी नहीं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जामिया ने उत्तर और मध्य भारत में दो नए परीक्षा केंद्र जोड़े हैं, लेकिन दक्षिण भारत में अब एक भी केंद्र नहीं बचा। यह फैसला कई छात्रों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
छात्रों और अभिभावकों में बढ़ी नाराजगी
इस बदलाव से प्रभावित छात्रों और अभिभावकों ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण बताया है। वे चाहते हैं कि विश्वविद्यालय अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और दक्षिण भारत में परीक्षा केंद्र को फिर से बहाल करे।
क्या जामिया अपने फैसले को बदलेगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्वविद्यालय छात्रों और नेताओं के इस विरोध पर क्या प्रतिक्रिया देता है। क्या जामिया फिर से तिरुवनंतपुरम को परीक्षा केंद्रों की सूची में जोड़ेगा, या दक्षिण भारतीय छात्रों को दिल्ली का रुख करना ही पड़ेगा?