Advertisment

Jharkhand liquor scam: एसीबी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व सचिव विनय चौबे को किया गिरफ्तार

झारखंड शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एसीबी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व सचिव व सीनियर आईएएस अधिकारी विनय चौबे को गिरफ्तार किया। छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट से जुड़े घोटाले में ईडी और आर्थिक अपराध शाखा भी कर रही है जांच।

author-image
Dhiraj Dhillon
IAS Vinay Kumar Chaubey in ACB custody

रांची, आईएएनएस। झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने शराब घोटाले में राज्य के सीनियर आईएएस विनय कुमार चौबे को लंबी पूछताछ के बाद मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें सिविल कोर्ट में एसीबी की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। एसीबी ने राज्य में पिछले डेढ़ दशक में पहली बार किसी आईएएस के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की है। विनय कुमार चौबे वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं। इससे पहले वे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। 

Advertisment

एसीबी टीम ने मंगलवार सुबह दी दबिश

आईएएस विनय कुमार चौबे के घर में एसीबी की टीम ने मंगलवार सुबह दबिश दी थी और इसके बाद करीब 11 बजे उन्हें पूछताछ के लिए साथ लेकर अपने कार्यालय पहुंची थी। एसीबी ने उनसे झारखंड में 2022 में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू हुई एक्साइज पॉलिसी की कथित गड़बड़ियों के बारे में पूछताछ की। उस वक्त चौबे झारखंड में एक्साइज सेक्रेटरी के पद पर पदस्थापित थे। 

छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं घोटाले की जड़ें

Advertisment

झारखंड के शराब घोटाले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आ चुकी है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच वहां की आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की थी। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में जांच शुरू की। ईडी को इस दौरान यह जानकारी मिली कि जिस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया, उसी ने झारखंड में भी नई उत्पाद नीति लागू करवाई और यहां भी उसी तर्ज पर घोटाला दोहराया गया। इसी आधार पर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। 

ईडी की पूछताछ में बताया था निर्दोष

ईडी के द्वारा पूछताछ किए जाने के दौरान चौबे ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उत्पाद नीति सरकार की सहमति से लागू की गई थी। बाद में झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड में सुनियोजित घोटाला किया। आरोप है कि झारखंड की उत्पाद नीति में कुछ बदलाव ऐसे किए गए, जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के लोगों को फायदा मिला। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के सहयोग से सिंडिकेट ने मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ। 

Advertisment

छत्तीसगढ़ आर्थिक‌ अपराधा शाखा भी कर रही जांच

छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज मामले को आधार बनाते हुए ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। इसके बाद अक्टूबर 2024 में आईएएस विनय चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य सरकार की अनुमति के बाद पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज कर जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में गड़बड़ियों के सबूत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की गई और इसके बाद आईएएस विनय चौबे से पूछताछ की गई। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे चेकअप के लिए मेडिकल टीम को बुलाया गया। मेडिकल जांच के बाद चौबे को गिरफ्तार कर लिया गया। 

 

Advertisment
Advertisment