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लंदन, वाईबीएन नेटवर्क
विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिटेन के दौरे पर हैं। यहां उनसे एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर पत्रकार ने सवाल किया। इस पर जयशंकर ने ऐसा जवाब दिया कि सभी की बोलती बंद हो गई है। लंदन के चैथम हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान निशार नामक पत्रकार ने डोनाल्ड ट्रंप को मध्यस्था बनाकर कश्मीर मुद्दे को सुलझाने को लेकर सवाल किया था। हालांकि लंदन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर को एक अप्रिय घटना का भी सामना करना पड़ा है। जैसे ही बिल्डिंग से बाहर निकले, वहां खालिस्तानी झंडे लेकर पहले से ही मौजूद अलगवावादियों ने नारेबाजी की। जैसे ही जयशंकर अपनी कार की तरफ बढ़े। एक खालिस्तानी प्रदर्शनकारी ने भागकर उनकी कार का रास्ता रोक लिया। इस दौरान खालिस्तानी प्रदर्शनकारी ने तिरंगा फाड़ दिया। इस घटना ने सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े होर रहे हैं कि इतनी संख्या में खालिस्तानी अलगवावादी कैसे वहां पहुंच गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो रहा है।
Appreciated the conversation with @bronwenmaddox at @ChathamHouse this evening.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 5, 2025
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Do watch 🎥: https://t.co/Wp6CwLBtxY pic.twitter.com/0SSf1E7WuF
पत्रकार का सवाल
एस जयशंकर के इस बयान के बाद से खालिस्तानी समेत कई बड़े नेता भी एस जयशंकर के समर्थन और विरोध में उतर आए हैं। दरअसल कार्यक्रम में मौजूद पत्रकार ने पूछा, कश्मीर के लोग विरोध कर रहे हैं क्योंकि भारत ने कश्मीर पर अवैध कब्जा किया हुआ है. जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति शांति समझौतों को लेकर दिलचस्पी रखते हैं, क्या पीएम मोदी उनसे अपनी दोस्ती का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए कर सकते हैं?
अनुच्छेद 370 को हटाना एक कदम था
एस जयशंकर ने जवाब में कहा, कश्मीर के मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, "कश्मीर में हमने इसके अधिकांश मुद्दों को हल करने में अच्छा काम किया है। मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 को हटाना एक कदम था। फिर, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था। चुनाव कराना, जिसमें बहुत अधिक मतदान हुआ, तीसरा कदम था। मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतज़ार कर रहे हैं, वह कश्मीर के उस हिस्से की वापसी है, जो अवैध पाकिस्तानी कब्जे में है। जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कश्मीर का मसला हल हो जाएगा।"
भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है?"
इसी के साथ एस जयशंकर ने 'भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है?" सवाल का भी जवाब दिया। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है?" सवाल पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "हमारे बीच बहुत ही अनोखे रिश्ते हैं। हम दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज़्यादा है। हम दोनों का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय के साथ उतार-चढ़ाव आए हैं। आज, दोनों देश ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं और हम सीधे पड़ोसी भी हैं। चुनौती यह है कि जैसे-जैसे कोई देश आगे बढ़ता है, दुनिया और उसके पड़ोसियों के साथ उसका संतुलन बदलता है। जब इस आकार, इतिहास, जटिलता और महत्व वाले दो देश समानांतर रूप से आगे बढ़ते हैं, तो वे अनिवार्य रूप से परस्पर क्रिया करते हैं। मुख्य मुद्दा यह है कि कैसे एक स्थिर संतुलन बनाया जाए और संतुलन के अगले चरण में संक्रमण किया जाए। हम एक स्थिर संबंध चाहते हैं जहाँ हमारे हितों का सम्मान किया जाए, हमारी संवेदनशीलता को पहचाना जाए और जहाँ यह हम दोनों के लिए काम करे। वास्तव में हमारे रिश्ते में यही मुख्य चुनौती है। भारत के लिए, सीमा एक महत्वपूर्ण पहलू है। पिछले 40 वर्षों में, यह धारणा रही है कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता रिश्ते को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। यदि सीमा अस्थिर है, शांतिपूर्ण नहीं है, या उसमें शांति का अभाव है, तो यह निश्चित रूप से हमारे संबंधों के विकास और दिशा को प्रभावित करेगा
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब लौटाएंगे?
लंदन में विदेश मंत्री चीन और पीओके को लेकर दिए गए बयान की जहां कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं वहीं विपक्षी पार्टियां विरोध और सवाल करती भी नजर आ रही है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी जयशंकर ने कई सवाल करते हुए कहा कि अगर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जय शंकर ने केवल पाक अधिकृत कश्मीर(POK) की बात की है तो इससे बहुत गंभीर और संवेदनशील सवाल पैदा होता है। हमारा यह मानना है कि पाक अधिकृत कश्मीर(POK) हमारे भारत का हिस्सा है।" कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जय शंकर के बयान पर कहा, " भारत सरकार ने भारत के उच्चतम न्यायालय से एक वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर के राज्य के स्तर को जल्द बहाल कर दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द से जल्द दिया जाएगा। केंद्र सरकार को सबसे पहले यह बताना चाहिए कि वे जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब लौटाएंगे? अगर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जय शंकर ने केवल पाक अधिकृत कश्मीर(POK) की बात की है तो इससे बहुत गंभीर और संवेदनशील सवाल पैदा होता है। हमारा यह मानना है कि पाक अधिकृत कश्मीर(POK) हमारे भारत का हिस्सा है।"
POKभारत का हिस्सा है
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि "जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के कश्मीर पर दिए गए बयान पर कहा, "मुझे नहीं पता कि वे ऐसे मुद्दों को किस तरह से पेश करके क्या हासिल करना चाहते हैं। यह एक तय बात है, संसद में पहले ही एक प्रस्ताव पारित हो चुका है कि POK भारत का हिस्सा है, इस अवसर पर इसे उठाना, मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या है।"लंदन में विदेश मंत्री के कार्यक्रम स्थल के बाहर खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, "मुझे उस घटना के बारे में नहीं पता, इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता
कश्मीर हमसे जुड़ा हुआ था
इसी के साथ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी समर्थन करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के कश्मीर पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "जहां तक POJK का सवाल है, 1948 से भारत सरकार की नीति रही है कि ये गलत है, पूरी तरह से अवैध है। कश्मीर हमसे जुड़ा हुआ था, वहां के महाराजा ने हस्ताक्षर करके जम्मू-कश्मीर को देश में मिलाया था, पाकिस्तान ने जबरदस्ती उस पर कब्ज़ा कर लिया। हर भारतीय चाहता है कि POJK देश का हिस्सा बने, ये हमेशा से भारत सरकार की नीति रही है।"
कदम उठाने के पहले सोचना जरूरी
बता दें कि इससे पहले 9 मई 2024 को दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज के छात्रों संग बातचीत के दौरान कही थी कि विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को अब सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की वापसी का इंतजार है। पाकिस्तान ने इस पर अवैध कब्जा किया हुआ है। पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है। भारत का हर राजनीतिक दल पीओके की भारत में वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने ये भी कहा था कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद लोग अब पीओके के बारे में सोच रहे हैं। कोई भी कदम उठाने के लिए पहले उसके बारे में सोचना बहुत जरूरी होता है।