नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः जूडिशिरी में सालों की सेवा देने के बाद जस्टिस अभय एस ओका अपने आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट की एक ऐसी परंपरा को तोड़ने का मन बना चुके हैं जो उनको ठीक नहीं लगती। बकौल जस्टिस ये रवायत चली आ रही है कि रिटायरमेंट के दिन सुप्रीम कोर्ट के जजेस काम नहीं करते। वो अदालत में आते हैं। सेरेमोनियल बेंच में बैठते हैं और गार्ड आफ आनर लेकर अपने घर चले जाते हैं। लेकिन उनको लगता है कि ये परंपरा बेवजह की है। आखिरी दिन भी जजों को अपना काम पूरा करने के बाद ही घर जाना चाहिए। उनका कहना है कि रवायत बदलनी जरूरी है।
आखिरी लम्हे तक साथी जजों के साथ मिलकर करेंगे काम
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन (SCAORA) की तरफ से आयोजित समारोह में जस्टिस ओका ने कहा कि वो 24 मई को रिटायर होने वाले हैं। अपने आखिरी दिन वो अपने साथी जजों के साथ बैठकर फैसला लिखाने का काम करेंगे। वो दूसरे जजों की तरह से लंच के बाद गार्ड आफ आनर लेकर घर जाने की जल्दबाजी नहीं दिखाएंगे। उनका कहना था कि बीते दिन उन्होंने सीजेआई गवई से दरख्वास्त की थी कि लंच के तुरंत बाद गार्ड आफ आनर देने की रस्म को खत्म किया जाए। रिटायर होने वाले जस्टिस को गार्ड आफ आनर देना है तो काम खत्म होने के बाद दिया जाए।
ओका बोले- पत्नी रोज पूछती है कि कितने दिन बचे हैं
उनका कहना था कि पत्नी के साथ जब वो सुबह मार्निंग वाक पर जाते हैं तो वो रोजाना उनसे पूछती हैं कि कितने दिन बचे हैं अब, क्योंकि वो जानती हैं कि फैसलों को लेकर वो कितने ज्यादा फिक्रमंद रहते हैं। जनवरी से ही उन्होंने फैसला कर लिया था कि रिटायरमेंट के दिन तक वो अपना काम पूरी तरह से निपटा लेंगे। जनवरी के बाद से वो ज्यादा से ज्यादा मामलों की सुनवाई कर रहे थे। अपने साथी जजों अज्जवल भुयन और एजी मसीह के साथ वो लगातार जूझते थे।
सीजेआई ने याद किया 40 साल पुराना याराना
जस्टिस ओका के फेयरवेल फंक्शन में चीफ जस्टिस आफ इंडिया बीआर गवई ने कहा कि वो मेरे 40 साल पुराने दोस्त हैं। हम एक दूसरे को बखूबी समझते हैं। उनका कहना था कि मुझे पता है कि रिटायरमेंट के बाद जस्टिस ओका कंस्लटेशन का काम नहीं करेंगे लेकिन मुझे अच्छी तरह से ये बात मालूम है कि वो किसी भी सूरत में खाली नहीं बैठने वाले। कुछ न कुछ तो करेंगे जरूर।
Supreme Court, Justice AS Oka, Retires on May 24, Tradition of the retiring judges, CJI BR Gavai