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छत्तीसगढ़, वाईबीएन डेस्क |देश के जवान सिर्फ इंसान नहीं होते, कभी-कभी वो चार पैरों पर चलते हैं और वफादारी की मिसाल बन जाते हैं। ऐसा ही एक वफादार योद्धा था CRPF की 228वीं बटालियन का K9 डॉग रोलो, जिसे छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
#WATCH | छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में CRPF के जवानों ने 228 बटालियन के K9 रोलो का अंतिम संस्कार किया। 2 वर्षीय रोलो को 27 अप्रैल 2025 को मृत घोषित कर दिया गया था, जिसकी मौत का कारण 200 मधुमक्खियों के डंक के बाद एनाफिलेक्टिक शॉक बताया गया था।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 16, 2025
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर करेगुट्टा… pic.twitter.com/HDkdxhewrO
ऑपरेशन से लौटते समय हुआ हमला
27 अप्रैल 2025 को छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर करेगुट्टा हिल्स में एक विशेष ऑपरेशन से लौटते समय रोलो और उसके हैंडलर पर मधुमक्खियों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया। हमले में रोलो को करीब 200 मधुमक्खियों ने डंक मारा, जिससे उसे एनाफिलेक्टिक शॉक (Anaphylactic Shock) आया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
CRPF के जवानों ने दी अंतिम सलामी
रोलो की मौत से बटालियन के जवानों की आंखें नम हो गईं। 228वीं बटालियन के जवानों ने नियमों के अनुसार रोलो को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार के समय जवानों ने उसे सलामी दी और फूल अर्पित किए। रोलो के हैंडलर भी उस क्षण भावुक हो उठे।
मशीन नहीं, साथी था रोलो
महज़ 2 साल का रोलो स्निफर डॉग था, जो विस्फोटक खोजने और ऑपरेशन में CRPF की बड़ी मदद करता था। उसकी सूंघने की क्षमता ने कई बार जवानों को खतरे से बचाया था। ऐसे ऑपरेशन में शामिल K9 डॉग्स को सेना और अर्धसैनिक बलों में एक सैनिक की तरह दर्जा दिया जाता है। बता दें, k9 रोलोछत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर करेगुट्टा हिल्स में एक विशेष ऑपरेशन का हिस्सा था। इसी ड्यूटी से लौटते समय रोलो और उसके हैंडलर पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया था, जिसमें उसकी मौत हो गई।