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'आई लव मोहम्मद' पोस्टर पर विवाद : कई राज्यों तक पहुंचा, क्या है पूरा मामला? | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद अब देशभर में तनाव का कारण बन रहा है। कुछ लोगों द्वारा लगाए गए इन पोस्टरों ने पुलिस और प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश में दुर्गा पूजा, दशहरा और दीपावली जैसे बड़े त्योहार आने वाले हैं।
यह सिर्फ एक पोस्टर की बात नहीं है, यह बात है उस आग की जो कानपुर से सुलगी और पूरे देश में फैल गई। 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर पर दर्ज हुई एक एफआईआर ने ऐसा बवाल मचाया है कि उत्तराखंड से लेकर महाराष्ट्र तक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। आखिर क्यों एक साधारण-सा नारा इतना बड़ा मुद्दा बन गया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मामूली सी घटना ने देशभर में हंगामा खड़ा कर दिया है। 'आई लव मुहम्मद' लिखे पोस्टर लगाने को लेकर पुलिस ने जब एफआईआर दर्ज की, तो मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क उठे। यह मामला इतना बढ़ गया कि कानपुर के बाद उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे कई राज्यों में भी प्रदर्शन होने लगे। यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ नारे लगाने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कुछ जगहों पर हिंसा और पुलिस पर पथराव की घटनाएं भी सामने आईं।
कहां से शुरू हुआ ये विवाद?
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यह विवाद 4 सितंबर को कानपुर के रावतपुर में बरावफात के जुलूस से शुरू हुआ। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सैयद नगर इलाके में एक पब्लिक रोड पर 'आई लव मुहम्मद' लिखे बोर्ड लगाए। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और इसे 'नई परंपरा' बताकर हटाने की मांग की। उनका कहना था कि यह जानबूझकर उकसाने की कोशिश है। इसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हुई फिर इन बोर्डों को हटवा दिया गया।
4 सितंबर को कानपुर के रावतपुर के सैय्यद नगर में रामनवमी शोभायात्रा के गेट के सामने 'आई लव मोहम्मद' का बोर्ड लगाने पर विवाद खड़ा हो गया था। पुलिस के समझाने के बावजूद, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता बोर्ड हटाने की मांग पर अड़े रहे। करीब दो घंटे बाद बोर्ड को हटाया गया। यह मुकदमा बारावफात के दौरान बिना अनुमति के गेट बनाने और माहौल बिगाड़ने की कोशिश के आरोप में दर्ज किया गया है।
पुलिस ने इस मामले में शराफत हुसैन, शबनूर आलम, बाबू अली, मोहम्मद सिराज, फजलू रहमान, इकराम अहमद, इकबाल, बंटी, कुन्नू कबाड़ी समेत 10-15 अज्ञात लोगों और दो वाहनों के अज्ञात चालकों के खिलाफ रावतपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की है।
कानपुर के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आशुतोष कुमार ने 'आई लव मोहम्मद' के बैनर पर हुए विवाद को स्पष्ट किया है। उनके अनुसार, आपत्ति बैनर पर नहीं, बल्कि बिना अनुमति के गेट लगाने पर थी।
पुलिस का कहना है कि बिना अनुमति के गेट लगाकर एक नई परंपरा शुरू करने की कोशिश की गई थी, जिसका कुछ लोग विरोध कर रहे थे। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो यह विवाद बढ़ गया। यह मुकदमा नई परंपरा डालने और माहौल बिगाड़ने की कोशिश के आरोप में दर्ज किया गया है। मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। पुलिस का प्रतिनिधि मंडल इस संबंध में मुलाकात कर चुका है और मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM अध्यक्ष
I LOVE MOHAMMAD ﷺ @adgzonekanpur ये जुर्म नहीं है। अगर है तो इसकी हर सज़ा मंज़ूर है।
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 15, 2025
तुम पर मैं लाख जान से क़ुर्बान या-रसूल
बर आएँ मेरे दिल के भी अरमान या-रसूल
क्यों दिल से मैं फ़िदा न करूँ जान या-रसूल
रहते हैं इस में आप के अरमान या-रसूल https://t.co/8kKWY22zHC
उन्होंने इस घटना को धार्मिक अभिव्यक्ति और भावनात्मक आज़ादी का मामला बताया है। उन्होंने ट्वीट / सोशल मीडिया पर लिखा कि “Saying ‘I Love Muhammad’ is not a crime” और कहा कि अगर यह अपराध है तो वह स्वयं स्वीकार करेंगे लेकिन मुसलमानों को पैगंबर मोहम्मद के प्रति प्रेम प्रकट करने के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए।
मौलाना तौकीर रज़ा, बरेली
तौकीर रज़ा ने भी कहा कि मुसलमान पूरी तरह तैयार हैं अगर जरूरत पड़े तो अपने पैगंबर के लिए जीवन भी त्यागेंगे। उन्होंने सरकार और प्रशासन से आग्रह किया कि मुस्लिम समुदाय को शांतिपूर्वक अपने धार्मिक अधिकारों का प्रयोग करने दिया जाए।
मौलाना अमीर मियां, कटुबखाना बरेली
मौलाना अमीर मियां ने कहा कि “क्या किसी को अपना पैगंबर से प्रेम व्यक्त करना अपराध हो गया है?” और प्रशासन से इस तरह के एफआईआर वापस लेने की मांग की।
महाराष्ट्र में सपा का प्रदर्शन
“I Love Mohammad ﷺ” पोस्टर पर कानपुर पुलिस की कार्रवाई के ख़िलाफ़ मानखुर्द–शिवाजी नगर गोवंडी में समाजवादी पार्टी द्वारा विरोध प्रदर्शन।#ILoveMohammad#Kanpur#UttarPradesh#MankhurdShivajiNagar#Protest#Govandi#SamajwadiParty#AbuAsimAzmipic.twitter.com/tX6ejjjcXg
— Samajwadi Party Maharashtra Pradesh (@SamajwadiMah) September 19, 2025
“I Love Mohammad” पोस्टर पर कानपुर पुलिस की कार्रवाई के ख़िलाफ़ मानखुर्द–शिवाजी नगर गोवंडी में समाजवादी पार्टी द्वारा विरोध प्रदर्शन।
एफआईआर की वजह से बढ़ा गुस्सा
एफआईआर दर्ज होने के बाद मुस्लिम पक्ष का गुस्सा भड़क उठा। उनका कहना है कि 'आई लव मोहम्मद' पैगंबर मुहम्मद के प्रति प्यार जताने का एक तरीका है और इस पर एफआईआर दर्ज करना उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है। इसी के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया। लोग हाथों में इसी नारे वाले बैनर लेकर सड़कों पर उतर आए और एफआईआर रद्द करने की मांग करने लगे।
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कानपुर की घटना के बाद विरोध
महाराष्ट्र: नागपुर के मोमिनपुरा और दिघोरी इलाकों में भारी भीड़ जमा हुई। लोग मस्जिदों पर 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लगा रहे थे और नारे लगा रहे थे।
बरेली: बरेली में 'इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल' के नेता नफीस का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह किला एसएचओ को धमकी देते दिखे। इस पर पुलिस ने नफीस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
उत्तराखंड: उत्तराखंड के काशीपुर में बिना इजाजत निकाले गए जुलूस ने हिंसक रूप ले लिया। यहां पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने इस मामले में समाजवादी पार्टी के नेता नदीम अख्तर समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है और अवैध अतिक्रमण को भी ध्वस्त कर दिया है।
अन्य शहर: हैदराबाद, मुंबई, लखनऊ और बरेली में भी विरोध प्रदर्शन हुए। लखनऊ में मुस्लिम महिलाओं ने विधान भवन के बाहर धरना दिया और मुंबई के मुंब्रा में बारिश के बावजूद भी बड़ी रैली निकाली गई। यह विवाद सिर्फ पोस्टर हटाने या एफआईआर दर्ज करने तक सीमित नहीं है। यह दो समुदायों के बीच की संवेदनशीलता और गलतफहमियों का मामला है।
एक तरफ, हिंदू संगठन इसे 'नई परंपरा' और उकसाने वाला कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय इसे अपने पैगंबर के प्रति प्यार का इजहार बताकर एफआईआर रद्द करने की मांग कर रहा है।
प्रशासन का कहना है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं और किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
Kanpur FIR | Religious Freedom | communal harmony