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कर्नाटक वाल्मीकि घोटाला : ED ने कांग्रेस नेताओं पर की छापेमारी | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।कर्नाटक की राजनीति में इस वक्त भूचाल आया हुआ है। राज्य के बहुचर्चित वाल्मीकि महर्षि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (Karnataka Valmiki Nigam) से जुड़े कथित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। आज बुधवार 11 जून 2025 को ED ने बेल्लारी से कांग्रेस सांसद और राज्य के तीन प्रभावशाली विधायकों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। इस खबर ने न केवल राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है, बल्कि आम जनता के बीच भी यह चर्चा का विषय बन गई है कि आखिर कर्नाटक वाल्मीकि घोटाला में और कितने बड़े नाम सामने आएंगे।
बता दें कि यह मामला तब प्रकाश में आया जब निगम के एक अधिकारी, चंद्रशेखरन, ने अपनी आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था। इस नोट में उन्होंने करोड़ों रुपये के कथित अवैध लेनदेन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारी और राजनेता शामिल बताए गए थे। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था और विपक्ष ने सत्ताधारी कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
आज सुबह से ही ED की टीमें बेल्लारी सांसद के आवास सहित तीनों विधायकों के ठिकानों पर पहुंच गईं। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। ED के अधिकारी बैंक खातों, वित्तीय लेनदेन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की गहन जांच कर रहे हैं। इस कर्नाटक वाल्मीकि घोटाला मामले में पहले से ही कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन अब सीधे बड़े राजनीतिक चेहरों पर कार्रवाई से साफ है कि ED इस मामले की तह तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
जानकार बताते हैं कि इस घोटाले में करोड़ों रुपये के सरकारी फंड का दुरुपयोग किया गया है, जो अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए आवंटित किया गया था। यह पैसा कथित तौर पर फर्जी खातों और शेल कंपनियों के माध्यम से डायवर्ट किया गया। ED की यह कार्रवाई उन सबूतों के आधार पर की जा रही है जो जांच एजेंसियों ने अब तक जुटाए हैं।
STORY | ED raids Cong Bellary MP, 3 MLAs in Karnataka Valmiki case
— Press Trust of India (@PTI_News) June 11, 2025
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राजनीतिक बयानबाजी तेज
इस छापेमारी के बाद से ही कर्नाटक की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई है। विपक्ष ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इसे 'भ्रष्टाचार का अड्डा' करार दिया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को निराधार बताया है और जांच में सहयोग करने की बात कही है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कर्नाटक वाल्मीकि घोटाला जांच किस दिशा में जाती है और क्या इससे कुछ और बड़े राजनीतिक नाम सामने आते हैं।
ये है पूरा मामला
कर्नाटक का वाल्मीकि महर्षि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (Karnataka Valmiki Nigam) घोटाला एक बड़ा वित्तीय धोखाधड़ी का मामला है, जिसमें अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए निर्धारित करोड़ों रुपये का दुरुपयोग किया गया है।
राशि का गबन: इस घोटाले में लगभग 90 करोड़ रुपये से लेकर 187 करोड़ रुपये तक की धनराशि के गबन का अनुमान है। यह पैसा कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के खातों से अवैध रूप से फर्जी खातों में स्थानांतरित किया गया।
कैसे हुआ घोटाला: निगम के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एमजी रोड शाखा के खातों से धन को अवैध रूप से कई खातों में स्थानांतरित किया गया, जिनमें से कुछ फर्जी संस्थाओं से जुड़े थे। आरोप है कि यह राशि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में स्थित कई फर्जी खातों में भेजी गई।
खुलासा और आत्महत्या: यह घोटाला तब सामने आया जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखर पी. ने आत्महत्या कर ली और एक सुसाइड नोट छोड़ा। इस नोट में उन्होंने निगम के वरिष्ठ अधिकारियों और एक मंत्री के नाम का उल्लेख करते हुए भ्रष्टाचार और अवैध धन हस्तांतरण का विस्तृत विवरण दिया था।
जांच एजेंसियां: कर्नाटक पुलिस, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले की जांच कर रहे हैं।
गिरफ्तारियां और आरोप: जांच में कई अधिकारियों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं। पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है और उन्हें ईडी ने गिरफ्तार भी किया है। ईडी का आरोप है कि इस गबन किए गए धन का उपयोग 2024 के लोकसभा चुनावों में बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्र के एक उम्मीदवार और बी. नागेंद्र के व्यक्तिगत खर्चों के लिए भी किया गया।
जब्ती: जांच एजेंसियों ने आरोपियों से नकदी, सोना, और महंगी गाड़ियां सहित करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की है।
यह घोटाला कर्नाटक में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए निर्धारित धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का मामला है, जिसमें कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं की संलिप्तता का आरोप है।
यह मामला न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश में एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कितनी गंभीर हो सकती है। आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है।
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