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करूर भगदड़ मामला :  स्वतंत्र जांच के लिए हाई कोर्ट पहुंची अभिनेता विजय की पार्टी, आज दोपहर को सुनवाई

अभिनेता से नेता बने विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की कानूनी शाखा ने करूर भगदड़ की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया है। करूर भगदड़ में शनिवार को महिलाओं और बच्चों सहित 40 लोगों की मौत हो गई थी।

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Mukesh Pandit
Stamped Karur

stampede at actor-politician Vijay’s Karur rally on Saturday। Photo: ITG

चेन्नई, वाईबीएन डेस्क। अभिनेता से नेता बने विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की कानूनी शाखा ने करूर भगदड़ की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया है। करूर भगदड़ में शनिवार को महिलाओं और बच्चों सहित 40 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से ज़्यादा घायल हो गए थे। एस. अरिवाझगन के नेतृत्व में वकीलों ने न्यायमूर्ति एम. ढांडापानी के समक्ष एक रिट प्रस्तुत की और आग्रह किया कि इस मामले को स्वतंत्र जांच के लिए या तो सीबीआई या विशेष जांच दल को सौंपा जाए। मामले की सुनवाई सोमवार दोपहर 2.15 बजे निर्धारित की गई है।

पार्टी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत की

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पार्टी की कानून शाखा ने अदालत से अनुरोध किया कि त्रासदी की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की जाए। टीवीके पदाधिकारी निर्मल कुमार के अनुसार, न्यायमूर्ति ढांडापानी ने टीम को मदुरै पीठ के समक्ष औपचारिक रूप से एक याचिका दायर करने की सलाह दी। पार्टी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें घटना के पीछे साज़िश का आरोप लगाया गया है।

विजय के आवास की सुरक्षा बढ़ाई

पुलिस ने बताया कि इससे पहले, टीवीके प्रमुख और अभिनेता विजय को बम की धमकी मिलने के बाद उनके चेन्नई स्थित आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। उनके नीलांकरै स्थित आवास पर खोजी कुत्तों और बम निरोधक दस्ते को तैनात किया गया है, जबकि स्थानीय पुलिस ने क्षेत्रीय थाने से कम से कम 15 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों के साथ मौजूदा सुरक्षा घेरे को और मज़बूत किया है। धमकी भरे कॉल की जाँच जारी है।

भगदड़ पीड़ित ने टीवीके की रैलियों के खिलाफ अदालत का रुख किया

कानूनी घटनाक्रम के अलावा, करूर रैली में हुई भगदड़ के पीड़ित सेंथिलकन्नन ने मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और राज्य पुलिस को विजय और टीवीके की किसी भी अन्य रैलियों की अनुमति देने से तब तक रोकने की माँग की है जब तक कि जवाबदेही तय नहीं हो जाती और सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित नहीं हो जाते। Karur Stampede Case


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