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महबूबा की बेटी ने चेनाब पुल को बताया जरूरी कदम, जानिए - PM मोदी की तारीफ क्यों करने लगीं इल्तिजा मुफ्ती?

6 जून को पीएम मोदी करेंगे चेनाब ब्रिज का उद्घाटन। इल्तिजा मुफ्ती ने पर्यावरण और सुरक्षा जांच से जुड़ी नागरिक परेशानियों पर उठाए सवाल। अनंतनाग में रेल परियोजना से 200+ परिवार प्रभावित।

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Ajit Kumar Pandey
अनंतनाग इल्तिजा मुफ्ती और चेनाब ब्रिज उद्घाटन: इल्तिजा ने जाहिर की जमीनीं चिंता |

अनंतनाग: इल्तिजा मुफ्ती और चेनाब ब्रिज उद्घाटन: इल्तिजा ने जाहिर की जमीनीं चिंता |

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।जम्मू कश्मीर में अनंतनाग ज़िले की इल्तिजा मुफ्ती, जो पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री के आगमन और इस ऐतिहासिक परियोजना की सराहना करते हुए कुछ ज़मीनी चिंताएं भी उजागर कीं हैं। इल्तिजा मुफ्ती के मुताबिक पहलगाम के पास रेल लाइन का मार्ग “बागों के बीच से” तय किया गया है जो क्षेत्र की नाज़ुक पारिस्थितिकी के लिए एक खतरा बन सकता है।

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में स्थित विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल - चेनाब ब्रिज का उद्घाटन 6 जून, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। यह उद्घाटन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के एक प्रमुख पड़ाव को दर्शाता है। पुल के निर्माण ने न केवल तकनीकी विशेषज्ञों को आकर्षित किया है, बल्कि आम नागरिकों और नेताओं के बीच भी उत्साह और चिंता दोनों को जन्म दिया है।

नागरिक सराहना के साथ जताई चिंता

  • चेनाब ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टावर से भी ऊंचा है।
  • यह ब्रिज 1.3 किलोमीटर लंबा है और इसे 1,400 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया।
  • अनंतनाग और कटरा के बीच यात्रियों को सुरक्षा जांच के चलते 2–3 घंटे की देरी का सामना करना पड़ता है।
  • इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि “प्रधानमंत्री का दौरा स्वागत योग्य है, लेकिन यात्रा अनुभव में सुधार ज़रूरी है।”

सुरक्षा और सुविधा दोनों ज़रूरी

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रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि “सुरक्षा जांच यात्रियों की असुविधा के लिए नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। भविष्य में नई तकनीकों से जांच प्रक्रिया तेज़ करने की योजना है।”

इसके अलावा, कटरा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की लंबी जांच प्रक्रिया की भी समीक्षा चल रही है। एक वरिष्ठ आरपीएफ अधिकारी ने कहा, “हमने NCRB और NIA से तकनीकी सहायता मांगी है ताकि बॉयोमेट्रिक और QR कोड आधारित सिस्टम जल्द लागू किया जा सके।” 

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