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क्या सैलानियों पर attack किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है, आखिर क्यों निशाने पर आए पर्यटक?

लंबे समय से आतंकवाद झेल रही कश्मीर की वादियां हमेशा ही अपने पर्यटकों को लेकर सुरक्षित रहीं । महज 1 -2 मामलों को छोड़ दें तो शायद ही आतंकियों ने कभी घाटी में आए पर्यटकों को निशाना बनाया हो।

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Ranjana Sharma
Kashmir terror attack

नई दिल्ली, वाईबीएने नेटवर्क: लंबे समय से आतंकवाद झेल रही कश्मीर की वादियां हमेशा ही अपने पर्यटकों को लेकर सुरक्षित रहीं । महज 1 -2 मामलों को छोड़ दें तो शायद ही आतंकियों ने कभी घाटी में आए पर्यटकों को निशाना बनाया हो। हालांकि पहलगाम से 6 किमी दूर स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को आतंकियों ने जिस क्रूरता के साथ 28 पर्यटकों की हत्या की है , वह एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है । जानकारों का भी कहना है कि यह कोई आम आतंकी घटना नहीं है , बल्कि इस आतंकी घटना को अंजाम देने के पीछे पाकिस्तान और आतंकी संगठनों की एक बड़ी साजिश है । हालांकि इस हमले के पीछे के कारणों को तलाशने में भारतीय खूफिया एजेंसियां जुट गई हैं । 

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आखिर देश-दुनिया से आए पर्यटकों को क्यों बनाया निशाना

अब तक की जांच के बाद यह साफ हो गया है कि खुफिया एजेंसियां से चूक हुई है । जांच में सामने आया है कि 10 दिन पहले ही आतंकियों ने इस स्थल की रैकी की थी । क्योंकि कश्मीर में टूरिस्ट सीजन शुरू हो गया है और पहलगाम की बैसरन घाटी अप्रैल की शुरुआत से ही देश – दुनिया से आए पर्यटकों से भर जाता है। ऐसे में आतंकियों ने यहां आने वाले पर्यटकों को निशाना बनाने की साजिश रची । असल में दशकों से कश्मीर में हालात कितने की खराब क्यों न रहे हों, पर्यटकों को कभी भी आतंकी हमलों में निशाना नहीं बनाया गया था, लेकिन इस बार पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी गई है। इस हमले में मरने वालों में भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों के साथ ही कुछ विदेशी भी हैं।

घास के मैदान से जुड़ा है जंगल

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जानकारों का कहना है कि आतंकियों ने बैसरन घाटी के इस घास के मैदान को अपने हमले के लिए सुरक्षित पाया । असल में इसी को लेकर आतंकियों ने पिछले दिनों इस मैदान की रैकी की थी । इस घास के एक ओर जंगल पड़ता है , और दूसरी ओर इस घास के मैदान और पहलगाम के बीच 6 किमी का जो रास्ता है , उसपर कोई भी पुलिस पिकेट और सुरक्षा बलों का बंकर नहीं है , जिसके चलते हमला करने के बाद आतंकियों को जंगलों की ओर भागने का पर्याप्त समय मिला । इस चूक को अब सुरक्षा बल भी मान रहे हैं , इसलिए सुबह की पहली किरण के साथ ही ड्रोन और हेलिकॉप्टर के जरिए अब जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ।  

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर उठा कश्मीर का मुद्दा

क्या आतंकियों ने इस बार पर्यटकों पर हमला कर, एक बार फिर से कश्मीर में ठंडे पड़ते आतंकवाद को तेज हवा देने की साजिश रची है । असल में जिस तरह से आतंकियों ने लोगों को मारते हुए उनसे उनका धर्म पूछा और उनसे नमाज पढ़ने को कहा – उससे साफ हो गया है कि वह मुस्लिमों को नहीं बल्कि हिंदुओं को निशाना बनाना चाहते थे और उन्होंने ऐसा किया भी । इतना ही नहीं आतंकियों ने कुछ महिलाओं के पतियों को मारते हुए कहा कि जाकर अपने मोदी को बता देना । बहरहाल , इस घटना पर संयुक्त राष्ट्र ने भी दुख जताया है । अमेरिका –रूस समेत कई देशों ने इस हमले के बाद भारत के साथ खड़े होने की बात कही है । 

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NSA डोभाल ने बुलाई बैठक 

जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार रात ही अपना सऊदी दौरा बीच में छोड़कर भारत लौट आए, वहीं एयरपोर्ट पर उतरते ही पहले उन्होंने वहीं एक बैठक की। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव मौजूद थे। प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा से वापसी के तुरंत बाद इस उच्च स्तरीय बैठक में हमले की गंभीरता, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा रणनीतियों पर विस्तार से मंथन किया गया। इस बैठक के बाद एनएसए डोभाल ने भी सुरक्षा के मद्देनजर एक हाई लेवल बैठक की है । आईबी चीफ, गृह सचिव भी मौजूद रहे। इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की। इस बैठक में सीआरपीएफ डीजी, जम्मू-कश्मीर डीजी, सेना के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।

पुलवामा के बाद घाटी का सबसे बड़ा आतंकी हमला

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यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस हमले में 28 मौतें हुई हैं, जिनमें ज्यादातर टूरिस्ट हैं। मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग भी बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने श्रीनगर में इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है और लोगों की मदद के लिए फोन नंबर भी जारी किए हैं। ये हैं 0194-2457543, 0194-2483651 और मोबाइल नंबर 7006058623 भी दिया गया है। पल-पल के अपडेट्स के लिए बने रहिए एनबीटी ऑनलाइन के साथ।

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