नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
जम्मू कश्मीर के पंडित अपने आप को देश की मुख्य धारा में लाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। वे सरकार के सामने अपना पक्ष भी रख रहे हैं। अब इसी क्रम में अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (एआईकेएस) ने अपने अध्यक्ष रविंदर पंडिता के नेतृत्व में आज नई दिल्ली में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की। बैठक के दौरान, एआईकेएस ने कश्मीरी पंडितों को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में घोषित करने और जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के भीतर उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए एक समर्पित आयोग की स्थापना की मांग करते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया।
हर हाल में अल्पसंख्यक का दर्जा मिले
पंडिता ने कश्मीरी हिंदुओं की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और इस बात की ओर इशारा किया कि उन्हें जम्मू और कश्मीर में अल्पसंख्यक मिलना चाहिए। उनका कहना था कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में अल्पसंख्यक ही माना जाता है, इसलिए उन्हें हर हाल में अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाना चाहिए। पंडिता ने इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के बाद यह मांग और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में इन मुद्दों के महत्व पर प्रकाश डाला।
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रिजिजू ने दिया आश्वासन
मंत्री रिजिजू ने कश्मीरी पंडितों की मांगों को गंभीरता से सुनते हुए उस पर सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिया। रिजिजू ने कहा कि यह मुद्दा कुछ अन्य राज्यों पर भी लागू होता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग की तत्काल आवश्यकता, कश्मीरी पंडितों को अल्पसंख्यक के रूप में आधिकारिक रूप से घोषित करने सहित एआईकेएस द्वारा उठाए गए मुद्दों को ध्यान से सुना और अंकुर शर्मा द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 2018 के निर्देश के साथ-साथ न्यायमूर्ति वेंकटचलैया एनएचआरसी रिपोर्ट का भी संदर्भ दिया।
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इसके अलावा, एआईकेएस ने धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए करतारपुर कॉरिडोर की तर्ज पर पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में शारदा पीठ को फिर से खोलने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल को सुनने के बाद मंत्री ने सुझाव दिया कि इन राजनीतिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक बड़ा समूह गृह मंत्री से मिले। उन्होंने एआईकेएस को आश्वासन दिया कि वे इन मामलों पर आगे चर्चा करने के लिए गृह मंत्रालय के साथ बैठक की सुविधा प्रदान करेंगे। एआईकेएस टीम के सदस्यों ने किरण रिजिजू को 22 फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह में आमंत्रित किया। टीम ने उन्हें एआईकेएस के आधिकारिक मुखपत्र नाद पत्रिका का नवीनतम अंक भी भेंट किया।