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श्रीनगर, वाईबीएन नेटवर्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हरे-भरे घने जंगल और पर्वतों से घिरे खूबसूरत बैसरन को आतंकियों ने दुख और दहशत से भर दिया है। कायराना आतंकी हमले में देश-विदेश के पर्यटकों के साथ ही कश्मीरियों की भी मौत हुई है। सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है। इस नापाक हिंसा के खिलाफ कश्मीरियों का गुस्सा भी फूट पड़ा है। आतंकी हमले के बाद एक तरफ सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन छेड़ दिया है, वहीं आम नागरिकों ने आतंकवाद के खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध जताया है। कश्मीरियों ने आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए। कश्मीरियों के विरोध ने स्पष्ट कर दिया है कि वे आतंकवाद के खिलाफ कड़ा एक्शन चाहते हैं। इस हमले का सीधा असर अब राज्य की अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर भी दिखने लगा है।
सेना का ऑपरेशन
विशेष खुफिया सूचना के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना ने उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बलों ने संदिग्ध गतिविधियों वाले क्षेत्र में घेराबंदी की, आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। शुरुआती मुठभेड़ में एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया गया, लेकिन वे वीरगति को प्राप्त हो गए। फिलहाल ऑपरेशन जारी है और पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।
लाल चौक पर आतंक के खिलाफ कैंडल मार्च
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में श्रीनगर के लाल चौक पर रविवार शाम लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हाथों में तख्तियां, कैंडल और देशभक्ति के नारे लिए नागरिकों ने आतंकवाद के खिलाफ शांतिपूर्ण मार्च निकाला। 'अब बहुत हुआ', 'कश्मीर शांति चाहता है' और 'आतंकवाद मुर्दाबाद' जैसे नारों से घाटी गूंज उठी। इस मार्च में युवाओं, महिलाओं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कश्मीर में बंद का आयोजन
आतंकी हमले के खिलाफ घाटी के कई इलाकों में बंद का आयोजन किया गया। सोपोर, कुलगाम, पुलवामा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के शटर बंद रहे। आम लोग सड़कों पर उतर आए और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करते नजर आए। लाल चौक पर आयोजित कैंडल मार्च और विभिन्न क्षेत्रों में किए गए बंद ने यह स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर के लोग आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं और शांति चाहते हैं।
लौटने लगे टूरिस्ट, टूरिज्म को झटका
पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने कई लोगों की जिंदगी छीन ली है। इस हमले का पर्यटन उद्योग पर भी तगड़ा असर पड़ा है। हमले की खबर के बाद से ही देशभर से आए सैलानी अपनी ट्रिप रद्द कर वापस लौटने लगे हैं। श्रीनगर से लेकर पहलगाम तक होटल खाली होने लगे हैं, डल लेक की शिकारे सूनी पड़ी हैं, टैक्सी स्टैंड पर खड़ी गाड़ियां खाली हैं। होटल व्यवसायियों का कहना है कि यह घटना टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका है, खासकर उस वक्त जब कोविड के बाद इंडस्ट्री रफ्तार पकड़ चुकी थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में रिकॉर्ड 2.36 करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर आए, जिनमें 27 लाख केवल कश्मीर आए, जिसमें अब गिरावट देखने को मिल सकती है। राज्य की GSDP करीब 2.65 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें टूरिज्म का योगदान लगभग 18,500 से 21,000 करोड़ रुपये तक माना जाता है। ऐसे में आतंकवाद का हर हमला न सिर्फ जानलेवा, बल्कि आर्थिक रूप से भी राज्य के लिए बड़ा नुकसान बन जाता है।