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गरबा पर VHP को भाजपाई मंत्रियों का साथ, जानें कांग्रेस ने क्या कहा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग के गरबा पर दिए गए बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा है कि गरबा कोई मनोरंजन नहीं, बल्कि एक धार्मिक अनुष्ठान है, इसलिए इसमें सिर्फ हिंदू ही शामिल हों। विश्व हिंदू परिषद और महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे के इसी तरह के बयानों के बाद यह मुद्दा अब और गरमा गया है। इस पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है और गरबा इसका एक अहम हिस्सा है। लेकिन, इस साल यह धार्मिक अनुष्ठान एक नए विवाद के केंद्र में आ गया है।
मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने एएनआई को दिए एक बयान में कहा, “गरबा पूरी तरह से एक धार्मिक अनुष्ठान है। यह कोई मनोरंजन कार्यक्रम नहीं है। इसलिए, इसमें सिर्फ सनातन धर्म के मानने वाले ही जाएं।” उन्होंने कहा कि जो लोग हिंदू धर्म को नहीं मानते, उन्हें वहां जाने की क्या जरूरत है। विश्वास सारंग ने यह भी जोर देकर कहा कि पहचान उजागर करना बेहद जरूरी है।
विश्व हिंदू परिषद और नितेश राणे ने भी उठाई यह मांग
यह पहली बार नहीं है जब ऐसा बयान सामने आया है। हाल ही में, विश्व हिंदू परिषद ने गरबा आयोजकों को सलाह दी थी कि वे कार्यक्रम में आने वाले हर व्यक्ति का आधार कार्ड देखकर ही प्रवेश दें।
विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि ऐसा करने से "लव जिहाद" जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।
महाराष्ट्र के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितेश राणे ने भी विश्व हिंदू परिषद की इस सलाह का समर्थन किया। उन्होंने दावा किया कि गरबा कार्यक्रम "लव जिहाद" के केंद्र बन रहे हैं।
लव जिहाद के आरोप और विपक्ष का पलटवार नितेश राणे ने पीटीआई को बताया, "मेरी जानकारी के अनुसार, इस्लाम में मूर्ति पूजा नहीं होती है। लव जिहाद के अलावा मुझे कोई और वजह नहीं दिखती कि मुस्लिम गरबा में क्यों शामिल हों। वे गलत पहचान बताकर आते हैं और हमारी महिलाओं को परेशान करते हैं।"
दूसरी ओर कांग्रेस ने इस तरह के बयानों की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने विश्व हिंदू परिषद पर समाज में आग लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान समाज को बांटने और नफरत फैलाने का काम करते हैं।
महाराष्ट्र के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि आयोजकों को किसी कार्यक्रम में प्रवेश की शर्तें तय करने का अधिकार है, बशर्ते वह पुलिस की अनुमति से आयोजित किया जा रहा हो। वहीं कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने विहिप पर "समाज में आग लगाने" का आरोप लगाया।
गरबा की बदलती पहचान: क्या यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान है?
पिछले कुछ सालों में गरबा का स्वरूप काफी बदला है। यह सिर्फ गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि देश के बड़े शहरों में गरबा नाइट का चलन काफी बढ़ गया है। कई जगहों पर यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम बन गया है, जिसमें अलग-अलग धर्मों के लोग एक साथ मिलकर गरबा करते हैं।
जहां एक तरफ विश्व हिंदू परिषद और कुछ राजनेता इसे धर्म से जोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे समाज को तोड़ने की कोशिश बता रहा है। नवरात्रि के इस मौके पर यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बहस किस दिशा में जाती है और इसका क्या असर होता है।
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