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वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर हंगामा बरपा हुआ है। एक तरफ सत्ता पक्ष बजट सत्र में इस बिल को पास कराने की तैयारी कर रहा है, तो दूसरी तरफ मुस्लिम संगठन इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। मुस्लिम संगठन इसके विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन बिल के विरोध में जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 'वक्फ बोर्ड' क्या है। इसमें संशोधन क्यों किया जा रहा है और मुस्लिम संगठन संशोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। आइए आपको इस बिल से जुड़ी हर जरूरी बात बताते हैं।
वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ बोर्ड एक संगठन है, जो इस्लामी वक्फ संपत्तियों (जैसे मस्जिदें, मदरसे, दरगाहें आदि) की देखरेख और प्रबंधन करता है। वक्फ संपत्ति ऐसी संपत्ति होती है, जिसे किसी व्यक्ति द्वारा धर्म या समाज की भलाई के लिए दान किया जाता है और यह संपत्ति उस दानकर्ता के निधन के बाद भी धार्मिक या समाजिक कार्यों के लिए उपयोग होती रहती है। वक्फ बोर्ड रेलवे और रक्षा विभाग के बाद देश में तीसरा सबसे बड़ा भूमि धारक है। ये देश में 9.4 लाख एकड़ भूमि में फैली 70 हजार संपत्तियों को नियंत्रित करता है। भारत में वक्फ बोर्ड न सिर्फ भूस्वामी है, बल्कि कानूनी रूप से उनकी सुरक्ष के लिए एक अधिनियम भी है।
वक्फ बोर्ड कब बना?
वक्फ बोर्ड का गठन वक्फ एक्ट 1954 के तहत किया गया था। वक्फ बोर्ड भारत में वक्फ संपत्तियों की देखरेख और नियंत्रण के लिए एक कानूनी शक्ति देता है। इस एक्ट के तहत, हर राज्य में एक वक्फ बोर्ड का गठन किया जाता है। 1954 में वक्फ बोर्ड के गठन के बाद, 1995 में इसे संशोधित किया गया था। साल 1995 में वक्फ अधिनियम को मुसलमानों के लिए और अधिक अनुकूल बनाया गया। इस एक्ट में ये प्रावधान किया गया कि वक्फ संपत्तियों को पंजीकरण के तहत लाया जाएगा। इससे वक्फ संपत्तियों का स्पष्ट रिकॉर्ड रहेगा। इसका मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को और ज्यादा प्रभावी और पारदर्शी बनाना था।
वक्फ बोर्ड का गठन क्यों किया गया?
वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधनि, संरक्षण और दुरुपयोग को रोकने के लइए वक्फ बोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड के गठन से ये सुनिश्चित किया गया कि वक्फ संपत्तियों से मिलने वाली आय का इस्तेमाल धर्म, शिक्षा, गरीबों की भलाई और समाज सेवा के लिए किया जाए। वक्फ संपत्तियों में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकना भी वक्फ बोर्ड के गठन का उद्देश्य था।
वक्फ बोर्ड के अधिकार
वक्फ बोर्ड के पास कानूनी रूप से कई विशिष्ट अधिकार हैं। वक्फ बोर्ड के पास संपत्तियों के पंजीकरण, उचित प्रबंधन, वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे को हटाने और विवादों का समाधान करने समेत कई अधिकार होते हैं। वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और देखरेख करने का अधिकार है। बोर्ड के पास वक्फ संपत्तियों पर हुए किसी भी अवैध कब्जे या अतिक्रमण को हटाने का अधिकार है। यदि कोई वक्फ संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर रहा है, तो वक्फ बोर्ड उसे हटाने के लिए कार्रवाई कर सकता है। वक्फ संपत्ति से संबंधित कोई विवाद होता है, तो वक्फ बोर्ड उसे सुलझाने की कोशिश करता है। यदि विवाद बोर्ड के स्तर पर नहीं सुलझ पाता है तो मामला वक्फ ट्रिब्यूनल के पास भेजा जाता है।
वक्फ संशोधन बिल क्या है?
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 में लाया गया है, जिसका उद्देश्य वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन करना है। इसके साथ ही मुसलमान वक्फ अधिनियम 1923 को निरस्त करना है। वक्फ संशोधन बिल मौजूदा वक्फ कानून में 40 बदलावों का प्रस्ताव है। इस बिल के जरिए वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम CEO की नियुक्ति करने का प्रावधान है। इसके साथ ही महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने का भी प्रावधान है।
वक्फ संशोधन बिल क्यों लाया गया?
इसका उद्देश्य बोर्ड की संरचना और कामकाज को बदलना है। दरअसल, वक्फ अधिनियम सिर्फ एक ही धर्म को विशेष कानूनी अधिकार देता है। आरोप ये भी हैं कि वक्फ मनमाने तरीके से संपत्तियों से संबंधित विवादों का निपटारा करता है। इसके विरोध में भी लगातार आवाजें उठती रही हैं। इसीलिए वक्फ बोर्ड में बड़े पैमाने पर बदलाव करने के लिए वक्फ संशोधन बिल लाया गया है।
क्या है मुस्लिमों की मांग?
मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इसे काला कानून बताया है और वापस लेने की मांग की है। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि ये विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप करता है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई मुस्लिम संगठन और विपक्षी दल के लोग वक्फ संशोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
संसद में क्यों मचा है हंगामा?
वक्फ संशोधन बिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2024 में मंजूरी दी थी, जिसके बाद इसे जेपीसी की समीक्षा के लिए भेजा गया था। संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ संसोशन विधेयक के 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। 13 फरवरी 2025 को जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट पेश की। कई विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं। संसद में वक्फ बिल को लेकर सत्तापक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच तकरार देखने को मिली है।
फिलहाल जंतर-मंतर पर मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है। विरोध और समर्थन के इस उबाल के बीच, अब यह सवाल उठता है कि क्या सरकार इस विरोध को नजरअंदाज कर पाएगी, या वक्फ संशोधन विधेयक में कोई बदलाव किया जाएगा?
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