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Kolkata Gang Rape : इंसाफ की आग! छात्र सड़क पर, पुलिस से झड़प

कोलकाता गैंगरेप: न्याय की मांग को लेकर कांग्रेस और छात्रों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी। पुलिस से झड़प के बीच उठा महिला सुरक्षा का सवाल। कब मिलेगा पीड़िता को इंसाफ? इस जघन्य अपराध ने पूरे शहर को झकझोर दिया है।

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Ajit Kumar Pandey
Kolkata Gang Rape : इंसाफ की आग! छात्र सड़क पर, पुलिस से झड़प | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।कोलकाता में छात्र के साथ हुए जघन्य गैंगरेप ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। आज शनिवार 28 जून 2025 को न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और छात्रों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा, जहां पुलिस से उनकी तीखी झड़प हुई। आखिर कब मिलेगा पीड़िता को इंसाफ?

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कोलकाता की कासबा पुलिस स्टेशन के बाहर का नजारा कुछ दिनों से आम नहीं है। यहां कोलकाता कॉलेज छात्रा गैंगरेप मामले को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। एक ओर जहां पीड़िता और उसके परिवार को गहरे सदमे से उबरना मुश्किल हो रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल और छात्र संगठन सड़कों पर उतर आए हैं, न्याय की पुरजोर मांग कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस बर्बर घटना के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रखा, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया।

कल, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। लेकिन क्या लाठीचार्ज और धक्का-मुक्की से न्याय की आवाज को दबाया जा सकता है? यह सवाल आज हर किसी के मन में गूंज रहा है।

सड़कों पर उतरी इंसाफ की आवाज

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कासबा पुलिस स्टेशन के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था, लेकिन विरोध प्रदर्शन में शामिल युवाओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के तेवर ढीले नहीं पड़े। वे लगातार 'हमें न्याय चाहिए' और 'अपराधियों को सजा दो' जैसे नारे लगा रहे थे। इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हमारे शहरों में लड़कियां सुरक्षित हैं? क्या वे रात में अकेले निकलने का साहस कर सकती हैं?

इस दर्दनाक घटना ने कई लोगों को झकझोर कर रख दिया है। एक आम छात्रा के साथ ऐसी दरिंदगी, समाज के लिए एक बड़ा धब्बा है। कोलकाता कॉलेज छात्रा गैंगरेप का मामला केवल एक अपराध नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि हमें अपने समाज में जड़ें जमा चुकी इस बुराई को खत्म करना होगा।

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पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प: क्या है अगली रणनीति?

प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, लेकिन उनकी आवाज दबने की बजाय और बुलंद होती गई। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब तक दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिल जाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। वे कोलकाता में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

यह घटना सिर्फ कोलकाता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोग ट्विटर, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म पर पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील कर रहे हैं।

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जनता का आक्रोश: इस घटना ने आम जनता को स्तब्ध कर दिया है। लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।

राजनीतिक दबाव: विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल उठा रहे हैं।

कानूनी प्रक्रिया: पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन लोगों को आशंका है कि कहीं यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में न चला जाए।

क्या अब बदलेगा कुछ? महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल

यह पहली बार नहीं है जब किसी छात्र के साथ ऐसी वारदात हुई हो। देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी खबरें आती रहती हैं, जो महिला सुरक्षा के खोखले दावों की पोल खोलती हैं। कोलकाता गैंगरेप की घटना ने हमें फिर से सोचने पर मजबूर किया है कि क्या हम अपने बच्चों को सुरक्षित वातावरण दे पा रहे हैं? क्या हमारी कानूनी और सामाजिक व्यवस्था इतनी मजबूत है कि वह ऐसे अपराधियों को दोबारा ऐसा करने से रोक सके?

सरकार और प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना होगा। केवल प्रदर्शनकारियों को हटाने या बयानबाजी करने से काम नहीं चलेगा। जरूरत है एक ठोस कार्ययोजना की, जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और अपराधियों को मिसाल बनने वाली सजा मिल सके।

फास्ट ट्रैक कोर्ट: ऐसे मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।

जागरूकता अभियान: समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि ऐसी मानसिकता को बदला जा सके जो महिलाओं को कमजोर समझती है।

पुलिस की सक्रियता: पुलिस को ऐसे मामलों में और अधिक सक्रिय होना होगा और त्वरित कार्रवाई करनी होगी।

आगे क्या? इंसाफ की लड़ाई जारी

कासबा पुलिस स्टेशन के बाहर का विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक शुरुआत है। कोलकाता में न्याय की लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिल जाता और अपराधियों को उनके गुनाहों की सजा नहीं मिल जाती। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हम सभी को मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी होगी और एक ऐसा समाज बनाना होगा जहां हर महिला और लड़की सुरक्षित महसूस कर सके।

आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? नीचे कमेंट करके अपने विचार साझा करें। क्या आपको लगता है कि समाज में महिलाओं के लिए सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए?

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