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-15°C बर्फीले तूफ़ान में फंसे थे कोरियाई पर्यटक, सेना के जाबांजों ने बचाया

लद्दाख में 17,000 फीट की ऊंचाई पर, -15°C में फंसे दो दक्षिण कोरियाई नागरिकों को भारतीय सेना ने रात के अंधेरे में एक जोखिम भरे ऑपरेशन में बचाया। 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' के जांबाज़ों ने मौसम और समय की चुनौती को मात देकर, मानवता की मिसाल पेश की।

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Ajit Kumar Pandey
-15°C बर्फीले तूफ़ान में फंसे थे कोरियाई पर्यटक, सेना के जाबांजों ने बचाया | यंग भारत न्यूज

-15°C बर्फीले तूफ़ान में फंसे थे कोरियाई पर्यटक, सेना के जाबांजों ने बचाया | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।लद्दाख में सियाचिन के पास 17,000 फीट की ऊंचाई पर -15°C के बर्फीले तापमान में फंसे दो दक्षिण कोरियाई नागरिकों को भारतीय सेना ने एक जोखिम भरे रेस्क्यू ऑपरेशन में सुरक्षित बचा लिया। 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' के सेना के जांबाज़ों ने रात के अंधेरे और खतरनाक मौसम की परवाह किए बिना यह अदम्य साहस दिखाया। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह घटना 4 सितंबर गुरूवार की है। जब रात के करीब 8:05 बजे भारतीय सेना को एक आपातकालीन संदेश मिला। यह संदेश दो दक्षिण कोरियाई नागरिकों के बारे में था जो लद्दाख में स्थित कोंगमोरुला दर्रे के पास फंसे हुए थे और उन्हें तुरंत मदद की ज़रूरत थी। 

जानकारी मिलते ही 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' ने बिना एक पल भी गंवाए रात 8:20 बजे अपना हेलीकॉप्टर लॉन्च कर दिया। मौत को मात देने वाली रेस्क्यू उड़ान लद्दाख के ऊंचे-ऊंचे बर्फीले पहाड़ों में रात के समय उड़ान भरना बेहद ख़तरनाक होता है। 

यहां तापमान -15°C तक गिर जाता है और हवा इतनी तेज़ी से चलती है कि पायलट के लिए चुनौती और भी बढ़ जाती है। इसके बावजूद सेना के पायलट ने पूरे साहस के साथ हेलीकॉप्टर को लेकर उड़ान भरी। 

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मौसम की चुनौती: तापमान -15°C हवा का तेज़ दबाव 

समय की चुनौती: रात का अंधेरा और सीमित समय 

स्थान की चुनौती: 17,000 फीट की ऊंचाई पर दुर्गम इलाक़ा 

रात 9:15 बजे हेलीकॉप्टर सफलतापूर्वक कोंगमोरुला पास के शिखर पर उतर गया। रेस्क्यू टीम ने तुरंत दो दक्षिण कोरिया के नागरिक ह्यून वू किम और उनकी पत्नी को को हेलीकॉप्टर में बिठाया और उन्हें वहां से लेकर निकाला। इस ऑपरेशन में ज़रा सी भी देरी उनकी जान के लिए ख़तरा बन सकती थी।

सेना ने मानवता की मिसाल पेश की सेना के जांबाज़ों ने 

इस ऑपरेशन को न सिर्फ़ समय पर अंजाम दिया बल्कि मानवता की एक शानदार मिसाल भी पेश की। सफल रेस्क्यू के बाद दोनों कोरियाई नागरिकों को चिकित्सकीय जांच के लिए मेडिकल टीम को सौंप दिया गया जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। 

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भारतीय सेना का यह ऑपरेशन दुनिया के लिए एक संदेश है कि सेना सिर्फ़ सीमाओं की रक्षा ही नहीं करती, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर मानवीय सेवा में भी सबसे आगे रहती है। यह घटना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है, जहां लोग भारतीय सेना के अदम्य साहस और मानवता की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं।

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