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Photograph: (IANS)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नए लेबर कोड के लागू होने का अगले दो- तीन वर्षों में बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा। लेबर कोड लागू होने से देश भर में लगभग 77 लाख नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। नई व्यवस्था में 75,000 करोड़ रुपए का उपभोग बढ़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार, नए कोड के प्रभावी होने के लिए सुधारों का सही क्रियान्वयन, फर्म-लेवल एडजस्टमेंट लागत और राज्य-स्तरीय नियमों का अनुपालन जरूरी होगा।
जानें एसबीआई एडवाइजर ने क्या कहा?
एसबीआई की ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्या कांति घोष का कहना है कि नए लेबर कोड के लागू होने से कर्मचारी और उद्यम दोनों सशक्त होंगे। उन्होंने कहा- औसतन 30 प्रतिशत की बचत दर के साथ प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 66 रुपए की खपत बढ़ेगी, जिससे कुल उपभोग 75,000 करोड़ रुपए तक बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में लगभग 44 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं, जिनमें से 31 करोड़ ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं। यदि 20 प्रतिशत लोग इनफॉर्मल से फॉर्मल पे रोल में शिफ्ट होते हैं, तो करीब 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा।
करीब पांच गुना बढ़ जाएगा फॉर्मलाइजेशन रेट
एसबीआई का अनुमान है कि नए लेबर कोड लागू होने पर फॉर्मलाइजेशन रेट 15.1 प्रतिशत बढ़कर 75.5 प्रतिशत हो जाएगा, यानी यह रेट करीब पांच गुना बढ़ जाएगा। इसका परिणाम यह होगा कि भारत का लेबर मार्केट अधिक प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बन सकेगा, और सामाजिक सुरक्षा कवरेज 80–85 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। इस रिपोर्ट के अनुसार, लेबर कोड रोजगार सृजन, उपभोग वृद्धि और फॉर्मलाइजेशन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। Labour Code | Employment Boost 2025 | EmploymentOpportunities
इनपुटः आईएएनएस
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