नवसारी,वाईबीएन नेटवर्क।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गुजरात के नवसारी में 'लखपति दीदी' कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर क्षेत्र की महिला उद्यमियों के साथ ही साथ सफल व्यक्तियों की सफलता की कहानियां सामने आ रही हैं।
संगीता सोलंकी की ये है कहानी
नवसारी की 34,000 से ज्यादा महिलाओं ने विभिन्न सरकारी योजनाओं की मदद से स्वरोजगार अपनाया है और आज वो आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन गई हैं। साहू गांव की संगीता सोलंकी ने बताया कि उन्हें परिवार के साथ ही साथ अपने लिए भी कुछ करना था। शुरुआत में सिलाई का काम किया। लेकिन, मन में था कि कुछ और बेहतर करना है। लेकिन, पैसे की तंगी के कारण नहीं कर पाए। उन्होंने बताया कि मैंने गांव की 10 महिलाओं के एक समूह में शामिल होकर एक छोटा सा ऋण लेकर घरेलू व्यवसाय शुरू किया। लेकिन यह मेरे लिए पर्याप्त नहीं था। सीएससी के तहत बैंक मित्र के रूप में प्रशिक्षण लिया, घर पर बैंक मित्र इकाई स्थापित की। मुद्रा लोन के तहत घर में कंप्यूटर और प्रिंटर सहित उपकरण लगवाए और काम करना शुरू कर दिया। पहले महीने में उनकी कमाई कम हुई, लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। उन्होंने लोगों के लिए बैंकिंग कार्य के साथ-साथ पैन कार्ड, आधार कार्ड, ई-श्रमिक कार्ड, गैस और बिजली बिल जमा-निकासी जैसी सेवाएं भी शुरू की। आज वह हर महीने 10,000 रुपये की आय अर्जित कर रही हैं। 'लखपति दीदी' योजना के तहत अपने जीवन में आए परिवर्तन के लिए संगीता सोलंकी मोदी सरकार की आभारी हैं।
करोड़पति दीदी बनी जिग्नासाबेन मिस्त्री
नवसारी तालुका के मोलधारा गांव की एक अन्य निवासी जिग्नासाबेन मिस्त्री की भी ऐसी ही कहानी है। कॉमर्स में स्नातक करने के बाद, उन्होंने ललित कला में कोर्स किया और सखी मंडली योजना के तहत आर्टिफिशियल ज्वैलरी बनाकर बेचना शुरू किया। उन्होंने कहा कि आभूषण बनाने के लिए कच्चा माल खरीदने के लिए उन्हें सरकारी एजेंसियों से सहायता मिली। आज वह आत्मनिर्भर बन गई हैं और सालाना एक लाख रुपए की कमाई कर रही हैं। इन पैसों से परिवार चलाने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने पीएम मोदी का आभार जताया है।
क्या है लखपति दीदी योजना
लखपति दीदी योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत, महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए ₹1 लाख से ₹5 लाख तक की ब्याजमुक्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही, उन्हें वित्तीय और कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिसमें एलईडी बल्ब बनाने से लेकर प्लंबिंग और ड्रोन रिपेयरिंग जैसे तकनीकी कार्य शामिल हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी वार्षिक आय को ₹1 लाख या उससे अधिक तक बढ़ाना है।