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Lilavati Hospital: मुंबई के लीलावती अस्पताल में काले जादू की ये है पूरी कहानी

मुंबई स्थित प्रसिद्ध लीलावती अस्पताल में 1,500 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। अस्पताल का संचालन करने वाले चैरिटेबल ट्रस्ट ने पूर्व ट्रस्टियों और उनसे जुड़े लोगों पर घोटाले का आरोप लगाया है।

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Ajit Kumar Pandey
LILAWATI HOSPITAL

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मुंबई, वाईबीएन नेटवर्क ।

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मुंबई के प्रसिद्ध लीलावती अस्पताल में 1,500 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। अस्पताल का संचालन करने वाले चैरिटेबल ट्रस्ट ने पूर्व ट्रस्टियों और उनसे जुड़े लोगों पर घोटाले का आरोप लगाया है। बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें वित्तीय हेराफेरी के साथ काले जादू को लेकर भी शिकायत दर्ज हुई है।

देश के बड़े अस्पताल और हेल्थ केयर इन्फ्रास्टक्चर के मामले में भी मुंबई को अच्छा नाम माना जाता है। लेकिन हाल ही में मुंबई का जानामाना अस्पताल लीलावती में घोटाले का मामला सामने आया तो न केवल संगठन की साख को प्रभावित कर रहा है, वहीं इसके संचालन पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

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लीलावती अस्पताल में कितने रुपये का घोटाला?

लीलावती अस्पताल में 1,500 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। अस्पताल का संचालन करने वाले चैरिटेबल ट्रस्ट ने पूर्व ट्रस्टियों और उनसे जुड़े लोगों पर घोटाले का आरोप लगाया है। बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। पूर्व ट्रस्टियों में ज्यादातर अनिवासी भारतीय हैं और दुबई व बेल्जियम के निवासी हैं। लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (एलकेएमएमटी) ने इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और बांद्रा पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि अस्पताल परिसर में पूर्व ट्रस्टियों और संबंधित व्यक्तियों की ओर से काला जादू भी किया गया। शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि लीलावती अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड के फोरेंसिक ऑडिट के दौरान उजागर हुई इस हेराफेरी ने ट्रस्ट के संचालन और अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया है।  

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ऑडिट में गड़बड़ी 

एलकेएमएमटी के स्थायी ट्रस्टी ने कहा कि जो भी जानकारी हमारी तरफ से दी गई है वो हमारे द्वारा ऑडिट किए जाने पर मिली है, जिस पर कार्यवाही की जा रही है। उनका कहना है कि हम लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट की अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जो भी घोटाला सामने आया है वह वह हमारे लिए ही नहीं मरीजों के साथ भी विश्वासघात है। इनके खिलाफ चौथी कार्यवाही अब मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित है, जो काले जादू और गुप्त प्रथाओं के लिए बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज हमारी शिकायत पर आधारित है। अस्पताल के परिसर में मानव बाल मिले हैं और सात खोपड़ी वाले सात से ज्यादा कलश भी मिले हैं। इसके लिए महाराष्ट्र एंटी ब्लैक मैजिक एक्ट के तह मामला दर्ज किया गया है।

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ये है पूरा मामला?

ट्रस्ट ने जालसाजी और फंड की हेराफेरी के खिलाफ तीन शिकायते बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज की है। पहली शिकायत 11.52 करोड़ रुपये की जालसाजी और दुरुपयोग के लिए है जसमें मेफेयर रियल्टर्स और वेस्टा इंडिया में निवेश किया गया था, दूसरी शिकायत 44 करोड़ रुपये की कानूनी फीस के रूप मे ठगी के लिए दर्ज की गई है। इसमे आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने लीलावती अस्पताल के तीन पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ दर्ज 85 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले की जांच शुरू की है और तीसरी शिकायत 14 पूर्व ट्रस्टियों और 3 निजी कंपनियों पर आरोप है कि बीते 20 सालों में मेडिकल उपकरणों की अवैध तरह से खरीदारी पर 1200 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी का आरोप है।

इसके अलावा पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा 500 करोड रुपये की कर मांग के दावों की कार्यवाही भी शामिल है साथ ही गुजरात के एक वॉल्ट से 59 करोड़ रुपये के मूल्य के आभूषणों और कीमती वस्तुओं की चोरी का मामला भी जांच के दायरे में है। वहीं चौथी कार्यवाही जो कि मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित है, जो कि काले जादू और गुप्त प्रथाओं के लिए बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज हमारी शिकायत पर आधारित है।

सत्ता संघर्ष और जालसाजी की ये है कहानी

बताया जा रहा है कि लीलावती किर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के संस्थापक किशोरी मेहता 2002 से बीमार चल रहे थे और इलाज के लिए विदेश चले गए थे। इस बीच उनके भाई विजय मेहता ने ट्रस्ट के कुछ समय के लिए संभाल लिया, आरोप है कि विजय मेहता ने दस्तावेजों की जालसाजी करके अपने बेटे और भतीजों को ट्रस्टी बना दिया और स्थाई ट्रस्टी के पद से हटा दिया। यह मामला 2016 तक चला और जब किशोरी मेहता ने अपनी स्थिति दोबार प्राप्त करने के लिए उसके बाद 2024 में उनका निधन हो गया और अब उनके बेटे प्रशात महेता स्थायी ट्रस्टी बने हैं और उन्हें वित्तीय अनियमितताओं का पता चला है और उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज की है। लीलावती अस्पताल का निर्माण 1997 में मुंबई करवाया गया था।

...तो ये है घोटाले का विदेशी लिंक

वर्तमान ट्रस्टियों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल से जुड़ी खरीद फरोक में बड़े स्तर पर धांधली करके फंड को अवैध रूप से डायर्वट किया गया। जिन ट्रस्टियों पर आरोप लगा है वे दुबई और बेल्जियम में हैं। एक बयान में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और एलकेएमएम के मौजूदा कार्यकारी निदेशक परमबीर सिंह ने कहा है कि पूर्व ट्रस्टियों ने ट्रस्ट फंड में भारी मात्रा में धनराशि का गबन किया है और यह घोटाला सैकड़ों करोड़ रुपये का हो सकता है। 

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