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लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, ओम बिरला बोले— "विपक्ष का आचरण संसद की गरिमा के अनुरूप नहीं"

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के पांचवें सत्र का समापन करते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने विपक्षी दलों के आचरण को "संसद की गरिमा के अनुरूप नहीं" बताया।

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Ajit Kumar Pandey
लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, ओम बिरला बोले—

लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, ओम बिरला बोले— "विपक्ष का आचरण संसद की गरिमा के अनुरूप नहीं" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज गुरूवार 21 अगस्त 2025 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते हुए सदस्यों से 'गंभीरता से विचार करने और आत्मचिंतन करने' का आग्रह किया। सदन में "नारेबाजी, तख्तियां दिखाना और सुनियोजित गतिरोध" को संसदीय मर्यादा को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान दिखाई गई भाषा और आचरण "संसद की गरिमा के अनुरूप नहीं" थे।

आपको बता दें कि 18वीं लोकसभा के पांचवें सत्र के समापन अवसर पर अपने भाषण में ओम बिरला ने कहा, "माननीय सदस्यगण, जनप्रतिनिधि होने के नाते, पूरा देश हमारे आचरण और कार्यप्रणाली को देखता है। जनता को हमसे बहुत उम्मीदें हैं कि हम उनकी समस्याओं और व्यापक जनहित के मुद्दों पर, महत्वपूर्ण विधेयकों पर, संसद की मर्यादा के अनुरूप गंभीर और सार्थक चर्चा करें।"

लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से क्या कहा

सदन में स्वस्थ परंपराओं के निर्माण में सहयोग करना हम सभी का दायित्व है। इस गरिमामय सदन में, हमें नारेबाजी और व्यवधान से बचना चाहिए और गंभीर एवं सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाना चाहिए। संसद सदस्य होने के नाते, हमें अपने कार्य और आचरण से देश और दुनिया के सामने एक आदर्श स्थापित करना चाहिए। सदन और संसद परिसर में हमारी भाषा सदैव संयमित और शालीन होनी चाहिए।

"सहमति और असहमति लोकतंत्र की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन हमारा सामूहिक प्रयास यह होना चाहिए कि सदन गरिमा, मर्यादा और शालीनता के साथ चले। हमें यह सोचना होगा कि हम देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था के माध्यम से नागरिकों को क्या संदेश दे रहे हैं। मुझे विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल और माननीय सदस्य इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार और आत्मचिंतन करेंगे।"

मानसून में पेश हुए 14 विधेयक

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मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ और इसमें 14 विधेयक प्रस्तुत किए गए और उनमें से 12 पारित हुए। 28 और 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर और 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर दो विशेष चर्चाएँ आयोजित की गईं।

बिरला ने कहा, "इस सत्र में, कार्यसूची में 419 तारांकित प्रश्न शामिल थे, लेकिन लगातार नियोजित व्यवधानों के कारण, केवल 55 प्रश्नों का ही मौखिक उत्तर दिया जा सका। सत्र की शुरुआत में हम सभी ने तय किया था कि हम 120 घंटे चर्चा और संवाद करेंगे। कार्य मंत्रणा समिति भी इस पर सहमत थी। लेकिन लगातार गतिरोध और नियोजित व्यवधानों के कारण, हम इस सत्र में मुश्किल से 37 घंटे ही काम कर पाए।"

बाद में, बिड़ला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, दिन में, जब लोकसभा सुबह 11 बजे शुरू हुई, तो बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा किए गए हंगामे के बाद, बिड़ला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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