/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/21/ludhiyana-encounter-insite-story-2025-11-21-11-28-31.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । लुधियाना एनकाउंटर ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल BKI की गहरी जड़ों को फिर से उजागर किया है। यह खूंखार खालिस्तानी आतंकी संगठन सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पाकिस्तान, कनाडा और यूरोप के 9 देशों में सक्रिय है। ISI की फंडिंग, ड्रग्स की तस्करी और स्थानीय गैंगस्टरों की मदद से BKI भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देता है, जिसका मुख्य मकसद पंजाब को अस्थिर करना है।
पंजाब के लुधियाना में दिल्ली-अमृतसर हाईवे पर आतंकियों के साथ हुई पुलिस मुठभेड़ ने एक बार फिर भारत के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक 'बब्बर खालसा इंटरनेशनल' BKI की तरफ ध्यान खींचा है। यह एनकाउंटर एक चेतावनी है कि दशकों बाद भी खालिस्तानी आतंकवाद की आग बुझी नहीं है, बल्कि उसने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का रूप ले लिया है।
BKI एक प्रतिबंधित सिख चरमपंथी संगठन है, जिसका जन्म 1978 में हुआ था। इसके संस्थापक थे सुखदेव सिंह बब्बर। इस संगठन का एकमात्र लक्ष्य भारत के पंजाब राज्य को अलग कर 'खालिस्तान' नामक एक स्वतंत्र सिख राष्ट्र बनाना है। यह संगठन भारत, अमेरिका, कनाडा, यूके, यूरोपीय यूनियन, जापान और मलेशिया समेत कई देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित किया जा चुका है।
वह हमला जिसने दुनिया को दहला दिया
बब्बर खालसा के इतिहास का सबसे खूनी अध्याय 1985 में लिखा गया। यही वो घटना थी, जिसने इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया। 23 जून 1985 को, कनाडा से लंदन होते हुए भारत आ रहे एयर इंडिया की उड़ान 182 कनिष्क में आयरिश तट के पास हवा में ही ब्लास्ट हो गया। इस जघन्य हमले में विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। यह घटना इतिहास के सबसे बड़े विमान आतंकी हमलों में से एक थी।
इतने सालों बाद भी यह संगठन आज भी सक्रिय है और भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है।
लुधियाना एनकाउंटर कहानी 'पाकिस्तान' से शुरू होकर 'कनाडा' तक
जब भारत में कोई BKI आतंकी पकड़ा जाता है या एनकाउंटर में मारा जाता है, तो उसकी तारें तुरंत देश की सीमाओं के पार तक जाती हैं। लुधियाना में पकड़ाए आतंकी भी इस ग्लोबल नेटवर्क का हिस्सा थे। यह नेटवर्क लगभग 9 देशों में फैला हुआ है। अगर आप सोचते हैं कि BKI सिर्फ एक स्थानीय समस्या है, तो आप गलत हैं।
इस संगठन का हेडक्वार्टर भारत के सबसे बड़े दुश्मन देश पाकिस्तान के लाहौर में है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस ISI सीधे तौर पर इसे समर्थन देती है।
ये 9 देश हैं BKI के मुख्य ठिकाने
पाकिस्तान: मुख्यालय, आतंकियों का प्रशिक्षण शिविर, ISI का सीधा समर्थन।
कनाडा: सबसे बड़ा प्रवासी सिख समुदाय, संगठन के लिए फंडिंग का मुख्य सोर्स।
यूनाइटेड किंगडम UK: लंदन, बर्मिंघम, डर्बी, और कोवेंट्री में मजबूत उपस्थिति और भर्ती।
जर्मनी: चरमपंथी संगठनों द्वारा इसे स्पॉन्सर किया जाता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका USA: फंडिंग और नए कैडरों की भर्ती।
बेल्जियम, फ्रांस, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड ये स्कैंडिनेवियन और यूरोपीय देश स्लीपर सेल और वित्तीय नेटवर्क का हिस्सा हैं।
उत्तरी अमेरिका और यूरोप में रहने वाला सिख प्रवासी समुदाय इस संगठन की लाइफलाइन है। वे धार्मिक और धर्मार्थ संगठनों की आड़ में धन इकट्ठा करते हैं, जिसे गुप्त रूप से भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
पाकिस्तान की 'पैट्रनशिप' ISI ऐसे चलाती है BKI का रिमोट कंट्रोल
बब्बर खालसा का अस्तित्व काफी हद तक पाकिस्तान के समर्थन पर निर्भर करता है। यह किसी से छिपा नहीं है कि ISI, भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए खालिस्तानी संगठनों को एक 'प्रॉक्सी टूल' के रूप में इस्तेमाल करती है। पैसा, प्रशिक्षण और हथियार भारतीय अधिकारियों की जांच से पता चला है कि ISI ने BKI को करोड़ों रुपयों की फंडिंग की है। ये फंडिंग आतंकवाद के लिए जरूरी प्रशिक्षण और संसाधनों के लिए इस्तेमाल होती है।
विशेष प्रशिक्षण: ISI, BKI के कैडरों को तोड़फोड़ करने, शक्तिशाली विस्फोटकों IED/RPG को संभालने और आधुनिक हथियारों के उपयोग में प्रशिक्षित करती है।
अंतर्राष्ट्रीय भर्ती: 2012 के बाद से, UK, जर्मनी, बेल्जियम, USA और कनाडा से 100 से अधिक सिख युवाओं को छोटे बैचों में पाकिस्तान ले जाकर प्रशिक्षित किया गया है। ये युवा अक्सर विदेशों में रह रहे होते हैं, जहां उन्हें कट्टरपंथी बनाया जाता है।
यह सीधा गठजोड़ बताता है कि पाकिस्तान की सरजमीं पर बैठकर ISI भारत के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश को लगातार हवा दे रही है। ड्रग्स, फ्रंट ऑर्गेनाइजेशन और गैंगस्टर BKI के 5 डार्क ऑपरेशन मॉडल आज का खालिस्तानी आतंकवाद सिर्फ वैचारिक नहीं है, बल्कि यह संगठित अपराध Organised Crime के साथ एक खतरनाक गठजोड़ बना चुका है। BKI के काम करने का तरीका बेहद जटिल और आधुनिक है।
ड्रग्स तस्करी से 'टेरर फंडिंग': BKI की फंडिंग का मुख्य सोर्स सिर्फ विदेशी समर्थक नहीं हैं। संगठन बड़े पैमाने पर सीमा पार से ड्रग्स की तस्करी में शामिल है। यह ड्रग्स का पैसा सीधे आतंकी गतिविधियों और हथियारों की खरीद-फरोख्त में लगाया जाता है।
धार्मिक चोला और 'फ्रंट संगठन': आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा जुटाने का एक और तरीका है 'फ्रंट संगठन' बनाना।
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA के अनुसार, कई धार्मिक या चैरिटी संगठन गुप्त रूप से BKI के लिए काम करते हैं Sikh Organisation for Prisoner Welfare SoPW, Akhand Kirtanee Jattha AKJ, Khalsa Aid ये संगठन बाहर से धर्मार्थ या कैदियों के कल्याण का काम करते दिखाई देते हैं, लेकिन गुप्त रूप से BKI को धन भेजते हैं, जिससे इनकी फंडिंग का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
गैंगस्टरों के साथ खतरनाक गठजोड़: यह BKI के काम करने का सबसे नया और खतरनाक मॉडल है। संगठन ने अपने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के स्थानीय गैंगस्टरों और अपराधियों को काम पर रखा है।
ऑपरेशन को अंजाम देना: ये गैंगस्टर भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं।
हथियारों की सप्लाई: इस गठजोड़ से गैंगस्टरों को सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद तक आसानी से पहुंच मिल जाती है।
हाल के कई बड़े आतंकी हमलों में इस गैंगस्टर-आतंकी गठजोड़ की भूमिका सामने आई है।
हाई-प्रोफाइल आतंकवादी हमले: BKI ने भारत में कई महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रतिष्ठानों को टारगेट कर हमला किया है। यह संगठन अब सिर्फ 'आईईडी' तक सीमित नहीं है, बल्कि रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड RPG जैसे खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है।
मोहाली RPG अटैक: पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर RPG से हमला।
सरहाली RPG अटैक: तरनतारन में सरहाली पुलिस स्टेशन पर RPG हमला।
रोपड़ IED विस्फोट: रोपड़ में क्राइम इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी CIA पर IED विस्फोट।
ये हमले दिखाते हैं कि BKI अब सुरक्षा ढांचे को सीधे चुनौती देने की कोशिश कर रहा है।
इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल
BKI और इसके समर्थक सोशल मीडिया का उपयोग भारत में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें संगठन में भर्ती करने के लिए करते हैं। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी विचारधारा का प्रचार करते हैं और नए कैडरों को गुप्त रूप से संपर्क करते हैं।
कौन है BKI का मौजूदा मुखिया?
भारत की 'मोस्ट वॉन्टेड' लिस्ट फिलहाल बब्बर खालसा इंटरनेशनल का मुखिया वधवा सिंह बब्बर है, जो लंबे समय से पाकिस्तान में पनाह लिए हुए है। वह भारत की 'मोस्ट वॉन्टेड' आतंकी लिस्ट में शामिल है और वहीं से संगठन के सभी ऑपरेशनों को नियंत्रित करता है। वधवा सिंह बब्बर के साथ हाल के वर्षों में कुख्यात गैंगस्टर हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा जैसे अपराधी भी सक्रिय रहे हैं। रिंदा भी पाकिस्तान में रहकर भारत में हमलों को अंजाम दे रहा था, जो गैंगस्टर-आतंकी गठजोड़ को और मजबूत करता है।
भारत की एजेंसियां लगातार इस अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन जब तक पाकिस्तान से इसे समर्थन मिलता रहेगा और कनाडा/यूरोप में मौजूद फंडिंग नेटवर्क सक्रिय रहेगा, तब तक यह चुनौती बनी रहेगी।
लुधियाना एनकाउंटर एक सफलता है, लेकिन यह इस लंबी और जटिल लड़ाई का सिर्फ एक छोटा-सा हिस्सा है।
BKI Terrorism | Pakistan Terror Hub | Khalistan Terror Funding | India Under Threat
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us
/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/11/dXXHxMv9gnrpRAb9ouRk.jpg)