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MahaKumbh Stampede: दोनों सदनों में भारी हंगामा, विपक्षी सांसदों का वॉकआउट

बता दें 29 जनवरी को प्रयागराज में जारी महाकुंभ में भगदड़ मची जिसमें लगभग 30 लोगों की मौत हुई लगभग 60 लोग घायल हुए। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अभी तक मृतकों की कोई विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है। 

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Jyoti Yadav
सदन
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क

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संसद के निचले और ऊपरी सदन दोनों में ही राजनीतिक हंगामा हुआ, जिससे बजट सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही बाधित हुई। विपक्षी सांसद महाकुंभ भगदड़ की घटना समेत कई मुद्दों को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। सोमवार, 3 फरवरी को लोकसभा में कार्यवाही के शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष की तरफ से हादसे पर चर्चा की मांग के साथ ही मृतकों की सूची जारी करने की मांग की जा रही है। बता दें 29 जनवरी को प्रयागराज में जारी महाकुंभ में भगदड़ मची जिसमें लगभग 30 लोगों की मौत हुई लगभग 60 लोग घायल हुए। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अभी तक मृतकों की कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है।

सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया

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लोकसभा के साथ ही विपक्षी दलों का हंगामा राज्यसभा में भी जारी है। बता दें प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ के मुद्दे पर राज्यसभा में सभी विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया। वहीं महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की।

चिंता का विषय यह है

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RJD सांसद मनोज झा ने महाकुंभ भगदड़ मामले पर कहा, "चिंता का विषय यह है कि आखिर कितनी जाने गई हैं?.. महाकुंभ इनसे(भाजपा) पहले भी था और इनके बाद भी होगा, महाकुंभ निरंतर है लेकिन राजनैतिक दल निरंतर नहीं है... लोग जवाबदेही चाहते हैं... इतनी जाने जाएं और सदन को अनभिज्ञ रखना सारे देश को अनभिज्ञ रखने जैसा है..."

एक घंटे के लिए वॉकआउट किया

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महाकुंभ भगदड़ घटना पर कांग्रेस पार्टी के सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "हमने एक घंटे के लिए वॉकआउट किया है फिर जाकर इस मुद्दे को उठाएंगे...मैं जनाना चाहता हूं कि अभी तक सूची क्यों नहीं जारी हुई? जो 30 लोगों की मौत हुई है उनके नाम अभी तक क्यों नहीं बताए गए हैं? उनकी फोटो क्यों नहीं जारी की गई...हम सदन के अंदर क्या उन मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि भी अर्पित नहीं कर सकते? घटना पर चर्चा होनी चाहिए...सरकार जानबूझकर मृतकों की संख्या छुपाना चाहती है...और इस घटना को दबाना चाहती है.."

प्रशासनिक लापरवाही से घटी घटना

महाकुंभ भगदड़ घटना पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, "जो प्रशासनिक लापरवाही हुई..जिसकी वजह से ये घटना घटी। जो वहां पर उपस्थित थे उन लोगों का कहना है कि हजारों लोगों की मौत हुई है...गंभीर लापरवाही लेकिन अभी तक किसी अधिकारी के खिलाफ या किसी के भी खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है और हम लोग यहां पर आवाज उठाना चाहते हैं तो हमारी नोटिस पर कोई सुनवाई नहीं होती है.."

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया सवाल 

विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, "भारत के लोगों ने आपको मेजें तोड़ने, नारेबाजी करने और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए नहीं, बल्कि चर्चा करने के लिए सांसद चुना है।" प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सवाल किया, "क्या भारत के लोगों ने आपको नारेबाजी करने और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए सांसद चुना है?"

बता दें संसद का बजट सत्र शुक्रवार (31 जनवरी) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा और दोनों सदनों की बैठक 10 मार्च को फिर से होगी। सत्र का समापन 4 अप्रैल को होगा।

घटना के बाद से विपक्ष हमलावर

बता दें, इस घटना के बाद से लगातार विपक्षी पार्टियों के नेता सरकार पर हमलावर हो रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट पेश के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महाकुंभ भगदड़ का जिक्र करते हुए कहा, 'सरकार के लिए बजट जरूरी है, भगदड़ में जान गवांने वालों की कोई अहमियत नहीं है। सरकार बजट के आंकड़े के साथ महाकुंभ में जान गंवानेवाले श्रद्धालुओं के आंकड़े दे।

 

महाकुंभ 2025
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