Maharashtra: गरबा में 'केवल हिंदुओं' का प्रवेश, VHP का फरमान! मंत्री बावनकुले क्या बोले?
नवरात्रि से पहले VHA ने गरबा पंडालों में 'केवल हिंदू' की एंट्री का ऐलान किया है। संगठन ने आयोजकों से आधार कार्ड और तिलक के जरिए पहचान करने को कहा है। महाराष्ट्र में सियासी बवाल मच गया है, बीजेपी समर्थन में है तो कांग्रेस ने समाज बांटने की साजिश बताया।
Maharashtra: गरबा में 'केवल हिंदुओं' का प्रवेश, VHP का फरमान! मंत्री बावनकुले क्या बोले? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।नवरात्रि का त्योहार नजदीक है और गरबा को लेकर महाराष्ट्र में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू परिषद ने गरबा आयोजकों से कहा है कि पंडालों में सिर्फ हिंदू ही प्रवेश कर सकेंगे और इसके लिए उनका आधार कार्ड चेक किया जाए। इस बात को लेकर सियासी घमासान मच गया है, जिसमें भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, साल 2025 की नवरात्रि में गरबा को लेकर महाराष्ट्र में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू परिषद ने सभी गरबा आयोजकों से अपील की है कि वे पंडालों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दें। इसके लिए बाकायदा आधार कार्ड की जांच और माथे पर तिलक लगाने की बात कही गई है।
वीएचपी का कहना है कि गरबा सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि एक धार्मिक अनुष्ठान है। इसलिए इसमें वही लोग शामिल हों जो देवी की पूजा में विश्वास रखते हैं।
गरबा को लेकर क्यों मचा सियासी बवाल?
विश्व हिंदू परिषद के इस फरमान पर राजनीति गरमा गई है। बीजेपी नेता और मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने वीएचपी के रुख का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आयोजकों को अपने इवेंट में प्रवेश के लिए नियम तय करने का पूरा अधिकार है, बशर्ते उनके पास पुलिस की अनुमति हो। बीजेपी के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने भी कहा कि गरबा हिंदूओं का धार्मिक आयोजन है और दूसरे धर्मों के लोगों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
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वहीं, कांग्रेस ने विश्व हिंदू परिषद के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि वीएचपी समाज में आग लगाना चाहती है और धार्मिक आधार पर समाज को बांटना चाहती है, ताकि राजनीतिक फायदा उठाया जा सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह कदम देश की "विविधता में एकता" की नींव को हिलाता है।
Maharashtra: गरबा में 'केवल हिंदुओं' का प्रवेश, VHP का फरमान! मंत्री बावनकुले क्या बोले? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
क्या गरबा सिर्फ हिंदुओं का है?
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने अपने बयान में कहा, "गरबा सिर्फ एक डांस नहीं, बल्कि देवी को प्रसन्न करने के लिए एक पूजा है। जो लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते, उन्हें इसमें भाग नहीं लेना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता गरबा पंडालों की निगरानी भी करेंगे।"
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नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। ऐसे में इस दौरान गरबा पंडालों में क्या स्थिति रहती है, यह देखने वाली बात होगी। क्या विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अपनी निगरानी जारी रखेंगे और क्या आयोजक उनके दिशानिर्देशों का पालन करेंगे? फिलहाल, यह मामला सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में गरमाया हुआ है।
Navratri Controversy | Garba Pandal Rules | VHP Maharashtra | BJP vs Congress
Maharashtra: गरबा में 'केवल हिंदुओं' का प्रवेश, VHP का फरमान! मंत्री बावनकुले क्या बोले?
नवरात्रि से पहले VHA ने गरबा पंडालों में 'केवल हिंदू' की एंट्री का ऐलान किया है। संगठन ने आयोजकों से आधार कार्ड और तिलक के जरिए पहचान करने को कहा है। महाराष्ट्र में सियासी बवाल मच गया है, बीजेपी समर्थन में है तो कांग्रेस ने समाज बांटने की साजिश बताया।
Maharashtra: गरबा में 'केवल हिंदुओं' का प्रवेश, VHP का फरमान! मंत्री बावनकुले क्या बोले? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।नवरात्रि का त्योहार नजदीक है और गरबा को लेकर महाराष्ट्र में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू परिषद ने गरबा आयोजकों से कहा है कि पंडालों में सिर्फ हिंदू ही प्रवेश कर सकेंगे और इसके लिए उनका आधार कार्ड चेक किया जाए। इस बात को लेकर सियासी घमासान मच गया है, जिसमें भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, साल 2025 की नवरात्रि में गरबा को लेकर महाराष्ट्र में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू परिषद ने सभी गरबा आयोजकों से अपील की है कि वे पंडालों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दें। इसके लिए बाकायदा आधार कार्ड की जांच और माथे पर तिलक लगाने की बात कही गई है।
वीएचपी का कहना है कि गरबा सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि एक धार्मिक अनुष्ठान है। इसलिए इसमें वही लोग शामिल हों जो देवी की पूजा में विश्वास रखते हैं।
गरबा को लेकर क्यों मचा सियासी बवाल?
विश्व हिंदू परिषद के इस फरमान पर राजनीति गरमा गई है। बीजेपी नेता और मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने वीएचपी के रुख का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आयोजकों को अपने इवेंट में प्रवेश के लिए नियम तय करने का पूरा अधिकार है, बशर्ते उनके पास पुलिस की अनुमति हो। बीजेपी के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने भी कहा कि गरबा हिंदूओं का धार्मिक आयोजन है और दूसरे धर्मों के लोगों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस ने विश्व हिंदू परिषद के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि वीएचपी समाज में आग लगाना चाहती है और धार्मिक आधार पर समाज को बांटना चाहती है, ताकि राजनीतिक फायदा उठाया जा सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह कदम देश की "विविधता में एकता" की नींव को हिलाता है।
क्या गरबा सिर्फ हिंदुओं का है?
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने अपने बयान में कहा, "गरबा सिर्फ एक डांस नहीं, बल्कि देवी को प्रसन्न करने के लिए एक पूजा है। जो लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते, उन्हें इसमें भाग नहीं लेना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता गरबा पंडालों की निगरानी भी करेंगे।"
नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। ऐसे में इस दौरान गरबा पंडालों में क्या स्थिति रहती है, यह देखने वाली बात होगी। क्या विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अपनी निगरानी जारी रखेंगे और क्या आयोजक उनके दिशानिर्देशों का पालन करेंगे? फिलहाल, यह मामला सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में गरमाया हुआ है।
Navratri Controversy | Garba Pandal Rules | VHP Maharashtra | BJP vs Congress