मुंबई, वाईबीएन डेस्क। महाराष्ट्र की राजनीति अब नया करवट ले रही हैं। 20 साल से एक-दूसरे के राजनीतिक प्रतिद्वंदी रहें राज और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने की अटकले तेज हो गई है। इन दोनों भाईयों के अलग होने का कारण भी राजनीतिक और सम्मान से जुड़ा था और अब साथ आने का कारण भी राजनीतिक और मराठी माणुस के सम्मान से जुड़ा हैं। आज से 20 साल पहले साल पहले राज और उद्धव ठाकरे अलग हो गए, राज ठाकरे ने नई पार्टी एमएनसी का गठन किया। अब साथ आने का मुद्दा हिंदी भाषा से जुड़ा हैं। लंबे समय से महाराष्ट्र की राजनीति हिंदी के इर्ध-गिर्ध घूम रही है। दरअसल महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने के मुद्दे ने उद्धव और राज ठाकरे को एक बार फिर साथ आने की अटकलों को तेज किया है। खबर ये भी है कि इस मुद्दे को लेकर उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आंदोलन करने वाले हैं। इसकी जानकारी खुद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दी है।
संजय राउत ने दी जानकारी
बता दें, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार, 27 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो शेयर किया। इसमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा, "महाराष्ट्र के स्कूलों में अनिवार्य हिंदी के खिलाफ एकजुट प्रदर्शन होगा। ठाकरे ही ब्रांड हैं।" इसके अलावा, राउत ने एक अन्य पोस्ट भी शेयर की और इस तस्वीर में उद्धव और राज ठाकरे एक साथ खड़े हुए दिख रहे हैं, जबकि उनके पीछे बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर दिख रही है। उन्होंने इस फोटो के साथ कैप्शन में लिखा, "महाराष्ट्र की जय हो।"
एक साथ होगा हिंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि हिंदी भाषा पर महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी दलों को ये रास नहीं आ रही हैं। इसको लेकर राज ठाकरे ने मुंबई में 6 जुलाई को मार्च का आह्वान किया था और उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन की घोषणा की थी, लेकिन अब संजय राउत ने बताया है कि वे दोनों एक साथ आंदोलन करेंगे। हालांकि हिंदी लंबे समय से महाराष्ट्र के स्कूलों में पढ़ाई जा रही है। हिंदी दूसरी या तीसरी भाषा होगी ये इस बात पर निर्भर करता है कि छात्र किस माध्यम से पढ़ रहा हैं। अगर कोई छात्र हिंदी माध्यम से है तो उसके लिए हिंदी पहली भाषा होगी। वहीं मराठी और अंग्रेजी माध्यम के बच्चों के लिए यह तीसरी भाषा होगी।
राज्य पर 'हिंदी लादने' की कोशिश
बता दें, इससे पहले शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र सरकार पर हिंदी भाषा को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने एक बयान में कहा था, "वर्तमान सरकार राज्य पर 'हिंदी लादने' की कोशिश कर रही है। उनका किसी भाषा या हिंदी भाषी समुदाय से कोई विरोध नहीं है, बल्कि वह जबरन किसी भाषा को थोपने के खिलाफ हैं।" उन्होंने आरोप लगाया था, "बीजेपी की 'बांटने और काटने' की नीति स्पष्ट है। वह मराठी और अन्य भाषियों के बीच जो एकता है, उसे खत्म करने की कोशिश कर रही है।"