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'मेक इन इंडिया' की सबसे घातक मार! जानें — MGS से युद्ध का पूरा समीकरण कैसे बदलेगा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । महाराष्ट्र के अहमदनगर में DRDO द्वारा विकसित स्वदेशी माउंटेड गन सिस्टम (MGS) का सफल प्रदर्शन देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिख रहा है। यह शक्तिशाली तोप प्रणाली भारतीय सेना को रेगिस्तान से लेकर ऊंचे पहाड़ों तक, हर मोर्चे पर अजेय बनाएगी। आज सोमवार 7 जुलाई 2025 को अहमदनगर में व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (VRDE) में एक ऐतिहासिक पल देखा गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के नेतृत्व में, भारतीय उद्योगों, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSU) और प्रमुख अकादमिक संस्थानों के संयुक्त प्रयासों से विकसित किया गया माउंटेड गन सिस्टम (MGS) का अनावरण किया गया। यह सिर्फ एक हथियार प्रणाली नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
दुश्मनों की नींद उड़ाने वाली ताकत
यह अत्याधुनिक तोप प्रणाली 155 मिमी / 52 कैलिबर एडवांस्ड टॉवर्ड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) आर्मामेंट सिस्टम पर आधारित है, जिसे ARDE द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया था। इसे एक 8x8 उच्च-गतिशीलता वाले वाहन पर सफलतापूर्वक अनुकूलित किया गया है। इसका मतलब है कि यह सिर्फ firepower में ही नहीं, बल्कि गतिशीलता में भी बेजोड़ है। कल्पना कीजिए, हमारी सेना के पास ऐसी तोप हो जो पलक झपकते ही अपनी स्थिति बदल सके!
#WATCH | Ahmadnagar, Maharashtra | Mounted Gun System (MGS) - indigenously developed by involving Indian Industries, DPSU, and Premier Academia, under the leadership of DRDO, being displayed at Vehicles Research and Development Establishment
— ANI (@ANI) July 7, 2025
MGS has been designed and developed… pic.twitter.com/UO4EJIcyeQ
रेगिस्तान से हिमालय तक : MGS की मारक क्षमता
MGS को विशेष रूप से रेगिस्तानी और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी 'शूट-एंड-स्कूट' (Shoot and Scoot) क्षमता है। यानी, यह दुश्मन पर हमला करने के बाद तुरंत अपनी जगह बदल सकती है, जिससे दुश्मन को इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है और जवाबी हमला करने का मौका नहीं मिलता। यह युद्ध के मैदान में हमारी सेना को एक बड़ा सामरिक लाभ प्रदान करेगा। यह क्षमता कैसे गेम-चेंजर साबित होगी, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
मेक इन इंडिया का विजयी कदम
माउंटेड गन सिस्टम का विकास 'मेक इन इंडिया' पहल की एक बड़ी सफलता है। इसमें न केवल हमारे वैज्ञानिक और इंजीनियरों का अथक परिश्रम शामिल है, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग की बढ़ती क्षमता को भी दर्शाता है। यह दर्शाता है कि भारत अब केवल हथियारों का आयातक नहीं, बल्कि एक प्रमुख निर्यातक बनने की राह पर है। क्या आपको लगता है कि यह हमारी वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा?
MGS का सफल परीक्षण, सुरक्षा का नया क्षितिज
MGS का सफल परीक्षण भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह हमारी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगा और किसी भी बाहरी चुनौती का सामना करने के लिए हमें और अधिक सक्षम बनाएगा। जब हमारे जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगे, तो देश की सुरक्षा और भी अभेद्य हो जाएगी। यह हमारी सुरक्षा चुनौतियों का स्थायी समाधान कैसे बन सकता है?
DRDO और भारतीय उद्योगों का यह सहयोगात्मक प्रयास भविष्य की रक्षा जरूरतों के लिए एक ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करता है। यह दिखाता है कि जब हम मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। MGS सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी कौशल और रणनीतिक दूरदर्शिता का प्रमाण है। यह हमारे रक्षा अनुसंधान और विकास के लिए नए द्वार खोल रहा है, जिससे भविष्य में और भी उन्नत प्रणालियों का विकास संभव हो सकेगा। यह उपलब्धि भारत को विश्व मंच पर एक मजबूत दावेदार के रूप में कैसे स्थापित करेगी?
माउंटेड गन सिस्टम (MGS) का सफल प्रदर्शन आत्मनिर्भर भारत और मजबूत भारतीय सेना की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह हमारे रक्षा क्षेत्र में नवाचार, सहयोग और स्वदेशीकरण की भावना को दर्शाता है। उम्मीद है कि यह प्रणाली जल्द ही हमारी सेना का अभिन्न अंग बनेगी और देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाएगी।
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